श्रीगंगानगर, । अंजू गांव जोधेवाला (28जीजी), अपने ससुराल में रहती है व दो बच्चों की मां है व इनका मध्यमवर्गीय परिवार है। अंजू के पति एसी व रेफ्रिजरेटर रिपेयरिंग का काम करते हैं, लेकिन यह एक सीजनल कार्य है इसलिए परिवार चलाने में उनकी सहायता के लिए अंजू ने घर पर ही अपनी काॅस्मेटिक की दुकान कर रखी थी। गांव में अनेक काॅस्मेटिक की दुकानें होने के कारण इनका भी काम कम चलता था, इसलिए वे किसी ऐसे काम की तलाश में थी जो कम से कम खर्चे में व इस काम के साथ किया जा सके तथा जिसकी गांव में आवश्यकता भी हो।
किसी ने सुझाव दिया कि वे ब्यूटी पार्लर का काम सीखकर काॅस्मेटिक के साथ-साथ ब्यूटी पार्लर खोल लें। अंजू को यह सुझाव अच्छा लगा लेकिन जब बाजार में पार्लर का काम सीखने के लिए पूछा तो पता चला कि इस काम को सीखने में 60,000-70,000 रूपये लगेंगे। अंजू के लिए इतनी फीस दे पाना संभव नहीं था। इसलिए उसने यह ख्याल छोड़ दिया।एक दिन किसी रिश्तेदार ने उन्हें स्वामी चैरिटेबल ट्रस्ट, श्रीगंगानगर के बारे में बताया कि वो विभिन्न कौशल विकास संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाते रहते हैं व उन्होंने उनका हेल्पलाइन नम्बर भी दिया। अंजू ने जब ट्रस्ट के हेल्पलाइन नम्बर पर उनसे बात कि तो उन्होंने बताया कि जल्द ही राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा प्रायोजित नियमित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत ‘ब्राइडल मेकअप आर्टिस्ट‘ का प्रशिक्षण शुरू होने वाला है और यह निःशुल्क है।
यह सुनकर अंजू की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा क्योंकि एक तो कुछ सीखकर अपने आप को साबित करने और अपने काम को बढ़ाने का मौका मिल रहा था और वह भी ‘निःशुल्क‘। अंजू ने अपने पति से बात की उन्होंने पूरा साथ दिया व साथ जाकर प्रशिक्षण हेतु आवेदन पत्र भरा व प्रशिक्षण संबंधी सभी जानकारी प्राप्त की।
प्रशिक्षण के दौरान बहुत-सी परेशानियां हुईं । अंजू को जल्दी-जल्दी घर का काम करना पड़ता व बच्चे छोटे होने के कारण उन्हें रोजाना रिश्तेदारों के यहां छोड़ना पड़ता। काॅस्मेटिक के काम में भी अनेक दिक्कतें आई। लेकिन अंजू के लिए यह प्रशिक्षण प्राप्त करना बहुत आवश्यक था और अंततः उसने सफलापूर्वक यह प्रशिक्षण प्राप्त किया।
प्रशिक्षण समाप्त होने के पश्चात् उसने घर पर ही स्वंय का जगदम्बा काॅस्मेटिक एण्ड ब्यूटी पार्लर के नाम से काम शुरू कर लिया। काॅस्मेटिक के काम के अतिरिक्त ब्यूटी पार्लर के काम से अंजू आज प्रतिमाह त्यौहार और शादी के सीजन में करीब 12,000-14,000 रूपये व सामान्यतः 7,000-8,000 रूपये कमा रही है ।
राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा प्रायोजित व स्वामी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित यह जो कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है इसने अंजू की जिन्दगी संवार दी है। अंजू का पूरा परिवार तहेदिल से राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम व स्वामी चैरिटेबल ट्रस्ट का आभारी है।
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