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महामारी के दौरान राष्ट्र की सेवा करके हम खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

 महामारी के दौरान राष्ट्र की सेवा करके हम खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।


रेलवे की फ्रंट लाइन महिला स्टाफ ने सांझा किये अपने कार्यानुभव
श्रीगंगानगर, । कोविड महामारी के इस काल में उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी वर्ग ने रेलों के सतत् संचालन में एक साथ ही आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में अपनी अनुकरणीय भूमिका निभाई।
          उत्तर पश्चिम रेलवे के उपमहाप्रबन्धक व मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट शशि किरण के बताया कि हमारे अग्रिम पंक्ति (फ्रंट लाइन वर्कर्स) के कर्मचारियों ने ना केवल रेलवे संचालन में अनुकरणीय योगदान दिया बल्कि रेलवे अस्पतालों में कार्यरत स्टाॅफ एवं रेलवे स्टेशनों पर साफ-सफाई से जुड़े कर्मचारियों ने अपनी जान पर खेलते हुए कार्य किया है। इस दौरान  अग्रिम पंक्ति (फ्रंट लाइन वर्कर्स) में कार्यरत महिला कर्मचारियों द्वारा अपने अनुभव साझा किये गये।
 रेलवे सुरक्षा बल की महिला उप निरीक्षक दीक्षा चैहान ने बताया कि अपनी ड्यूटी करते हुए कर्तव्य निवर्हन के दौरान स्वयं व पोस्ट पर कार्यरत अन्य बल सदस्यों के कोरोना पाॅजिटिव होने पर उनके द्वारा चिकित्सकों द्वारा जारी निर्देशों व गाईडलाईनों की पालना करते हुए कम समय में कोरोना से रिकवर होने से हम सभी के हौसले मजबूत है। समय पर चिकित्सकीय उपचार लेने एवं आइसोलेशन करने से कोरोना को हराया जा सकता है व संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है। कोविड-19 कोरोना वायरस के शुरू के दिनों में प्रसार होने पर कुछ भय की स्थिति उत्पन्न हुई थी, परन्तु अब संक्रमित स्टाॅफ के रिकवर करने, गाइड लाईन की पालना से संक्रमण से बचाव संभव होने व उच्चाधिकारियों के स्वयं के हमारे साथ मिलकर कार्य करने, मार्गदर्शन करने से बल सदस्यों का मनोबल बढ रहा है एवं हम हर चुनौती में अब अपनी ड्यूटी सरलता व उच्च मनोबल के साथ पूर्ण कर रहे है।
दीक्षा ने बताया कि रेल प्रशासन के प्रयासों से हम सभी बल सदस्यों के दोनों डोज कोविड वैक्सीन के लग चुके है, वेक्सीनेशन समय से लगने से भी अब हमें ड्यूटी करने के दौरान यदि संक्रमण होता भी है, तो किसी प्रकार से जान जोखिम का डर नहीं रहा है। प्रशासन द्वारा हमें संक्रमण बचाव हेतु समय से सभी उपर्युक्त संसाधन मास्क, फेस कवर, सेनेटाइजर, हाथ धोने हेतु साबुन व वासबेसिन की सुविधाए पीपीई किट आदि पर्याप्त मात्रा में हर समय उपलब्ध कराए जा रहे है एवं अपनी ड्यूटी निर्भय होकर कर रहे है। ड्यूटी के बाद हम परिवार को संक्रमण से बचाने हेतु भी साफ-सफाई का पूरा ध्यान रख रहे है इससे परिवार भी सुरक्षित है। हमारे अधिकारियों ने संक्रमित स्टाफ के पास यदि आईसोलेशन के लिए जगह नहीं है तो उसके लिए बैरक में आइसोलेशन कक्ष बनाए है। संक्रमण की स्थिति में हमें किसी प्रकार की असुविधा में भी प्रशासन द्वारा बचाया जा रहा है। अन्य मण्डलों से जो स्टाफ ट्रेन एस्कोर्ट आदि के लिए आता है, उनके लिए बैरक में अलग स्थान बनाया गया है, जिससे अन्य स्टाफ के उनके सम्पर्क में आने से भी बचाव हो रहा है। प्रशासन एवं रेलवे चिकित्सकों द्वारा ड्यूटीरत स्टाफ के बचाव हेतु सभी संभव सुविधाएं हमें उपलब्ध हो रही है इससे हमें ड्यूटी करने में कोई कठिनाईया मन में भय जैसी स्थिति नहीं है।  
 रेलवे सुरक्षा बल की महिला कास्टेबल लक्ष्मी देवी अपने संस्मरण साझा करते हुए बताती है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान जयपुर रेलवे स्टेशन पश्चिम पर फ्रंट लाईन वर्कर का कर्तव्य निर्वहन चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसका निर्वहन कोविड-19 के संबंध में जारी गाईड लाईनों की पालना करते हुए सफलतापूर्वक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस महामारी के दौरान वरिष्ठ व उच्च अधिकारियों से मिल रहे दिशा-निर्देशों, मार्ग दर्शन, सहयोग व हौसला अफजाई से वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण व्याप्त भय व असुरक्षा के माहौल में स्वयं, परिवार व यात्रियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के मध्य जाकर अपने कर्तव्य के निर्वहन का सबल मिला जिससे उत्साह के साथ कर्तव्य निर्वहन सम्भव हो सका।
 रेलवे सुरक्षा बल की महिला कास्टेबल सोनू कुमारी ने अपने अनुभव साझा करते हुए  बताया कि इस महामारी के दौरान देखा जा रहा है कि मानव, मानव से दूर भाग रहा है, कोई किसी को सहारा नहीं दे पा रहा है। ऐसे में हमारे द्वार श्रमिक स्पेशल गाड़ियों में मजदूरों को कोविड गाईडलाइन के फैलाव न हो। इस कार्य में स्वयं को संक्रमित होने का भय है परन्तु अपनी फोर्स की ड्यूटी के निर्वहन के लिए हम पूरे हौसले के साथ अपनी सेवाऐं दे रहे है। आवश्यकता पर यात्रियों एवं मजदूरों को खाना, पानी अन्य आवश्यक खाद्य सामग्री जैसे बच्चों के लिए दूध, कपड़े आदि भी उपलब्ध कराते है। कोविड-19 के दौरान कर्तव्य निर्वहन के साथ-साथ स्वयं कोविड-19 के संबंध में जारी गाईडलाईनों की पालना करवाते हुए यात्रियों को मेरी सहेली अभियान व अन्य माध्यमो से जरूरतमंद यात्रियों को सहयोग व सहायता दी गई है। वे रेलवे सुरक्षा बल के प्रति कृतज्ञता प्रगट कर रहे हैं, उनके चेहरों पर खुशी झलकती देखए खुशी होती है। रेल प्रशासन के द्वार लोगों के राहत सामग्री का वितरण करवाया गया है, जिसमें भी हम सहयोग प्रदान कर रहे हैं। रेलवे सुरक्षा बल के सभी बल सदस्यों ने इस महामारी के दौरान तनए मन और धन से रेल प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर संभव सहायता व सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने में कोई कोर कसर नहीं रखी।  
 उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर स्थित मण्डल रेलवे अस्पताल में कार्यरत विनिता शर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि विगत वर्ष में हमने जैसे ही यह सुना कि आगामी समय रेलवे अस्पताल के लिए एक चुनौतीपूर्ण होगा। क्योंकि कोरोना महामारी का डर सम्पूर्ण भारत में तेजी से फैलने की सम्भावना थी। राज्य सरकार द्वारा रेलवे के समस्त अस्पतालों को भी कोविड अस्पताल के रूप में क्रियाशील करने के निर्देश प्रदान किये। इस  समय में चिकित्साकर्मियों की भूमिका विशेष स्थान रखती है कि जब कोई कोविड से ग्रसित बीमार उनके समक्ष आता है और ऐसे में स्वयं को संक्रमण से बचाते हुए उस बीमार की  सम्पूर्ण देखभाल करना। उस बीमार की बच्चे की तरह से देखभाल करना। उसे समय पर दवा देना। उसे समय पर खाना देना। अगर वह स्वंय खाना खाने मे असमर्थ हो तो उसे बच्चे की तरह खाना खिलाना। उसे डाॅक्टर के परामर्श द्वारा प्राप्त दवाईया और अन्य ड्रिप इत्यादि का समयानुसार अनुसरण करना। वार्ड में साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था करना। वार्ड में अपशिष्ट पदार्थ सामग्री का नियमपूर्वक निस्तारण करना और यह सब अपने आप को संक्रमण से बचाते हुए करना होता है।
विनिता ने बताया कि इस दौरान 6 से 8 घण्टे तक पीपीई किट पहन कर रहना अपने आप में एक विशेष चुनौती होती है। इस पीपीई किट को पहनने के पश्चात् शरीर अपने आप गर्म होकर पसीने छोड़ता है जो कि अत्यन्त मुश्किल भरा लगता है। परन्तु हमें हर साल हाल में रह कर बीमार व्यक्ति की समुचित देखभाल करनी होती है। हम विगत 10 माह से कोविड आईसीयू में ड्यूटी कर रहे है। यहा पर हम मरीजों की सेवा में रात दिन लगे हुए है और कोशिश करते है कि कोविड बीमार तुरन्त स्वास्थ्य होकर अपने परिवार के पास जाए। इस प्रकार से यह एक प्रकार की राष्ट्र सेवा करते हुए हमें अपने आप पर गर्व महसूस होता है कि एक महामारी से जूझ रहे बीमार को हमने उसे बीमारी से बाहर निकाला। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हम लोग रात-दिन कोविड महामारी से जूझ रहे मरीजों की सेवा कर रहे है। हमें अत्यन्त गर्व है कि हम इस प्रकार से इन मरीजों की देखभाल कर राष्ट्र की सेवा कर रहे है। हमारे पीछे से हमारे परिवार जन हमारी चिन्ता करते हैए परन्तु हम इन मरीजों की देखभाल कर इन्हें वापस ठीक करके उन्हें अपने परिवार तक पहुॅचाना हमारा कर्तव्य समझते है। इस दौरान हमें भी संक्रमण का खतरा लगातार बना रहता है। किन्तु रेलवे अस्पताल प्रशासन द्वारा नियमित रूप से साफ-सफाई एवं उपयुक्त उपकरणों से हमें सुसज्जित करता है। ताकि ये उपकरण इस महामारी से लडने से हमारी हथियार के रूप में मदद करते है। इस प्रकार प्रथम पंक्ति में खड़े होकर राष्ट्र सेवा करने में हम अपने आप को गौरन्वान्वित महसूस करते है। अस्पताल की सेवा से वापस घर लौटते समय हम हमारी स्वच्छता का सम्पूर्ण ख्यालध्ध्यान रखते है ताकि हमारे माध्यम से यह संक्रमण हमारे परिवारजनों तक ना पहुॅचे इसके लिए हम परिवारजनों से मिलने से पूर्व साबुन द्वार अच्छे से स्नान करके अपने आप को सेनेटाइज करते है ताकि संक्रमण हमारे परिवारजनों तक ना पहुॅचें।

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