Advertisement

Advertisement

कॉलेज के NSS कैंप में पहुंची एसपी प्रीति जैन ने दी 'सुरक्षा सखी' की जानकारी,छात्राओं का एसपी से मिल खिले चेहरे



हनुमानगढ़। जंक्शन के सरस्वती कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तहत महिलाओं के अधिकार व जागरूकता विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया। सेमीनार के मुख्य वक्ता जिला पुलिस अधीक्षक प्रीती जैन थी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्था सचिव अमरनाथ सिंगला, उपाध्यक्ष लखवीर मान, कोषाध्यक्ष अशोक सिंगला थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. श्यामसुन्दर शर्मा ने की। कार्यक्रम की शुरूवात संस्था सचिव अमरनाथ सिंगला, उपाध्यक्ष लखवीर मान, कोषाध्यक्ष अशोक सिंगला, महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. श्यामसुन्दर शर्मा ने एसपी प्रीती जैन का गुलदस्ता देकर की। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक प्रीती जैन ने कहा कि कई बार पीड़ित महिलाएं पुलिस तक नहीं पहुंच पातीं। सुरक्षा सखियों के माध्यम से पीड़ित महिलाओं तक पुलिस की योजनाओं को पहुंचाया जाता है। इसके साथ ही एसपी बोली कि पीड़ित महिला को संबल प्रदान कर थाने तक लाने में भी मदद की जाती है। सुरक्षा सखी योजना पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी की गई मुख्य योजनाओं में से एक है। सुरक्षा सखी योजना का मूल उद्देश्य महिलाओं को पुलिस से जोड़ना है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि अपने आस-पास अपने परिचितों को जागरूक करे ताकि ज्यादा से जयादा इस पर कार्य किया जा सके जिसके चलते महिला अपराधों में कमी लाई जा सके।


क्या है सुरक्षा सखी योजना

सुरक्षा सखी में सभी जाति, धर्म, वर्ग और समुदाय की महिलाओं एवं बालिकाओं को प्रतिनिधित्व दिया जाता है। सभी सरकारी/गैर सरकारी संगठन जैसे-आशा सहयोगिनी, एएनएम, जीएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन एवं विभिन्न सरकारी विभागों की महिलाकर्मी जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, सामुदायिक विभाग, बिजली, जलदाय एवं राजस्व आदि से जुड़ी महिलाकर्मियों को भी सुरक्षा सखी के रूप में आमंत्रित किया जाता है। इसके साथ ही महिला शक्ति आत्मरक्षा केन्द्र योजना के तहत प्रशिक्षित बच्चियों/महिलाओं को भी सुरक्षा सखी के रूप में आमंत्रित किया जाता है। 15 से 60 वर्ष की उम्र तक की महिलाएं सुरक्षा सखी बन सकती हैं।


 थाने पर नियुक्त महिला सुरक्षा सखी से ये अपेक्षा की जाती है कि वे पुलिस और महिलाओं के बीच सेतु का कार्य करें। इस हेल्पलाइन का मुख्य उद्देश्य है कि किसी भी पीड़ित महिला को थाने और कोर्ट के चक्कर न काटने पड़े। पीड़ित महिला की सिर्फ एक काल्स पर घर बैठे उसकी समस्या को आसानी से निपटा दिया जाए। उन्होने बताया, “महिलाएं अब निडर होकर 1090 पर काल कर रही हैं, उन्हें पूरा भरोसा है कि हमारे केस को हल करने के लिए महिलाएं ही आयेंगी और ये कहीं न कहीं सीधे तौर पर सरकार से जुड़ी हुई हैं। 

उक्त सात दिवसीय विशेष शिविर प्रभारी सुलोचना बेनीवाल व प्रियंका तंवर के नेतृत्व में लगाया जा रहा है। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय प्रधानाचार्य प्ररेणा रस्तोगी, सरिता सिंह, मुकेश कुमार, तारा देवी, किरण देवी, सीमा देवी, ईश्वर सिंह, का विशेष सहयोग रहा।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement