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प्री-लिटिगेशन व न्यायालय में लम्बित प्रकरण लिये जा सकते है

 राष्ट्रीय लोक अदालत 12 मार्च को

प्री-लिटिगेशन व न्यायालय में लम्बित प्रकरण लिये जा सकते है
सस्ता, शीघ्र एवं सुलभ न्याय प्राप्त करने के लिये लोक अदालत लाभकारी
श्रीगंगानगर, ।  आगामी 12 मार्च को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सहमति के आधार पर प्रकरणों का निपटारा करवाया जा सकता है। इच्छुक वादी, परिवादी राष्ट्रीय लोक अदालत का अधिकतम लाभ उठा सकते है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं एडीजे श्री गजेन्द्र सिंह तेनगुरिया ने बताया कि 12 मार्च को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में सस्ता, शीघ्र एवं सुलभ न्याय प्राप्त करने के लिये अपने प्रकरणों को लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित किये जा सकते है। राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री-लिटीगेशन के प्रकरण जैसे धारा 138, एनआई एक्ट, धन वसूली के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन विवादों के प्रकरण, बिजली, पानी एवं बिलों के भुगतान के प्रकरण, भरण पोषण से संबंधित, राजस्व विवाद, पेमाईश एवं डिविजन ऑफ होल्डिंग सहित सिविल विवाद, सर्विस मेटर, उपभोक्ता विवाद, राजीनामा योग्य विवाद जो अन्य अधिकरणों, आयोगों, मंचों अथोरिटी, आयुक्त प्राधिकारियों के क्षेत्राधिकार से संबंधित प्रकरण लिये जा सकते है।
उन्होंने बताया कि विभिन्न न्यायालयों में लम्बित दाण्डिक शमनीय प्रकरण, धारा 138, एनआई एक्ट, वैवाहिक विवाद तलाक को छोड़कर, भूमि अधिग्रहण से संबंधित, मजदूरी भत्ते और पेंशन से संबंधित सेवा मामलें, वाणिज्यिक विवाद, बैंक के विवाद, गैर सरकारी शिक्षण संस्थान, सहकारिता, परिवहन, स्थानीय निकाय, रियल एस्टेट, रेलवे क्लेम्स, आयकर, कर संबंधी, उपभोक्ता एवं विक्रेता सेवा प्रदाता के मध्य विवाद, सिविल मामले किरायेदारी, बटवारा, सूखा अधिकार, कब्जा प्राप्ति, निषेधाज्ञा, घोषणा, क्षतिपूर्ति एवं विनिर्दिष्ट पालन के दावों सहित राजीनामा योग्य मामलों का राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निपटारा किया जा सकता है।
प्रकरणों के निस्तारण के लिये जिस न्यायालय में मुकदमा चल रहा है, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, ताल्लुक विधिक सेवा समिति, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति या राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से सम्पर्क किया जा सकता है।

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