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लैब संचालकों को सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर जांच करने के लिए किया पाबंद

 कोविड-19 एवं ब्लैक फंगस से संबंधित जांचों के लिए निर्धारित दरों से अधिक राशि की लेने पर लैबोरेट्री संचालक पर होगी सख्त कार्यवाही रू डॉ. नवनीत शर्मा


- लैब संचालकों को सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर जांच करने के लिए किया पाबंद
हनुमानगढ़,। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने राजस्थान महामारी अधिनियम-2020 की धारा 4 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए अधिसूचना जारी कर राजस्थान के निजी अस्पतालों एवं प्रयोगशालाओं में कोविड-19 एवं म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) से संबंधित जांचों की दरें गत 23 मई को निर्धारित कर दी गई। अधिसूचना के तहत लगभग 35 जांचों की दरें निर्धारित कर दी गई है। दरें निर्धारित होने बाद हनुमानगढ़ के लैबोरेट्री संचालकों द्वारा दरें निर्धारित होने के बावजूद जांच के लिए अधिक राशि लिए जाने की शिकायत राजस्थान सम्पर्क पोर्टल के 181 कॉल सेेंटर पर दर्ज करवाई गई है।
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने गत 23 मई को अधिसूचना जारी कर कोविड-19 एवं ब्लैक फंगस से संबंधित जांचों के लिए दरें निर्धारित कर दी थी। मंगलवार 25 मई को सूचना प्राप्त हुई हनुमानगढ़ टाउन के एक रहवासी ने राजस्थान सम्पर्क पोर्टल के 181 कॉल सेेंटर पर कोविड-19 के संबंध में शिकायत दर्ज करवाई कि हनुमानगढ़ में कुछ लैबोरेट्री संचालकों द्वारा कोविड-19 से संबंधित जांचों के लिए दरों से अधिक राशि वसूल की जा रही है। उसने शिकायत में कहा कि एमजीएम अस्पताल के सामने स्थित सभी पैथोलोजी लैब संचालकों इस अधिसूचना को मानने से ही इन्कार कर रहे हैं। उन्होंने जांच के एवज में निर्धारित दरों से दुगनी राशि की मांग की।
उन्होंने बताया कि इस शिकायत की त्वरित जांच के लिए 25 मई सायं एक दल का गठन किया, जिसमें डॉ. आशीष विद्यार्थी, धर्मवीर बैरवा एवं अरुण जस्सल शामिल थे। जांच दल ने एमजीएम अस्पताल के सामने स्थित जैन डायग्नोस्टिक सेंटर एवं गर्ग लैबोरेट्री पर जाकर जांच की एवं संबंधित दस्तावेजात् सत्यापन के लिए मांगे। जैन डायग्नोस्टिक सेंटर पर निरीक्षण करने पर पता चला कि सेंटर की डेली बुक में मरीज का नाम व विवरण पाया गया, लेकिन मरीज की क्या-क्या जांच की गई, इस संबंध में कोई जानकारी दर्ज नहीं की जा रही थी। सेंटर की बिल बुक में कोई भी जारी बिल नहीं पाया गया। जांच से यह स्पष्ट हो रहा था कि डायग्नोस्टिक सेंटर पर हो रही जांचों की राशि कम या ज्यादा ली जा रही है। गर्ग लैब के निरीक्षण के दौरान लैब संचालकों ने बिल बुक प्रस्तुत नहीं की। जांच दल ने लैबोरेट्री संचालकों को पाबंद किया कि राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 एवं ब्लैक फंगस से संबंधित जांचों के लिए निर्धारित दरों से अधिक राशि की मांग करने पर संबंधित लैबोरेट्री संचालक पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि आज 26 मई को डॉ. आशीष विद्यार्थी, संतकुमार बिश्नोई एवं अरुण जस्सल की टीम ने जिले में चल रहे लैब संचालकों की जांच की। उन्होंने जोडयिक इमेजिंग सेंटर, मयंक लैब, सीआरएल लैब, ढिल्लो लैब सहित कई संस्थानों पर जाकर जांच की। निरीक्षण में उन्हें कहीं पर भी कोई बिल बुक नहीं मिली। जांच दल ने समस्त लैब संचालकों को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित रेट लिस्ट का फ्लैक्स लगाने के लिए पाबंद किया।
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