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घरों में जन्म लेता है मच्छर, जो दिन में ही काटता है ,चलो रूका हुआ पानी हटाएं : डॉ. नवनीत शर्मा

 चलो रूका हुआ पानी हटाएं : डॉ. नवनीत शर्मा



- घरों में जन्म लेता है मच्छर, जो दिन में ही काटता है
- एडीज एजिप्टी मच्छर साफ पानी में अण्डे देता है
- बिना पानी के भी एक साल से अधिक समय तक जिंदा रह सकते हैं
- मच्छर पैदा कर सकती है 500 से 1000 तक मच्छर

हनुमानगढ़। अगर आपको तेज सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, जी घबराना, उल्टी आदि लक्षणों के साथ तेज बुखार है, तो डेंगू का संकेत हो सकते हंै। एडीज एजिप्टी मच्छर के काटे जाने के चार से दस दिन के भीतर ये लक्षण पैदा हो सकते हैं। डेंगू को 'हड्डी तोड़Ó बुखार के नाम से भी जाना जाता है। यह मच्छर साफ पानी में पाया जाता है, इसलिए हमारा यह नैतिक बन जाता है कि हम अपने घरों व आसपास की जगहों पर रूके हुए पानी को नष्ट करें, ताकि यह मच्छर पनप ही ना सके।

सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि मौसम बदलने के साथ ही डेंगू होने की सम्भावना बढ़ जाती है, बड़ों से लेकर बच्चों तक को अपना शिकार बना रहा है। ऐसे में हम सभी को डेंगू से बचाव के लिए सावधानियां बरतने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। यह मादा मच्छर होती है, जो हमारे घर के आसपास जमा पानी, बर्तनों, पौधों, कूलर, छत पर पड़े टायर आदि में अण्डे देती है। मच्छरों की यह प्रजाति उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में साल भर जीवित रह सकती है और मनुष्यों के साथ-साथ जानवरों को भी अपनी चपेट में ले सकती है। डॉ. शर्मा ने कहा कि शहर क्षेत्रों में डेंगू के बढऩे के कई कारण हैं। उन्होंने कहा कि अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि, अनियंत्रित शहरीकरण, असंतुलित जल प्रबंधन एवं जलापूर्ति से भी शहरों में डेंगू पनप रहा है। उन्होंने कहा कि बारिश के बाद जुलाई से अक्टूबर तक डेंगू अपने चरम पर होता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने-अपने स्तर से 'रूका हुआ पानी हटानेÓ का अभियान का अभियान चलाना चाहिए ताकि हम और हमारा परिवार डेंगू जैसी बीमारी से बचा रहे। इसके अलावा आमजन गम्बूशिया मछली भी चिकित्सा विभाग से प्राप्त कर सकते हैं, जो लार्वा को खाकर उसे नष्ट कर देती है।

कैसे दिखता है डेंगू मच्छर
डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि डेंगू फैलाने वाला एडीज इजिप्टी एक छोटा, गहरे रंग का मच्छर है जिसमें बंधी हुई टांगें होती हैं। इस वजह से ये मादा मच्छर ज्यादा ऊपर नहीं उड़ पाते हैं और दूसरे मच्छरों की तुलना में इजिप्टी छोटे होते हैं। मच्छर आमतौर पर लोगों को घर के अंदर काटता है और दिन के समय पानी में अंडे देता है जिसमें पत्तियां, शैवाल आदि जैसे कार्बनिक पदार्थ होते हैं।

डेंगू मच्छर के काटने का व्यवहार

एडीज इजिप्टी मच्छर मुख्य रूप से दिन में काटता है। यह सूर्योदय के दो घंटे बाद और सूर्यास्त से कई घंटे पहले सबसे अधिक सक्रिय रहता है, लेकिन संभावना है कि यह आपको रात में भी काट सकता है। चूंकि ये मच्छर ज्यादा ऊंचा नहीं उड़ पाता है इसलिए ये आमतौर पर टखनों और कोहनी पर काटता है।

इंसानों को काटने के 3 दिन बाद अंडे देता है मच्छर
डॉ. शर्मा ने कहा कि मच्छर, इंसानों को काटने के तीन दिन बाद अंडे देता है। एक मादा मच्छर एक बार में 100 से लेकर 300 तक अंडे देती है और ऐसा वह अपने एक महीने के जीवन काल में 4 से 5 बार करती है। जब बारिश में अंडे पानी से भर जाते हैं, तो इनमें से लार्वा निकलता है। लार्वा पानी से भरे कंटेनरों में शैवाल, छोटे जलीय जीवों, पौधों के कणों को खाते हैं। अंडों से लार्वा बनने में 2 से 7 दिन लगते हैं। लार्वा के बाद 4 दिन में यह मच्छर की शेप में आ जाता है और 2 दिन बाद उडऩे लायक मच्छर बन जाता है। एक वयस्क मच्छर का जीवनकाल लगभग तीन सप्ताह का होता है। एडीज इजिप्टी मच्छर गर्मियों में पैदा होते हैं और सर्दियों के मौसम में जीवित नहीं रहते हैं।

कई वायरस को फैलाती है एडीज एजिप्टी
एडीज एजिप्टी नामक मादा मच्छर केवल डेंगू के वायरस को ही इंसान के शरीर में नहीं भेजती, बल्कि यह चिकनगुनिया, येलो फीवर व जीका वायरस के लिए भी एजेंट का काम करती है। इन बीमारियों का वायरस भी इसी मच्छर के माध्यम से एक इन्फेक्टेड इंसान से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है।

डेंगू के लक्षण और बचाव के उपाय
डॉ. शर्मा ने कहा कि डेंगू के मच्छर से तेज बुखार, सिरदर्द, मांस पेशियों में दर्द, स्किन पर लाल रंग के दाने निकलना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जोड़ों में दर्द, सूजन आना, मसूड़ों व नाक से खून निकलना डेंगू के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे लक्षण सामने आने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाकर जांच करवानी चाहिए तथा अच्छे डॉक्टर से इसका इलाज करवाना चाहिए क्योंकि अगर इस बीमारी की अनदेखी की जाए, तो यह जानलेवा बन सकती है। अधिक से अधिक पानी पिऐं और पीने के पानी के स्रोत को ढककर रखें।

बचना है तो घर में जमा ना होने दें पानी
डॉ. शर्मा ने कहा कि डेंगू से बचने के लिए शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिएं, क्योंकि डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है। वहीं रात को सोते समय मच्छरदानी, मच्छर भगाने वाले लोशन व तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। टूटे बर्तन, पुराने टायर और ड्रमों आदि में पानी न खड़ा होने दें। इसके साथ डेंगू से बचने के लिए लोग घरों के कूलरों, फ्लावर पॉट, गमलों व टंकी में ज्यादा दिनों तक पानी खड़ा नहीं होने देना चाहिए, ताकि जिससे यह मच्छर न पनप सकें। कूलर में भरा पानी 2 से 3 दिन बाद जरूर बदल दें। कूलर बंद होने पर उसे अच्छी तरीके से साफ करें और ढंककर रखें। घर के आसपास नालियों में नगर प्रशासन से एंटी लार्वा का छिड़काव करवाएं। घर में पोछा लगाने वाले पानी में केरोसीन या फिनायल डालकर नियमित पोछा लगाएं। जब घर से बाहर निकलें, तो पूरी बांह के कपड़े पहनें, शॉट्र्स से परहेज करें। मच्छर गाढ़े रंग की तरफ आकर्षित होते हैं, इसलिए हल्के रंग के कपड़े पहनें। तेज महक वाली परफ्यूम से बचें क्योंकि मच्छर तेज महक की तरफ आकर्षित होते हैं। बुखार होने पर पैरासिटामोल की टेबलेट लें और तुरंत डॉक्टर की सलाह लें क्योंकि ऐसा करने से ही डेंगू से बचा जा सकता है। 

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