हनुमानगढ़। आज एडिटर एंड जर्नलिस्ट मीडिया काउंसिल प्रन्यास ने जिले के प्रभारी एवं ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बी.डी. कल्ला को सीएम के नाम पत्र सौंपा। प्रन्यास ने पत्र में लिखा कि हमने प्रदेश के सभी पत्रकारों को कोरोना वॉरियर्स मानने की मांग रखते हुए प्रदेश भर से ज्ञापन सोंपे थे। जिसके बाद मीडियाकर्मियों और हॉकरों को वेक्सीन के निर्देश सरकार द्वारा दिया गया था जिसका प्रन्यास ने स्वागत किया था। पत्र में आगे लिखा गया कि अभी तक राज्य सरकार की तरफ से सभी पत्रकारों को कोरोना वॉरियर्स मानने की मांग पर पहल नहीं कि गयी है। जिसका पत्रकारों में सरकार के प्रति रोष भी है। वहीं पत्र में प्रदेश के पत्रकारों पर बढ़ रहे झूठे मामले और हमलो पर प्रन्यास ने चिंता जाहिर करते हुए प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि पत्रकार सुरक्षा कानून का निर्माण किया जाए ताकि प्रेस की आजादी को बचाया जा सके। इसी के साथ प्रन्यास ने मांग की इस कोरोना वॉरियर्स मानने और पत्रकार सुरक्षा कानून बनाते वक्त सभी पत्रकारों को शामिल किया जाए। ऊर्जा मंत्री बी.डी. कल्ला ने पत्रकारों की इस मांग को जायज बताते हुए सीएम अशोक गहलोत से बात करने का आश्वासन सभी पत्रकारों को दिया है। प्रभारी मंत्री को पत्र सौंपते वक़्त राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, जिला कार्यकारिणी सदस्य जसविंदर सिंह, गुरदेव सिंह सैनी, रामनिवास मांडण, भारतेन्दु सैनी, हिमांशु मिड्डा, राजेन्द्र वाट्स, सुनील शर्मा, राहुल मांडण, संजय सौलंकी, अभिषेक शर्मा सहित अनेक पत्रकार मौजूद थे।
Sunday, 6 June 2021

Home
Hanumangarh News in Hindi
Rajasthan
Rajasthan News
report exclusive
इजेएमसी ने सौंपा ऊर्जा मंत्री को पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने एवं कोरोना वारियर्स मानने का पत्र
इजेएमसी ने सौंपा ऊर्जा मंत्री को पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने एवं कोरोना वारियर्स मानने का पत्र
Tags
# Hanumangarh News in Hindi
# Rajasthan
# Rajasthan News
# report exclusive
Share This
About report exclusive news
report exclusive
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
आपके सुझाव आमंत्रित
क्या कॉरपोरेट घरानों द्वारा चलाए जा रहे या पारिवारिक विरासत बन चुके मीडिया संस्थानों के बीच किसी ऐसे संस्थान की कल्पना की जा सकती है जहां सिर्फ पत्रकार और पाठक को महत्व दिया जाए? कोई ऐसा अखबार, टेलीविजन चैनल या मीडिया वेबसाइट जहां संपादक पत्रकारों की नियुक्ति, खबरों की कवरेज जैसे फैसले संस्थान और पत्रकारिता के हित को ध्यान में रखकर ले, न कि संस्थान मालिक या किसी नेता या विज्ञापनदाता को ध्यान में रखकर. किसी भी लोकतंत्र में जनता मीडिया से इतनी उम्मीद तो करती ही है पर भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में मीडिया के वर्तमान माहौल में संपादकों को ये आजादी बमुश्किल मिलती है. वक्त के साथ-साथ पत्रकारिता का स्तर नीचे जा रहा है, स्थितियां और खराब होती जा रही हैं. अब हम निष्पक्ष व् स्वतंत्र रूप से जुड़ने का काम करने का प्रयास कर रहे हैं.
No comments:
Post a Comment
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे