गौशाला व नंदीशाला के संचालन मे सुधार को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश
श्रीगंगानगर, । जिला कलक्टर श्रीमती रूक्मणि रियार सिहाग ने जिले की नंदीशालाओ व गौशालाओ की व्यवस्था में सुधार के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये है।जिला कलक्टर ने समस्त उपखण्ड अधिकारीगण संबधित नगरपरिषद, नगरपालिका, विकास अधिकारियो से समन्वय करते हुए नंदीशालाओं , गौशालाओं मे गौंवश हेतु सतुचित हरे चारे,पोषक चारे, स्वच्छ पेयजल एंव साफ सुथरे स्थान (छायादार एंव हवादार स्थान तथा सर्दियो से बचाव हेतु उपर्युक्त समस्त व्यवस्थाएं ) उचित देखभाल एंव ईलाज हेतु समुचित व्यवस्थाओं के संबंध मे निर्देश दिये है।
जिले की नंदीशाला , गौशाला से संबंधित रोगग्रस्त ,बीमार गौवंश को अविलम्ब पशुपालन विभाग से समन्वय करते हुए समुचित ईलाज की व्यवस्था प्राथमिकता से अविलम्ब की जावे एंव उक्त गौवंश के ईलाज दवाइयों एंव संबधित डाक्टर की विजिट से संबंधित रिकार्ड का संधारण किया जावें। यदि गौवंश किसी संक्रामक रोग से ग्रसित है, तो उसे नंदीशाला ,गौंशालाओ में अन्य पशुओ से पृथक रखा जावे ताकि उक्त रोग का संक्रमण अन्य स्वस्थ पशुओं में न फैले।
अगर नंदीशाला , गौशाला मे किसी गौवंश की मृत्यु हो जाती है उसके निस्तारण हेतु एंव असामान्य परिस्थितियो मे मृत्यु के दौरान पोस्टमार्टम इत्यादि के क्रम में नियमानुसार विभागीय आवश्यक अग्रिम कार्यवाही की जावे। गौवंश के सामान्य, असामान्य मृत्यु से संबंधित रिकार्ड का संधारण किया जावे। नंदीशालाओ , गौशालाओ मे नये आये गौवंश सहित समस्त गौवंश (लिंगवार एवं बछडो/बछडी सहित) का टैगिंग करते हुए समस्त रिकार्ड संधारित किया जावे, रिकार्ड में दर्ज गौवंश की संख्या का भौतिक सत्यापन भी निरीक्षण के दौरान संबधित अधिकारीगण द्वारा किया जावे।
यदि संबंधित नंदीशाला ,गौशाला किसी ट्रस्ट के अधीन है तो स्वयं की आय,व्यय का समस्त रिकार्ड संधारित रखा जावें। यदि संबंधित नंदीशाला,गौशाला द्वारा केन्द्र ,राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त किया जा रहा है, तो उसके द्वारा अनुदान से प्राप्त राशि ,व्यय का समस्त रिकार्ड संधारित किया जावे। यदि नंदीशाला , गौशाला को दानदाताओं से चारा, राशि अथवा अन्य किसी रूप में दान मिलता है तो उसके उपयोग से संबधित पूरा रिकार्ड संधारित किया जावे।
जिला कलक्टर ने समस्त उपखण्ड अधिकारियो को निर्देशित किया है कि नंदीशालाओं , गौशालाओं के निरीक्षण हेतु नगरपरिषद, नगरपालिका पशुपालन विभाग, पंचायती राज विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों से समन्वय कर कमेटी का गठन करते हुये नंदीशालाओं , गौशालाओं का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाना सुनिश्चित करें एंव साथ ही निरीक्षण कें दौरान विभिन्न बिन्दुओ को ध्यान मे रखा जावें।
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