पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्तर्गत वर्ष 2022-23 हेतु अधिसूचना जारी
योजनान्तर्गत फसल बीमा करवाने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2022श्रीगंगानगर, । प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना वर्ष 2022-23 हेतु अधिसूचना जारी की गयी है, जिसके अनुसार श्रीगंगानगर जिले के लिए खरीफ 2022 हेतु किन्नू फसल को बीमा करवाने के लिए अधिसूचित किया गया है।
उपनिदेशक कृषि जी.आर. मटोरिया ने बताया कि इसके लिये एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि0 को अधिकृत किया गया है। जारी अधिसूचना के अनुसार इस योजनान्तगर्त फसली ऋण लेने वाले कृषक, गैर ऋणी कृषक एवं बंटाईदार कृषकों द्वारा फसलों का बीमा करवाया जा सकेगा। बंटाईदार कृषकों के सम्बन्ध में स्पष्ट किया जाता है कि कृषक जिस जिले में स्वंय रहता है, उसी जिले की परिधी क्षेत्र में बंटाई की भूमि ही मान्य होगी। जारी अधिसूचना के अनुसार ऋणी कृषकों की फसलों का अनिवार्यता के आधार पर फसल बीमा संबंधित बैंक द्वारा किया जायेगा। यदपि कृषकों द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल बीमा करवाया जाना पूर्णतः स्वैच्छिक है किन्तु ऋणी कृषकों को योजना से पृथक रहने के लिये नामांकन की अंतिम दिनांक से 7 दिवस पूर्व (24 जुलाई 2022) तक संबंधित वित्तीय संस्था में इस बाबत घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा अन्यथा उनको योजना में सम्मिलित माना जावेगा।
अंतिम तिथि तक ऋण लेने वाले सभी कृषकों का इस योजनान्तर्गत बीमा करना बैंकों के लिए अनिवार्य होगा। ऋणी कृषकों का प्रीमियम उनके ऋण खातों से वसूल किया जायेगा। गैर ऋणी व बटाईदार कृषक अपनी फसलों का बीमा स्वैच्छिक आधार पर निकट के केन्द्रीय सहकारी बैंक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/वाणिज्यिक बैंक की संस्थाओं एवं सी.एस.सी. के माध्यम से करवा सकेगें। इसके अतिरिक्त गैर ऋणी कृषक बीमा कम्पनी के अधिकृत बीमा एजेन्ट/मध्यस्थी, प्राधीकृत प्रतिनिधि अथवा राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (एन.सी.आई.पी) द्वारा भी फसल बीमा करवा सकते है। गैर ऋणी कृषक को स्वप्रमाणित जमाबंदी (उनके लिए अपनाखाता पोर्टल से डाउनलोड की गई डिजिटल हस्ताक्षर वाली स्वंय प्रमाणित जमाबन्दी की नकल मान्य होगी) जिसमें खसरा नं0 में बोयी गयी फसल की नवीनतम जानकारी देना अनिवार्य होगा।
जिन जिलों में लेंड रिकोर्ड भारत सरकार के राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल से इण्टीग्रेशन नहीं किया गया है, उनके लिए पटवारी, गिरदावर, तहसीलदार द्वारा सत्यापित जमाबंदी की नकल ही मान्य होगी एवं स्वंय का घोषणा पत्र जिसमें प्रत्येक खसरा संख्या का कुल क्षेत्र प्रस्तावित फसल का बुवाई क्षेत्र व मालिक का नाम बीमा हित का प्रकार (स्वयं, परिवार अथवा बंटाईदार) अंकित करना भी अनिवार्य होगा।
बीमा पत्र में गैर ऋणी कृषक को अपना आधार क्रमांक, जन आधार कार्ड क्रमांक, बैंक खाता संख्या मय शाखा का नाम व आई.एफ.एस.सी. कोड का उल्लेख करना अनिवार्य होगा तथा स्वयं के बैंक खाते की पासबुक की प्रति उपलब्ध करवानी आवश्यक होगी। बटाईदार कृषक द्वारा सम्बन्धित खातेदार से लिखित में भूमि विवरण के साथ शपथ पत्र प्राप्त करेगा की उस खातेदार के द्वारा जमीन बंटाई पर दी गई है, बंटाईदार कृषक द्वारा राजस्थान का मूलनिवास पत्रा तथा स्वंय व खातेदार कृषक का आधार कार्ड की प्रति जो कि कृषक स्वयं द्वारा सत्यापित कर प्रस्तुत करनी होगी। फसलों को बीमा करवाने हेतु समस्त कृषकों (ऋणी, गैर ऋणी व बटाईदार) को सम्बन्धित बैंक/संस्था को आधार क्रमांक अथवा आधार नामांकन संख्या अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवानी होगी।
खरीफ 2022 हेतु पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्गर्त जिला श्रीगंगानगर में अधिसूचित फसले एवं प्रीमियम दरें किन्नू के लिये राशि प्रति हैक्टर 8 हजार है, जिसमें कृषक द्वारा देय प्रीमियम की राशि 4000 रूपये है। देय प्रीमियम बीमित राशि का उद्यानिकी एवं वाणिज्यिक फसलों हेतु अधिकतम 5 प्रतिशत ही कृषक द्वारा वहन किया जायेगा। शेष राशि 50-50 प्रतिशत के अनुपात में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा देय हेागी।
योजना का प्रचालन चयनित अधिसूचित सन्दर्भ इकाई क्षेत्रों (सन्दर्भ मौसम केन्द्र का क्षेत्रा) में क्षेत्रा दृष्टिकोण (ऐरिया, प्रोच) के आधार पर होगा अर्थात जोखिम स्वीकारने, मुआवजे का आंकलन करने तथा दर्शाए गए मौसम संबंधित प्राचालों का उपयोग करने के लिए संबंधित शर्ते अधिसूचित सन्दर्भ इकाई क्षेत्रों में अधिसूचित फसलों की खेती करने वाले बीमित फसल के कृषकों पर समान रूप से लागू होगी।
मौसम मापदण्ड वर्षा, तापमान, आर्द्रता, लगातार सूखे दिवसों की अवधि, बेमौसम वर्षा एवं हवा की गति के लिए जिलों की विभिन्न तहसीलों के तहसील क्षेत्र/तहसील के भू-अधिलेख निरीक्षक वृत को सन्दर्भित इकाई क्षेत्रा निर्धारित किया गया है। गिरदावर वृत में स्वचालित मौसम केन्द्र स्थापित किये गये है। स्वचालित मौसम केन्द्र में अंकित मौसम संबंधी सूचना के अनुसार परिशिष्ठ-3 की टर्मशीटों के आधार पर ही बीमा क्लेम निर्धारित किये जायेगें। अन्य किसी भी संस्था का सर्वे/गिरदावरी में दर्शाए खराबे के आधार पर बीमा क्लेम देय नहीं होगा।
प्रत्येक फसल व सन्दर्भ इकाई क्षेत्रा के लिए विभिन्न मौसमी जोखिमों जैसे कम व अधिक वर्षा, लगातार सूखे दिवसों की अवधि, आद्रता, कम व अधिक तापमान, बे-मौसम वर्षा एवं हवा की गति का जिलेवार/तहसीलवार विस्तृत विवरण (टर्म शीट), में अभिलिखित संबंधित जोखिमों के मौसम आंकड़ों को निर्धारित जोखिम अवधियों दौरान सन्दर्भ मौसम केन्द्र से प्राप्त आंकड़ो से मिलान एवं विश्लेषण करके बीमा क्लेम का आंकलन किया जाऐगा।
कृषक के बीमित खेत/क्षेत्र में या पूरे सन्दर्भ इकाई क्षेत्र में बीमित फसल की वास्तविक उपज में कमी या किसी संस्थाए एजेन्सी या प्रशासन द्वारा खराबे के आकंलन आदि को मुआवजे का आधार नहीं माना जाएगा।
राजस्व मण्डल, अजमेर द्वारा गिरदावरी में दर्षाए गए बुवाई क्षेत्रफल तक ही बीमा क्लेम दिये जाने का आधार होगा। कृषक बुवाई क्षेत्र से अधिक क्षेत्र पर बीमा क्लेम पाने का हकदार नहीं होगा।
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