पीएम कुसुम योजना
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना
श्रीगंगानगर,। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना सौर ऊर्जा आधारित पम्प परियोजना में 3 एचपी, 5 एचपी व 7.5 एचपी क्षमता तक के सौर ऊर्जा पर पीएम कुसुम योजना के लिये जिन किसानों के पास सिंचाई हेतु कृषि कनेक्शन नहीं है एवं सिंचाई के लिये डीजल चलित सयंत्र या अन्य वैकल्पिक साधन पर निर्भर है, को लाभ दिया जायेगा। इस योजना में कुल लागत का अधिकतम 60 प्रतिशत अनुदान देय होगा। एससी, एसटी को 45 हजार रूपये का अतिरिक्त अनुदान राज्य मद से दिया जायेगा। कृषक के पास न्यूनतम 0.40 हैक्टेयर व इससे अधिक का भू-स्वामित्व होना चाहिए। वर्ष 2025-26 के लिये सामान्य वर्ग के लिये 2485, अनुसूचित जाति के लिये 1 हजार व अनुसूचित जनजाति के लिये 15 सौर ऊर्जा सयंत्र प्राप्त करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की मंशा के अनुरूप किसान कल्याण को लेकर अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। किसानों को उन योजनाओं का लाभ देकर उन्हें संबल प्रदान करना है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।
नये बगीचों की स्थापना
श्रीगंगानगर जिले हेतु चयनित फसले किन्नू, मौसमी, माल्टा, नींबू, पपीता, बेल, बेर, आवंला, सीताफल, जामुन, करोंदा, कटहल, आम, अमरूद, संतरा, अनार व लीची के लिये अनुदान दिया जायेगा। सामान्य अंतराल से बाग लगाने पर सांकेतिक लागत 125000 की लागत पर 40 प्रतिशत अनुदान की दर से 50 हजार रूपये, सघन अंतराल पर बाग लगाने के लिये सांकेतिक लागत 2 लाख रूपये तथा 40 प्रतिशत अनुदान की दर से 80 हजार रूपये का अनुदान दिया जायेगा।
पॉली हाउस, शेड नेट हाउस
ग्रीन हाउस, शेड नेट हाउस में अधिक मूल्य वाली सब्जियों की पौधरोपण सामग्री पर अनुदान देने का प्रावधान है। सब्जियों की पौधरोपण सामग्री, बीज के लिये टमाटर, शिमला मिर्च, करेला, खीरा व चेरी प्रतिवर्ग मीटर 150 रूपये अनुमानित लागत के अनुसार लागत का 50 प्रतिशत, एक लाभार्थी को अधिकतम 2500 वर्ग मीटर तक सहायता का प्रावधान है। फसलोत्तर प्रबंधन के तहत फार्म गेट पैक हाउस 9 गुणा 6 मीटर मय कुलिंग चैम्बर जिसकी लागत 25 लाख रूपये है, लागत का 50 प्रतिशत अनुदान, समन्वित पैक हाउस 18 गुणा 22 मीटर की कुल लागत 1 करोड़ 60 लाख है, जिस पर लागत का 35 प्रतिशत अनुदान, कोल्ड स्टोरेज अधिकतम 5 हजार मैट्रिक टन क्षमता के लिये लागत का 35 प्रतिशत अनुदान, फूड प्रोसेसिंग यूनिट फॉर वेल्यु एडिसन की कुल लागत 1 करोड़ रूपये है, जिसमें लागत का 35 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है।
हाईब्रिड सब्जी उत्पादन
कृषकों को खरीफ एवं रबी सीजन में जिले में उत्पादित की जाने वाली हाईब्रिड सब्जियों के अधिकतम दो हैक्टेयर तक नये क्षेत्र का विस्तार करने पर आदानों की कुल इकाई लागत 60 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर का 40 प्रतिशत अनुदान देय होगा। पीएमकेएसवाई के तहत सूक्ष्म सिंचाई योजना के लिये ड्रीप एवं मिनी स्प्रिंकलर एवं स्प्रिंकलर के लिये एससी, एसटी, महिला, लघु एवं सीमांत किसानों को 75 प्रतिशत, सामान्य पुरूष को 70 प्रतिशत अनुदान देय होगा। सूक्ष्म सिंचाई सयंत्रों पर न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर तथा अधिकतम 5.0 हेक्टेयर तक अनुदान देय होगा। जिन किसानों ने पहले अनुदान ले लिया है, उन्हें सात वर्ष के पश्चात अनुदान के लिये पात्र माना जायेगा।
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