फसल बीमा वेन केम्पेन को दिखाई हरी झण्डी
9 फसल बीमा वेन केम्पेन रवाना
श्रीगंगानगर,। प्रधानमंत्री फसल बीमा व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2022 केे व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु जिला कलक्टर श्रीमती रूक्मणि रियार सिहाग द्वारा जिले की प्रत्येक तहसील के लिए फसल बीमा वेन केम्पेन को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2022 व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना खरीफ 2022 का श्री गंगानगर जिले में व्यापक प्रचार-प्रसार करने हेतु जिला कलक्टर श्रीमती रूक्मणि रियार सियाग द्वारा हरी झण्डी दिखाकर कुल 9 फसल बीमा वेन केम्पेन को कलक्ट्रेट श्रीगंगानगर से शुक्रवार को रवाना किया गया। इस दौरान मौके पर संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. जी.आर. मटोरिया, उप निदेषक कृषि (सांख्यिकी) हरबंस सिंह, सहायक निदेशक कृषि (वि0), श्री गंगानगर डा0 रमेश बराला, कृषि अधिकारी प्रदीप शर्मा, कृषि अधिकारी विकास भादू व कृषि पर्यवेक्षक रविकुमार, राजेश शर्मा एवं कृषि विभाग के अन्य अधिकारी/कार्मिक तथा फसल बीमा कंपनी एस.बी.आई. जनरल इंश्योरेन्स कम्पनी लि. के जिला समन्वयक श्री सुषील तिवारी, सहायक प्रबन्धक श्री पवन सिंह उपस्थित थे।
डॉ. जी.आर. मटोरिया ने बताया कि फसल बीमा वेन केम्पेन द्वारा जिले की समस्त ग्राम पंचायतों के गांवों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2022 व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना हेतु जारी अधिसूचना 08 जून 2022 के अनुसार व्यापक प्रसार-प्रसार किया जावेगा। उन्होंने यह भी बताया कि श्रीगंगानगर जिले में कपास, ग्वार, धान, मूंग, मूंगफली, बाजरा, मोठ व तिल की फसलों को बीमा करवाने के लिए अधिसूचित किया गया है। फसल बीमा करवाने की अंतिम 31 जुलाई 2022 निर्धारित की गई है। जारी अधिसूचना के अनुसार ऋणी कृषकों की फसलों की अनिवार्यता के आधार पर फसल बीमा संबंधित बैंक द्वारा किया जायेगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल बीमा करवाया जाना पूर्णतः स्वैच्छिक है किन्तु ऋणी कृषकों को योजना से पृथक रहने के लिये नामांकन की अंतिम दिनांक से 7 दिवस पूर्व (24 जुलाई 2022) तक संबंधित वित्तीय संस्था में इस बाबत घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा अन्यथा उनको योजना में सम्मिलित माना जावेगा।
ऋणी कृषकों का प्रीमियम उनके ऋण खातों/बचत खातो से वसूल किया जायेगा। गैर ऋणी व बटाईदार कृषक अपनी फसलों का बीमा स्वैच्छिक आधार पर निकट के केन्द्रीय सहकारी बैंक/क्षेत्राीय ग्रामीण बैंक/वाणिज्यिक बैंक की संस्थाओं एवं सी.एस.सी. के माध्यम से करवा सकेगें। गैर ऋणी कृषक को स्वप्रमाणित जमाबंदी (उनके लिए अपनाखाता पोर्टल से डाउनलोड की गई डिजिटल हस्ताक्षर वाली स्वंय प्रमाणित जमाबन्दी की नकल मान्य होगी) जिसमे खसरा नं0 में बोयी गयी फसल की नवीनतम जानकारी देना अनिवार्य होगा, जिन कृषकों का लेंड रिकोर्ड भारत सरकार के राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल से इण्टीग्रेशन नहीं किया गया है, उनके लिए पटवारी, गिरदावर, तहसीलदार द्वारा सत्यापित जमाबंदी की नकल ही मान्य होगी एवं स्वंय का घोषणा पत्रा जिसमें प्रत्येक खसरा संख्या का कुल क्षेत्र प्रस्तावित फसल का बुवाई क्षेत्रा व मालिक का नाम बीमा हित का प्रकार (स्वयं, परिवार अथवा बंटाईदार) अंकित करना भी अनिवार्य होगा। बीमा पत्र में गैर ऋणी कृषक को अपना आधार क्रमांक, जन आधार कार्ड क्रमांक, बैंक खाता संख्या मय शाखा का नाम व आई.एफ.एस.सी. कोड का उल्लेख करना अनिवार्य होगा तथा स्वयं के बैंक खाते की पासबुक की प्रति उपलब्ध करवानी आवष्यक होगी । बटाईदार कृषक द्वारा सम्बन्धित खातेदार से लिखित में भूमि विवरण के साथ शपथ पत्रा प्राप्त करेगा कि उस खातेदार के द्वारा जमीन बंटाई पर दी गई है, बंटाईदार कृषक द्वारा राजस्थान का मूलनिवास पत्रा तथा स्वंय व खातेदार कृषक का आधार कार्ड की प्रति जो कि कृषक स्वयं द्वारा सत्यापित कर प्रस्तुत करनी होगी । फसलों को बीमा करवाने हेतु समस्त कृषकों (ऋणी, गैर ऋणी व बटाईदार ) को सम्बन्धित बैंक/संस्था को आधार क्रमांक अथवा आधार नामांकन संख्या अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवानी होगी।
जिला श्री गंगानगर में बाजरा फसल की बीमित राशि 28245 रूपये प्रति हेक्टर का बीमा 565 रूपये में, कपास फसल की बीमित राशि 30360 रूपये प्रति हेक्टर का बीमा 1518 रूपये में, ग्वार फसल की बीमित राशि 35167 रूपये प्रति हेक्टर का बीमा 703 रूपये में, मूंग फसल की बीमित राशि 46212 रूपये प्रति हेक्टर का बीमा 924 रूपये में, धान फसल की बीमित राशि 71295 रूपये प्रति हेक्टर का बीमा 1426 रूपये में, मूंगफली फसल की बीमित राशि 113865 रूपये प्रति हेक्टर का बीमा 2277 रूपये में, मोठ फसल की बीमित राशि 18336 रूपये प्रति हेक्टर का बीमा 367 रूपये में, तिल फसल की बीमित राशि 25983 रूपये प्रति हेक्टर का बीमा 520 रूपये में किया जाऐगा तथा फसल कटाई के उपरान्त राजस्व मंडल अजमेर द्वारा संपादित करवाये गये फसल कटाई प्रयोगो के आधार पर प्रत्येक फसल की उत्पादकता में आई कमी के अनुसार क्लेम का भुगतान सम्बन्धित कृषक के बैंक खाते में बीमा कम्पनी द्वारा आनलाईन जमा करवाया जाऐगा।
जिला कलक्टर द्वारा कृषि विभाग, उद्यान विभाग व बीमा प्रतिनिधियों को निर्देशित किया गया कि किन्नू फसल का बीमा पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्गर्त किया जा रहा है जिस बाबत् व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। जिन कृषकों द्वारा किन्नू फसल के आधार पर केसीसी ऋण बैंक के माध्यम से स्वीकृत करवाया गया है, वे कृषक सम्बन्धित वित्तिय संस्थान के माध्यम से किन्नू फसल का प्रति हेक्टर 4000 रूपये कृषक हिस्सा राषि से प्रति हेक्टर 80000 रूपये का फसल बीमा करवा सकता है एवं जिन कृषकांे द्वारा किन्नू फसल का केसीसी ऋण स्वीकृत नहीं करवाया है वे अऋणी कृषक सीएससी के माध्यम से सम्बन्धित किन्नू क्षेत्रा की जमाबन्दी, आधार कार्ड, बचत खाते की बैंक पास बुक इत्यादि दस्तावेज स्वंय द्वारा सत्यापित कर सीएससी के माध्यम से किन्नू फसल का बीमा करवा सकते है । किन्नू फसल की अधिसूचित इकाई गिरदावर सर्किल है जिस पर स्वचालित मौसम केन्द्र स्थापित है, किन्नू फसल में बीमित कृषकों को तापमान में हुई बढोतरी, असमान्य वर्षा, वर्षा में कमी व हवा की तेज गति के ट्रिगरांे के अनुसार क्लेम का भुगतान किया जाऐगा।
अंतिम तिथि तक ऋण लेने वाले सभी कृषकों को प्रधानमंत्राी फसल बीमा योजना की अधिक जानकारी हेतु कृषि विभाग के कार्मिकों के साथ-साथ श्रीगंगानगर जिले में अधिकृत एस.बी.आई. जनरल इश्योरेंस लिमिटेड के जिला समन्वयक श्री सुषील तिवारी मोबाईल नम्बर 7067279809, एएसएम श्री पवन सिंह मो. न. 8279820830 व तहसीलों में नियुक्त बीमा प्रतिनिधियों के नाम व संपर्क सुत्रा इस प्रकार है।
श्रीकरणपुर में नवीन स्वामी मो नः7014150011, घड़साना में सुरेन्द्र कुमार मो. 9549581119, श्रीविजयनगर में अजय देव मो. 8290456538, पदमपुर में जयदीप राय मो. 9799977097, श्रीगंगानगर में राजू शर्मा मो. 9887911133, अनूपगढ़ में तीर्थ राज मो. 9982995293, रावला में सत्यापाल विश्नोई मो. 9983308365, रायसिंहनगर में जगतार सिंह मो. 9413712761, सादुलशहर में नरेश कुमार मो. 8432340933, सूरतगढ़ में अजय देव मो. 8094352897 है
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