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रतनपुरा में हर रोज सैंकड़ो लीटर पेयजल सडक़ों पर बहता है व्यर्थ,गांव में लीकेज की समस्यां बनी नासूर,विभाग को कई बार करवाया गया अवगत

सडक़ों पर व्यर्थ बहता पानी
चारणवासी। आगामी एक माह की निर्धारित नहर बंदी को मद्येनजर रखते हुऐ जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग सिंचाई विभाग से आग्रह कर नहरों में पानी छुड़वाकर डिग्गीयों को भरवाने में लगे हुऐ है। नहर बंदी के दौरान पेयजल की समस्यां से निपटने के लिए विभाग काफी भागदौड़ कर रहा हैं। ओर दूसरी ओर गांव की गलियों में पाइप लाइनों में हुऐ लीकेज निकालने में परहेज कर रहे है। नतीजन हर रोज गांव की गलियों व सडक़ों पर सैंकड़ो लीटर पानी व्यर्थ बह जाता है। ये स्थिति गांव रतनपुरा की है। जहंा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की अनदेखी के चलते पेयजल सडक़ों पर व्यर्थ बह रहा हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वाटर वक्र्स से 
गांव तक आने वाली पाइप लाइन दो-तीन जगह से लीकेज पिछले डेढ साल से है। गांव से वाटर की दूरी मात्र एक किमी से भी कम। इतनी दूरी में जगह-जगह लीकेज होने के कारण रतनपुरा-मेहणा मार्ग में गढ़े ही गढ़े पड़ गए है जो पेयजल सप्लाई के दौरान पानी से भर जाते है। पूर्व पंचायत समिति सदस्य जिंद्रपाल गोदारा ने बताया कि जब गांव में पेयजल सप्लाई होता है उस समय लीकेज से पानी गढ़ो से बहार निकलकर सडक़ पर दूर तक फैल जाता है। जिससें सडक़ किचड़ से लबालब रहती है। ओर पेयजल सप्लाई बंद होने के बाद लीकेज से सडक़ पर बहा पानी पुन:पाइप लाइन में चला जाता है दूसरें दिन वो ही पाइप में से दूषित पानी लोगों के घरों में सप्लाई होता है। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां के कर्मचारी लीकेज निकालने में भी परहेज कर रहे हैं। खास बात तो ये है एक जगह से लीकेज तो वाटर वक्र्स  के मुयख्द्वार के आगे ही है। ओर जगह नई चार दीवारी के पास भी लीकेज है जिस कारण चार दीवारी भी सिलाव से क्षतिग्रस्त हो रही हैं। विभाग भाजपा सरकार के शुद्व पेयजल मुहैया करवाने के दावे की पोल खोल रहा है। 

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