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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 250 से 500 रुपए के बीच इंसेंटिव के आधार पर बढ़ाया,प्रस्ताव मिलने पर भवनों की मरम्मत के कार्य पर भी विचार


राजस्थान/जयपुर । आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ ने जिले से लेकर प्रदेश तक अपनी मांगो को लेकर काफी प्रदर्शन किये गए हैं । वहीं आज उठाये गए सवालो पर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने पिछले बजट में बढ़ोतरी की थी। उन्होंने कहा कि इस बजट में कार्यकर्ताओं का मानदेय 250 से 500 रुपए के बीच इंसेंटिव के आधार पर बढ़ाया गया है।

4 लाख तक की भवन निर्माण का बजट आवंटन
भदेल सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रही थीं। राज्य सरकार आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्री-स्कूल एजुकेशन भी शुरू करना चाहती है। ऎसे में यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आंगनबाड़ी केन्द्र रोजाना खुलें और समय पर खुलें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 11 हजार आंगनबाड़ी केन्द्र ऎसे हैं, जो किराए के भवनों में संचालित हैं। इनमें से पचास प्रतिशत केन्द्र शहरी क्षेत्रों में हैं। उन्होंने कहा कि यदि नगरीय क्षेत्र में भूमि की उपलब्धता होती है, तो इसके निर्माण के लिए 4 लाख रुपए की स्वीकृति जारी की जा सकती है।प्रस्ताव मिलने पर भवनों की मरम्मत के कार्य पर भी विचार किया जा सकता है।

सूरतगढ़ में 26 ऎसे आंगनबाड़ी भवन जो किराए के भवनों में चल रहे
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने बताया कि सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 26 ऎसे आंगनबाड़ी भवन और हैं, जो किराए के भवनों में चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि इनके लिए पट्टे उपलब्ध करवाए जाएंगे,तो अगले वित्तीय वर्ष में महात्मा गांधी नरेगा कन्वर्जेन्स के तहत इनका निर्माण करवाया जाएगा।

यूँ रहा निर्माण का रुख 
इससे पहले विधायक राजेन्द्र सिंह भादू के मूल प्रश्न के जवाब में श्रीमती भदेल ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवनों का निर्माण कार्य पंचायतीराज निकाय, स्थानीय निकाय या राजस्व विभाग से भूमि आवंटन हो जाने पर विभाग द्वारा वित्तीय संसाधन की उपलब्धता के आधार पर विभागीय योजना के तहत करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण हेतु जिला श्रीगंगानगर को 50 आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु 2-2 लाख रुपये प्रति केन्द्र के आदेश क्रमांक 112212 दिनांक 24 अगस्त, 2016 को स्वीकृत किये गये। जिला परिषद श्रीगंगानगर को कार्यकारी एजेन्सी बनाया गया है। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण जिला परिषद द्वारा महात्मा गांधी नरेगा कन्वर्जेन्स के तहत किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 2 लाख रुपये विभाग द्वारा देय हैं एवं शेष 5 लाख रुपये प्रति आंगनबाड़ी केन्द्र जिला परिषद द्वारा देय है। उन्होंने इसका विवरण सदन के पटल पर रखा। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने बताया कि सूरतगढ़ विधान सभा क्षेत्र के 29 आंगनबाड़ी केन्द्रों की प्रशासनिक स्वीकृति जिला परिषद द्वारा 16 मार्च, 2017 द्वारा जारी की गई है। उन्होंने इसका विवरण भी सदन की मेज पर रखा।

अब देखने वाली बात ये हैं विभाग इन बातो पर गौर करके आंगनबाड़ी केंद्रों के अभावग्रस्त केंद्रों को कब तक सुविधाएं मिल जायेगी । 

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