धुम्रपान स्वयं के साथ-साथ परिवार के लिए भी घातक है’’
श्रीगंगानगर,। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा आयोजित विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीगंगानगर के द्वारा एक वेबेक्स संगोष्ठी का आयोजन किया गया। प्राधिकरण के सचिव श्री पवन कुमार वर्मा, अपर जिला न्यायाधीश ने कोटपा अधिनियम व राजस्थान धुम्रपान का प्रतिषेध और अधूम्रपायी व्यक्तियों के स्वास्थ्य का सरंक्षण अधिनियम व राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की स्कीम की जानकारी देते हूए बताया कि धुम्रपान करने से उस व्यक्ति के साथ-साथ उसके परिवार के स्वास्थ्य को भी खतरा हो जाता है। राजस्थान मे प्रत्येक सार्वजनिक स्थल, सरकारी भवन, कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थाओं में सभी प्रकार का धुम्रपान व नशा करना निषिद्ध किया गया है। इसका उल्लंघन करने पर जुर्माना व कारावास की सजा हो सकती है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डाॅ. रविकान्त गोयल ने धूम्रपान के दुष्परिणामों के बारे में बोलते हुए कहा कि एक सामान्य व्यक्ति के बजाय धूम्रपान करने वाले व्यक्ति ज्यादा बीमार होते हैं। वर्तमान में कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह कहा जाता है कि सामान्य व्यक्ति की तुलना में धूम्रपान करने वाले में कोरोना होने की संभावना 50 प्रतिशत अधिक हो जाती है। धूम्रपान करने से व्यक्ति के शरीर का, धन का नाश हो जाता है। उसकी सामाजिक ख्याति को भी नुकसान होता है। कोई भी बच्चा स्कूल में यह बताने में शर्म करता है कि उसके घर में कोई धूम्रपान करता है। बच्चे अपने बड़ों के देखा-देखी में धूम्रपान करना सीख जाते हैं जिससे वो धीरे-धीरे बड़े नशे के आदि हो जाते हैं। धूम्रपान एक वैश्विक समस्या है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर रखा है। हम सबको मिलकर धूम्रपान के विरूद्ध अभियान चलाना चाहिए। जो लोग धूम्रपान के आदि हो चुके हैं उन्हें बार-बार समझाकर धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाये। उनकी मदद की जाये तो निश्चित ही हमारा समाज धूम्रपान मुक्त समाज बन पायेगा। कार्यक्रम को पीएलवी श्री इन्द्रमोहन जुनेजा ने भी संबोधित किया।
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