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चिकित्सा संस्थानों में संचालित रामाश्रय वार्ड से लाभान्वित हो रहे हैं बुजुर्ग

 मुख्यमंत्री की मानवीय पहल से बुजुर्गों को सम्मान से मिल रही हैं स्वास्थ्य सेवाएं

-चिकित्सा संस्थानों में संचालित रामाश्रय वार्ड से लाभान्वित हो रहे हैं बुजुर्ग
श्रीगंगानगर। माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में वृद्धजनों को सुगमतापूर्वक विशेष स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्थापित किए गए रामाश्रय वार्ड (जिरियाट्रिक वार्ड एवं जिरियाट्रिक क्लीनिक) जनसेवा का एक सार्थक माध्यम बनकर उभरे हैं। यहां बुजुर्गों को सम्मान के साथ बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवायी जा रही हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में 14 मार्च 2024 से प्रारम्भ हुई इस संवेदनशील पहल से बुजुर्ग लाभान्वित हो रहे हैं।
बुजुर्गों को उपचार के लिए चक्कर नहीं काटना पड़े, कतारों में खड़ा नहीं होना पड़े और एक ही स्थान पर जांच एवं उपचार सेवाओं का लाभ मिल सके, इस मानवीय सोच के साथ रामाश्रय वार्डों की स्थापना की गई है। राजकीय जिला चिकित्सालयों में बड़ी संख्या में बुजुर्गों ने रामाश्रय वार्ड की ओपीडी में विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं के लिए परामर्श लिया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में इस मानवीय पहल को 100 दिवसीय कार्य योजना में शामिल कर अल्प समय में निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया गया। प्रायः यह देखा जाता था कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले बुजुर्गों को उपचार को लेकर असहजता महसूस होती थी। इस समस्या के समाधान की दृष्टि से रामाश्रय वार्ड बनाए गए, जहां वृद्धजनों के उपचार एवं देखभाल की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
श्रीगंगानगर के राजकीय जिला चिकित्सालय में भी बुजुर्गों को रामाश्रय वार्ड की सुविधा मिल रही है। गंगानगर विधायक श्री जयदीप बिहाणी द्वारा रामाश्रय वार्ड का शुभारंभ किया गया, जिसके बाद नियमित रूप से यहां बुजुर्गों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। यहां के रामाश्रय वार्ड में 10 बैड आरक्षित किए गए हैं। इनमें से 5 बैड महिला एवं 5 बैड पुरूषों के लिए हैं। हर बैड के बीच पार्टीशन कर परदे लगाए गए हैं। बैड के पास नर्सिंग अलार्म सिस्टम लगाए गए हैं ताकि आपात स्थिति में वृद्धजन तुरंत नर्सिंग स्टाफ को बुला सकें। वार्ड में महिला एवं पुरूष रोगियों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं। इन शौचालयों में ग्रेब-बार लगाए गए हैं। वार्ड में फिजियोथेरेपिस्ट एवं फिजियाथैरेपी से संबंधित उपकरणों की समुचित व्यवस्था की गई है। इनमें शॉर्ट वेव डायाथर्मी, अल्ट्रासाउण्ड थैरेपी, सरवाइकल ट्रेक्शन, पैल्विक ट्रेक्शन, ट्रांस इलेक्ट्रिक नर्व स्टिमुलेटर जैसे उपकरण शामिल हैं। वार्ड में व्हील चेयर, ट्रॉली, मेडिसिन कैबिनेट, टीवी, एसी एवं अन्य आवश्यक फर्नीचर उपलब्ध करवाया गया है।
पीएमओ डॉ. दीपक मोंगा ने बताया कि डॉ. जयंतनाथ को वार्ड का नोडल अधिकारी बनाया गया है। जिला कलक्टर डॉ. मंजू के मार्ग दर्शन में रोगियों की देखभाल के लिए अलग से नर्सिंग स्टाफ तथा साफ-सफाई के लिए कार्मिक भी नियोजित किए गए हैं। वृद्धजनों को आईपीडी के समय विशेषज्ञ सेवाएं वार्ड में ही उपलब्ध हो रही हैं। जांच के लिए सैम्पल भी वार्ड से ही एकत्र कर रिपोर्ट भी बैड पर ही उपलब्ध करवाई जा रही है। वृद्धजनों के उपचार एवं अन्य व्यवस्थाओं से संबंधित सभी चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, फिजियो थैरेपिस्ट एवं अन्य कार्मिकों के दूरभाष नंबरों की सूची प्रदर्शित की गई है।
राजकीय जिला अस्पतालों एवं उप जिला अस्पतालों में वृद्धजनों को ओपीडी सेवाओं के लिए जिरियाट्रिक क्लिनिक की व्यस्था की गई है। साथ ही अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन काउंटर, जांच काउंटर, दवा वितरण केंद्र आदि पर वृद्धजनों के लिए अलग से व्यवस्था सुनिश्चित की गई है ताकि उन्हें अधिक समय कतारों में नहीं खड़ा रहना पडे़ और आसानी से उपचार मिल सके।

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