Advertisement

Advertisement

बांधों में पानी की स्थिति चिंताजनक, बीबीएमबी द्वारा लगभग 10 दिन के अंतराल से तकनीकी समिति की बैठक आयोजित कर पानी की समीक्षा की जा रही है- मुख्य अभियंता

 बांधों में पानी की स्थिति चिंताजनक, बीबीएमबी द्वारा लगभग 10 दिन के अंतराल से तकनीकी समिति की बैठक आयोजित कर पानी की समीक्षा की जा रही है- मुख्य अभियंता

रावी-ब्यास व सतलज नदियों के पानी की बांधों में उपलब्धता के मद्देनजर मुख्य अभियंता ने दी जानकारी
इंदिरा गांधी नहर परियोजना, गंग नहर एवं भाखड़ा नहर प्रणाली में सिंचाई पानी व पेयजल पर दी जानकारी


हनुमानगढ़, । सिंचाई के मुख्य अभियंता (उत्तर) श्री विनोद मित्तल ने बताया कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना, गंग नहर प्रणाली व भाखड़ा नहर प्रणाली को रावी व्यास नदियों पर निर्मित पोंग बांध व रणजीत सागर बांध तथा सतलज नदी पर स्थित भाखड़ा बांध से अंतरराज्यीय समझौतों के अनुसार पानी प्राप्त होता है। पाँग बांध, भाखड़ा बांध व रणजीत सागर बांध में पानी संग्रहित होने अर्थात भराव अवधि 21 मई से 20 सितंबर तक मानी जाती है। पोंग बांध में सामान्यतया 20 जून के बाद बरसात का पानी आना शुरू हो जाता है। परंतु इस वर्ष मानसून की देरी से बांधों में पानी की आवक अपेक्षा अनुसार नहीं हो रही है जिससे गत वर्षों की तुलना में बांधों में अभी तक पानी कम भरा है।
                                   श्री मित्तल ने बताया कि गत वर्ष के जल स्तर की तुलना में इस वर्ष 19 अगस्त तक पोंग बांध 22.57 फीट, भाखड़ा बांध 27.13 फीट एवं रणजीत सागर बांध 1.65 मी. (5.41 फीट) कम है। गत 10 वर्षों के औसत जल स्तर की तुलना में भी इस वर्ष 19 अगस्त तक पोंग बांध 32. 73 फीट, भाखड़ा बांध 34.71 फीट एवं रणजीत सागर बांध 10.12 मी. (33.21 फीट) कम है। बांधों में पानी की स्थिति चिंताजनक होने के कारण बीबीएमबी के द्वारा लगभग 10 दिन के अंतराल से तकनीकी समिति की बैठक आयोजित कर पानी की समीक्षा की जा रही है। जिससे सहभागी राज्यों की न्यूनतम सिंचाई पेयजल की मांग का निर्धारण किया जा है।  
                                    श्री मित्तल ने बताया कि बी.बी.एम. बी. की दिनांक 30 जुलाई 2021 को आयोजित तकनीकी समिति की बैठक में दिनांक 1 से 20 अगस्त तक के लिए राजस्थान को रावी-ब्यास का शेयर 10,500 क्यूसेक एवं सतलुज वाया पंजाब का शेयर 1200 क्यूसेक निर्धारित किया गया था। किंतु बांधों में पानी की आवक कम होने के मद्देनजर बी.बी.एम. बी. द्वारा दिनांक 16 अगस्त को पुनरू समीक्षा की गई एवं दिनांक 17 से 31 अगस्त तक के लिए राजस्थान के रावी व्यास के शेयर को घटाकर 9000 क्यूसेक एवं सतलुज वाया पंजाब का शेयर 1000 क्यूसेक कर दिया गया है। जिस कारण वर्तमान में इंदिरा गांधी नहर परियोजना का शेयर 7750 से घटकर 6050 रह गया है। गंगनहर का 2500 एवं भाखड़ा प्रणाली का 1200 क्यूसेक शेयर यथावत है।
                                   मुख्य अभियंता ने बताया कि वर्तमान में बांधो में पानी की आवक ड्राई इनफ्लौस से भी कम हो रही है एवं फिलिंग पीरियड की शेष 30 दिनों की अवधि में मौसम पूर्वानुमान के अनुसार मानसून भी सीमित रहने का अनुमान है। बी.बी.एम. बी. द्वारा आने वाले समय की मिनिमम आवश्यकताओं के दृष्टिगत पौंग एवं भाखड़ा के लिए 20 सितम्बर तक क्रमशः 1350 व 1650 का जलस्तर हासिल करना निर्धारित किया है। जिसके मद्देनजर सभी सहभागी राज्यों की मांगों में कटौती की जा रही है। वर्तमान में गंग नहर व भाखड़ा प्रणाली की नहरों में सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
                                  इंदिरा गांधी नहर परियोजना में सुचारू रूप से रेगुलेशन निर्धारित करने के लिए एक माह में लगभग 2.00 लाख क्यूसेक दिवस पानी की सुनिश्चितता आवश्यक है, जो कि वर्तमान परिदृश्य में संभव प्रतीत नहीं हो रही है, क्योंकि बी.बी.एम.बी. के द्वारा 10-10 दिनों का ही पानी निर्धारित किया जा रहा है। फिर भी जल संसाधन विभाग की ओर से पानी की हर बूंद का सदुपयोग करते हुए पानी का वितरण किया जा रहा है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement