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विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर धनूर में मंशा अभियान अंतर्गत नशामुक्ति कार्यशाला आयोजित

 तम्बाकू मुक्त समाज की रचना कर पर्यावरण को बचाना  आज  सबसे बड़ी जरूरत  


विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर धनूर में मंशा अभियान अंतर्गत नशामुक्ति कार्यशाला आयोजित
श्रीगंगानगर,। संभाग स्तरीय मंशा नशामुक्ति अभियान के अंतर्गत विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर जिला कलक्टर श्रीमती रुक्मणि रियार सिहाग व जिला पुलिस श्री अधीक्षक आनंद शर्मा के निर्देशानुसार नशामुक्ति जनजागृति कार्यशाला ग्राम पंचायत भवन धनूर (केसरीसिंहपुर) में आयोजित हुई।
इस अवसर पर मुख्य वक्त्ता के रूप में राजकीय नशामुक्ति परामर्श एवम् उपचार केंद्र के प्रभारी  चिकित्साधिकारी डॉ. रविकांत गोयल ने कहा कि नशे को हर हाल में ना कहे। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर डॉ. गोयल ने बताया कि तम्बाकू उत्पादों के सेवन से गुर्दे, कैंसर की बीमारी के साथ- साथ दमा, आंतों में सूजन, त्वचा संबंधी रोग, उच्च रक्तचाप, नेत्रा रोग मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपेथी, दांतो संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं। तम्बाकू के धुएं में पाई जाने वालीं कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस रक्त में ऑक्सीजन को घटाती है। इसमें पाया जाने वाला निकोटिन मस्तिष्क और मांसपेशियों की एक्टिविटी को प्रभावित कर ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है। इसके अलावा धुआं रक्तवाहिकाओं को नुकसान पहुंचाकर उन्हें मोटा और संकरा कर देता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। हार्ट संबंधित रोग बढ़ने लगते हैं। नौजवान शौकिया तौर पर भी तम्बाकू के उत्पाद सिगरेट, जर्दा आदि से बचे और पर्यावरण की रक्षा में राष्ट्र का सहयोग करें।
शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि समाजसेवी मुनीश कुमार लड्ढा ने कहा कि ग्लोबल एडल्ट तम्बाकू सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में तम्बाकू का सेवन करने वालो की संख्या 27 करोड़ है। विश्व में प्रति छह सेकंड पर एक व्यक्ति की मौत तम्बाकू के कारण होती है। भारत में ही हर वर्ष तम्बाकू के उत्पादों के सेवन से 13.5 लाख मौते होती है। तीन सौ सिगरेट तैयार करने के लिए एक पेड़ काटा जाता है। तम्बाकू के कारण हजारों टन जहरीले पदार्थ व ग्रीन हाउस गैसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है। तम्बाकू की खेती कृषि योग्य भूमि के पोषक तत्वों को हानि पहुंचाती है।
  कार्यशाला में  मुख्य अतिथि के रूप में डी.एस.पी. (श्रीकरणपुर) सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि समाज में महिलाएं भी घरेलू कार्याे के साथ-साथ खेतों का कार्य बराबर करती हैं और पुरुष वर्ग शाम को थकान उतारने के बहाने से नशे का सेवन गावों में करता नजर आता है। हमें नशे के सेवन को सामाजिक स्वीकृति प्रदान करना बंद करना होगा। द्वितीय थानाधिकारी केसरीसिंहपुर राम कुमार ने कहा कि जहां कही  भी अवैध नशा बनाने या बेचने का कार्य  करता कोई भी व्यक्ति या गिरोह देखे, तो उसकी सूचना शिक्षकों, बीट कांस्टेबल, थानाधिकारियों तक पहुंचाकर नशे पर काबू पाने में सभी प्रशासन का सहयोग करें। सामाजिक कार्यकर्ता व शिक्षाविद् प्रो. बनवारी लाल शर्मा ने कहा कि तम्बाकू में पाए जाने वाला निकोटिन इम्युनिटी को भी कमजोर करता है और एंटीबॉडी को समाप्त करता है।
सरपंच अजायब सिंह ने कहा कि युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति चिंता का विषय है। छोटे - छोटे बच्चे अपने अभिभावकों का नशा छुड़वाने में प्रभावी भूमिका अदा कर सकते हैं। जिन बच्चों के अभिभावक नशा करते है, वे एक बार अपने अभिभावकों से नशा छोड़ने के लिए हठ जरूर करे।  पंचायत समिति डायरेक्टर नानक सिंह ने कहा कि बढ़ते नशे पर नियंत्राण पाने में पुलिस प्रशासन की नशामुक्ति की जनजागृति कार्यशाला प्रभावी भूमिका अदा कर रही है। 

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