Advertisement

Advertisement

राजस्थान को मिले हिस्से का पूरा पानी और बीबीएमबी में हो प्रदेश का प्रतिनिधित्वः सांसद निहाल चन्द

श्रीगंगानगर,। लोकसभा की जल संसाधन संबंधी स्थायी समिति द्वारा जल परियोजनाओं और जल संबंधी राज्यों के विवादों को लेकर मंगलवार को चंडीगढ़ में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें जल संसाधन स्थायी समिति के अध्यक्ष डाॅ. संजय जायसवाल, श्री अरुण सिंह, श्रीगंगानगर से लोक सभा सांसद श्री निहाल चन्द समेत अन्य सदस्यों, हरियाणा जलदाय विभाग और जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारीयों ने भाग लिया। इन दिनों लोक सभा की जल संसाधन संबंधी स्थायी समिति राज्यों के आपसी जल विवाद और दूषित जल के मुद्दों को लेकर पंजाब के दौरे पर है, जहाँ जल संबंधी परियोजनाओं, पानी के बंटवारे और दूषित जल के प्रवाह संबंधी मुद्दों पर चर्चा चल रही है।

इस बैठक में राजस्थान की जल संबंधी समस्याओं और राजस्थान, पंजाब व हरियाणा के बीच चल रहे जल बंटवारे के विषय में अपनी बात रखते हुए पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री व श्रीगंगानगर से लोकसभा सांसद श्री निहाल चन्द ने भाखड़ा मेन लाइन के द्वारा राजस्थान को 0.17 एमएएफ रावी-व्यास के अधिक्य जल का आवंटन करने, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में राजस्थान को प्रतिनिधित्व दिए जाने और पंजाब द्वारा राजस्थान को जल समझौतों के अनुसार सिंचाई व पेयजल की पूरी आपूर्ति करने जैसे मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करवाया। जल समझौते के अनुसार अभी भी राजस्थान को .6 एमएएफ कम पानी की आपूर्ति हो रही है ।
31 दिसम्बर 1981 को मुख्यमंत्री, पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान के मध्य तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गाँधी की अध्यक्षता में रावी-व्यास अधिशेष जल में से 8.6 एमएएफ जल का आवंटन हुआ था और साथ ही शेष 0.17 एमएएफ पानी जोकि लगभग 300 क्यूसेक के बराबर है, को एक्स नांगल से भाखड़ा मेन लाइन के द्वारा राजस्थान को वितरित करने पर सहमति हुई थी । लेकिन तब से लेकर अब तक राजस्थान को समझौते के अनुसार 0.60 एमएएफ और शेष 0.17 एमएएफ (एक्स नांगल भाखड़ा मेन लाइन के द्वारा) पूरा पानी नहीं मिल रहा है। इस विषय में राजस्थान के अधिकारीयों द्वारा बीबीएमबी को दिनांक 10 जनवरी 2003 को एक एजेंडा नोट प्रस्तावित किया था, लेकिन बीबीएमबी में सदस्य राज्यों पंजाब व हरियाणा द्वारा इस मुद्दे पर अपनी अनिच्छा जाहिर करते हुए इसको समाप्त कर दिया। उसके बाद से प्रदेश द्वारा इस मुद्दे को विभिन्न माध्यमों से कई बार उठाया जा चुका है, जिस पर कोई सकारात्मक निर्णय या कार्यवाही नहीं हुई है। तत्पश्चात इस प्रकरण को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष उठाया गया, जोकि अभी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के विचाराधीन है। 21 जून 2021 को बीबीएमबी के पास जल की कुल जमा मात्रा 8 लाख क्यूसेक थी, जिसमें से राजस्थान के हिस्से में 2 लाख 16 हजार क्यूसेक पानी आना था, लेकिन इतना पानी भी राजस्थान को प्राप्त नहीं हो सका है।
सांसद ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2013 से 2018 के मध्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा मिलकर किसानों को फसल के लिए समुचित पानी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के अंतर्गत गंगनहर में श्रीगंगानगर जिले में प्रथम चरण में सी.ए.डी. योजना के तहत 387 करोड़ रूपए तथा द्वितीय चरण में 147 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत और खर्च की गई। इंदिरा गांधी नहर परियोजना की सीसी लाइनिंग के लिए 3700 करोड रूपए की राशि स्वीकृत की गई । भाखडा नहर सीएडी परियोजना के तहत पक्के खालों के लिए प्रथम एवं द्वितीय चरण में 370 करोड़ रूपए और गंगनहर परियोजना के हरिके बैराज की मरम्मत व साफ सफाई के लिए 64 करोड़ रूपए खर्च कर किसानों को राहत प्रदान की गई है।
सांसद श्री निहाल चन्द ने बैठक में चर्चा के दौरान भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में राजस्थान राज्य से पूर्णकालीन सदस्य एवं सचिव की नियुक्ति करने के मुद्दे को भी गंभीरता के साथ उठाया। उन्होंने समिति के सामने कहा कि बीबीएमबी में सदस्यों को केवल पंजाब व हरियाणा से नियुक्त किया जाए, ऐसा कहीं भी उल्लेख नहीं है, जबकि बीबीएमबी का कार्य सुचारू और निष्पक्ष ढंग से कराने हेतु रोटेशन द्वारा सदस्यों की नियुक्ति की जानी चाहिए, साथ ही सांसद ने एक्स नांगल भाखड़ा मेन लाइन पर एक दीवार बनाये जाने का सुझाव भी समिति को दिया ताकि अधिक्य जल की बर्बादी को बचाया जा सके। समिति ने इन सभी मुद्दों का संज्ञान लेते हुए सम्बंधित अधिकारीयों और बीबीएमबी से इस विषय में विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार व समिति को भेजने और जल्द ही इन समस्याओं के स्थायी समाधान करने का निर्देश दिया है

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement