Advertisement

Advertisement

कोविड-19 के दौरान अनाथ बच्चों को मिलेगा अनुदान

 कोविड-19 के दौरान अनाथ बच्चों को मिलेगा अनुदान

श्रीगंगानगर,। जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन ने जिले में 1 मार्च 2020 के पश्चात कोरोना महामारी से हुई मृत्यु के कारण हुए अनाथ बालक, बालिका, विधवा महिलाओं एवं विधवा के बच्चों एवं कोरोना वैश्विक महामारी से पीड़ित परिवारों को अनुदान, आर्थिक सहायता दिए जाने के निर्देश दिए हैं। इस योजना के तहत पात्रता रखने वाले अनाथ बालक, बालिका तथा विधवा महिला एवं उनके बच्चों को तीन श्रेणियों के अनुसार अनुदान, आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना की अनुपालना व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग राजस्थान जयपुर के जारी दिशा निर्देशों के अनुसार यह आदेश जिला कलेक्टर ने जारी किए हैं ।
मुख्यमंत्री कोरोना बाल सहायता
जिला कलक्टर ने बताया कि प्रत्येक बालक, बालिका की तत्काल आवश्यकता हेतु राशि रूपये एक लाख का एकमुश्त अनुदान दिया जायेगा। प्रत्येक बालक, बालिका के 18 वर्ष की आयू पूर्ण करने तक राशि रूपये 2,500 रूपये प्रतिमाह प्रति बालक, बालिका को प्रदान किये जायेगें। प्रत्येक बालक, बालिका के 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर राशि रूपये 5,00,000 की एकमुश्त सहायत दी जावेगी। सहायता राशि अनाथ बालक, बालिक के बैंक खाते में हस्तान्तरित की जावेगी।
शैक्षणिक, अन्य सहायता
उन्होंने बताया कि कक्षा 12 तक निःशुल्क शिक्षा राजकीय आवासी विद्यालय, छात्रावास, विद्यालय के माध्यम से दी जाएगी। काॅलेज में अध्ययन करने वाली छात्राओं को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाएगा। काॅलेज में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए आवासीय सुविधा हेतु अम्बेडकर डीबीटी वाउचर योजना का लाभ दिया जाएगा। इनकी पात्रता हेतु कोई अन्य शर्ते यथा जातिए आय इत्यादि लागू नहीं होगी। मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के अन्तर्गत बेरोजगारी भत्ता दिये जाने में प्राथमिकता से लाभ दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री कोरोना विधवा सहायता
जिला कलक्टर ने बताया कि विधवा महिला को राशि रूपये 1,00,000 का एकमुश्त अनुदान दिया जायेगा। विधवा महिला को उसकी पेंशन हेतु पात्रता धारित करने की अवधि में आजीवन राशि रूपये 1,500 प्रतिमाह पेंशन प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री कोरोना पालनहार सहायता
विधवा महिला के बालक, बालिका के 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक राशि रूपये 1,000 प्रतिमाह प्रति बालक, बालिका दिया जाएगा। विधवा महिला के बालक, बालिका के 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक विद्यालय पौशाक, पाठ्य पुस्तकें आदि हेतु राशि रूपये 2000 प्रति बालक, बालिका एकमुश्त वार्षिक अनुदान दिया जाएगा।
पात्राता
योजनान्तर्गत जिला कलक्टर द्वारा प्रमाणन के आधार पर कोरोना बीमारी से मृत्यु होने पर अनाथ बालक, बालिका तथा विधवा महिला व उनके बच्चे अनुदान, आर्थिक, अन्य सहायता के पात्र होंगे। अनाथ बालक, बालिका तथा विधवा महिला व उनके बच्चे योजनान्तर्गत वर्णित अनुदान, आर्थिक सहायता के अतिरिक्त भारत सरकार व राज्य सरकार की अन्य योजनाओं के तहत लाभ के पात्र हो सकेंगे। अनाथ बालक, बालिका व विधवा महिलाओ के बच्चे पालनहार योजना के तहत् आर्थिक सहायता के पात्र नहीं होंगे। पालनहार योजना में वस्त्र, पाठ्य पुस्तकों आदि के लिए दी जाने वाली राशि रूपये 2,000 प्रति वर्ष एक मुश्त देय होगी। कोरोना के कारण विधवा महिला कोरोना विधवा पेंशन के अलावा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पात्र नहीं होगी।
इसके लिए अनाथ बालक, बालिका तथा विधवा महिलाएं राजस्थान राज्य के मूल निवासी हो अथवा कम से कम तीन वर्ष से राजस्थान राज्य में निवासरत हो। अनाथ बालक, बालिका तथा विधवा महिला के परिवार द्वारा कोरोना योद्धा योजना का लाभ प्राप्त करने की स्थिति में पात्रा नहीं होंगे। अनाथ बालक, बालिका तथा विधवा के बच्चों के मृतक माता-पिता व विधवा के पति के राजकीय सेवा या राजकीय उपक्रम के स्थाई कार्मिक होने की स्थिति में वे राज्य योजना के लाभ के पात्रा नहीं होंगे। अनाथ बालक, बालिका तथा विधवा महिलाओं के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र, विद्यालय में जाना आवश्यक होगा।
विधवा महिला की कोरोना विधवा पेंशन विभिन्न परिस्थितियों में निरस्त की जायेगी। विधवा महिला की स्वयं की राजकीय सेवा में नियुक्ति होने पर तथा विधवा महिला द्वारा पुर्नविवाह किये जाने पर निरस्त की जायेगी। कोरोना के कारण हुई विधवा महिला के लिए अधिकतम आय तथा आयु की सीमा निर्धारित नहीं है।
ब्लाॅक स्तर पर चयन प्रक्रिया
इस योजनान्तर्गत पात्रता रखने वाले अनाथ बालक, बालिका तथा विधवा महिला एवं उनके बच्चों को अनुदान, आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु सर्वे, चिन्हिकरण व कोरोना महामारी से हुई मृत्यु का प्रमाणीकरण करने के लिए ब्लाॅक स्तर पर चयन प्रक्रिया आरम्भ की जावेगी। इस हेतु उपखण्ड अधिकारी द्वारा शहरी क्षेत्र में आयुक्त, अधिशाषी अधिकारी व ग्रमाीण क्षेत्र में विकास अधिकारी के माध्यम से कोरोना बीमारी से अनाथ बालक/बालिकाओं तथा विधवा महिलाओं व उनके बच्चों का सर्वे, चिन्हिकरण व कोरोना महामारी से हुई मृत्यु का प्रमाणीकरण करवाया जायेगा। इस हेतु ब्लाॅक स्तर पर उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है।
ब्लाॅक स्तर पर गठित समिति निर्धारित प्रपत्रों में आवेदन जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कमेठी को प्रेषित करेंगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement