महिंयावाली में नशा मुक्ति जन जागृति कार्यशाला का आयोजन
श्रीगंगानगर,। जिला पुलिस अधीक्षक श्री राजन दुष्यन्त के निर्देशानुसार चलाए जा रहे नशा मुक्ति महाअभियान के अन्तर्गत शुक्रवार को पुलिस थाना चुनावगढ़ द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय महिंयावाली में नशा मुक्ति जन जागृति कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीगंगानगर श्री सही राम बिश्नोई ने कहा कि नशा प्रवृति आज एक महामारी का रूप ले चुकी है, नशा करने से युवा पीढी पथ भ्रष्ट हो कर अनुचित कार्यो, अपराधो इत्यादि में संलिप्त हो रही है, अपना भविष्य बर्बाद कर रही है तथा समाज के लिए विकराल समस्या का रूप ले रही है। नशे को काबू करने के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा नशा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है जिसमें जन-जन को जुड़ कर समाज को नशा मुक्त करने के पावन उद्देश्य से अपना हर सम्भव सहयोग प्रदान करना चाहिए जिससे नशे को मिटाया जा सके।
कार्यक्रम में नशा मुक्ति विशेषज्ञ डाॅ. रविकान्त गोयल ने कहा कि नशे की एक लत व्यक्ति से उसका तन-मन-धन, सामाजिक प्रतिष्ठा छीन लेती है तथा बदले में दुख-दर्द, तकलीफें मुसीबतें प्रदान करती है। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले अनेक लोग नशे में अपनी सारी कमाई बर्बाद कर देते है तथा घर जा कर परिवार के साथ मारपीट, गाली-गलौच इत्यादि करते हंै जिससे उनके घर में गरीबी, लाचारी अभाव इत्यादि समस्यायें डेरा डाल लेती हैं, बच्चे छोटी छोटी वस्तुओं के लिए तरसते हंै। डाॅ. गोयल ने बताया कि ऐसे व्यक्ति जब उनसे ईलाज लेकर नशा छोड़ देते हंै तो उनके जीवन में सुखद परिवर्तन स्पष्ट दृष्टिगोचर होने लगते हैं, बच्चों की आवश्यकताओं की पूर्ति होने लगती है, प्रेम एवं उल्लास का वातावरण बन जाता है तथा सुन्दर भविष्य की आशा के दीप टिमटिमाने लगते है। डाॅ. गोयल ने उपस्थित लोगो को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत करवा कर नशे से बचने के उपाय बताये तथा जीवन भर नशा न करने की शपथ दिलवाई।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि पुलिस वृताधिकारी वृत ग्रामीण से श्री भंवरलाल ने कहा कि नशा सभ्य समाज पर एक कंलक है, जिसे हमें जड़ से उखाड़ना है, जिसके लिए प्रशासन के साथ-साथ समाज की जागरूकता एवं सहभागिता अतयन्त आवश्यक है। सामूहिक प्रयासों से ही इस दावानल समस्या पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने समाज को प्रशासन का सहयोग करने का आहवान किया कार्यक्रम में समाज सेवी श्री विजय किरोडीवाल ने कहा कि नशे का मार्ग व्यक्ति को पतन की ओर ले जाता है, नशा व्यक्ति से उसकी अच्छाईयों को छीन कर उसमें बुराईयां भर देता है। नशे को मिटा कर ही इसके दुष्परिणामों से बचा जा सकता है।
कार्यक्रम में शाला प्रधानाचार्य श्री तिजेन्द्र सिंह ने कहा कि नशा चाहे ज्यादातर पुरूष ही करे लेकिन उसका प्रकोप न केवल परिवार पर बल्कि पूरे समाज पर पड़ता है विशेष तौर पर महिलाऐं इस से ज्यादा पीडित होती है, महिलाओं के साथ होने वाली घटनाएं जैसे मारपीट, गाली-गलौच, छीना झपटी एवं दुष्कर्म ज्यादातर नशा करने वाले व्यक्तियों द्वारा की जाती है। अतः महिलाओं को जागरूक होकर तथा सशक्त हो कर नशे का समूल नाश करने हेतु प्रतिबद्ध होना होगा, जिससे महिलाएं सम्मान पूर्वक जीवन यापन कर सके। इस अवसर पर सरपंच श्री राकेश बैनिवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। (
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