सादुलपुर (ओमप्रकाश) भगवती जोहड़ी सेवा आश्रम मे चल रही भागवत कथा के छठे रोज शनिवार को कंस वद्य, जरासंध, रूकमैया व शिशुपाल वद्य की कथा का वर्णन किया गया तथा रूकमणी व कृष्ण विवाह उपलक्ष पर भव्य झांकी सजाई गई। इस अवसर पर प्यासपीठ पर बैठे केशवान्न्ाद महाराज ने कहा कि संसार स्वभाव है हर किसी ने बुराई ढुढना परन्तु परमात्मा को अपने आपको समर्पित करदो तो उस बुराई से आपको दोषों का वह स्वयं भागीदार होगा। वही ंपरमात्मा के लिए रोना कभी भी व्यर्थ नही जाता। रूकमणी भगवान से बिना मिले प्रेम विवाह कर रोती थी तो उसे परमात्मा मिले इस अवसर पर रूकमणी-कृष्ण विवाह क झांकी सजाई गई जिसमें महामण्डलेश्वर स्वामी विनोदान्न्द पुरी ने आरती कर प्रसाद वितरित किया।
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