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ऊभौ हूं अजै’ और ‘पेपलौ चमार’ का लोकार्पण रविवार को

पद्मश्री डाॅ सीपी देवल, मालचंद तिवाड़ी, डाॅ भरत ओळा एवं राम अवतार पोद्दार करेंगे कुमार अजय एवं उम्मेद गोठवाल की राजस्थानी कविता पुस्तकों का विमोचन, प्रयास संस्थान की ओर से सूचना केंद्र में होगा समारोह

चूरू,। साहित्य अकादेमी के युवा पुरस्कार से सम्मानित राजस्थानी लेखक कुमार अजय के राजस्थानी कविता संग्रह ‘ऊभौ हंू अजै’ और युवा साहित्यकार उम्मेद गोठवाल के राजस्थानी कविता संग्रह ‘पेपलौ चमार’ का लोकार्पण समारोह प्रयास संस्थान, चूरू की ओर से रविवार को शहर के सूचना केंद्र में आयोजित किया जाएगा।

संस्थान के अध्यक्ष दुलाराम सहारण एवं सचिव कमल शर्मा ने बताया कि  अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के निवर्तमान अध्यक्ष राम अवतार पोद्दार की अध्यक्षता में रविवार दोपहर 3.30 बजे होेने वाले लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि राजस्थानी के दिग्गज साहित्यकार पद्मश्री डाॅ चंद्रप्रकाश देवल, विशिष्ट अतिथि साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित बीकानेर के मालचंद तिवाड़ी एवं नोहर के साहित्यकार व राजस्थानी साहित्यिक पत्रिका ‘हथाई’ के संपादक डाॅ भरत ओला रहेंगे।

उन्होंने बताया कि कुमार अजय के राजस्थानी कविता संग्रह ‘ऊभौ हूँ  अजै’ में प्रेम, जीवन और राजनीतिक, सामाजिक विसंगतियों एवं विविध विषयों से जुड़ी 71 कविताएं संकलित हैं। इससे पूर्व अजय के कविता संग्रह ‘संजीवणी’ पर उन्हें साहित्य अकादेमी का युवा पुरस्कार मिल चुका है। उनका राजस्थानी कहानी संग्रह ‘किणी रै कीं नीं हुयौ’ और हिंदी कविता संग्रह ‘ कहना ही है तो कहो’ भी चर्चित रहे हैं। साहित्यिक पत्रिका ‘लीलटांस’ के संपादन से जुड़े कुमार अजय की दो अनुवाद पुस्तकें भी साहित्य अकादेमी से प्रकाशित हो चुकी हैं।

राजस्थानी कविता संग्रह ‘पेपलौ चमार’ में जिले के गांव पहाड़सर में जन्मे कवि उम्मेद गोठवाल की दलित विमर्श आधारित इस पुस्तक में जातीय दंश और सामाजिक विद्रूपताओं, विसंगतियों को लेकर उनकी लिखी गई उनकी 59 कविताएं शामिल हैं। साहित्यिक पत्रिका ‘अनुक्षण’ के संपादक उम्मेद ने कवि डाॅ विजेंद्र पर आधारित पुस्तक ‘बूंद तुम ठहरी रहो’ एवं ‘स्त्राी विमर्श: कल, आज और कल’ का संपादन किया है। लक्ष्मण गायकवाड़ की मराठी पुस्तक ‘उचल्या’ का उनके द्वारा ‘उचक्कौ’ नाम से किया गया अनुवाद खूब चर्चित रहा है।


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