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अमेरिका में भारतीय मूल के सांसदों का ट्रम्प पर पलटवार, वास्तविकता को पहचाने अमेरिकी राष्ट्रपति

अंतर्राष्ट्रीय । अमेरिका के राष्ट्रपति हमेशा अपनी बातो और भाषणों को लेकर चर्चा में रहते हैं जब से वो अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं तब से लेकर आज तक कभी मीडिया तो कभी अन्य देशो पर अपनी भड़ास निकालते रहे हैं ये बात ओर हैं की उनके पर्शंसक काफी हैं । भारतीय मूल के अमेरिकी सांसदों ने कांग्रेस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले संबोधन को लेकर उनकी आलोचना करते हुए कहा कि इसमें विशिष्टता का अभाव था । ओबामा के केयर जैसे मुद्दों पर सिर्फ अवास्तविक योजनाओं की  भली भांति पेशकश की गई है। यह दावा करते हुए कि ट्रंप के ‘शब्द वास्तविकता से मेल नहीं खाते’ कांग्रेस की सदस्य प्रमिला जयपाल ने आरोप लगाया कि उन्होंने प्रवासियों के बारे में अपने ‘अमानवीय और क्रूर’ शासकीय आदेशों के तर्क को न्यायोचित ठहराने के लिए बार-बार झूठ बोला है।
प्रमिला ने कांग्रेस में ट्रंप के संबोधन के बाद कहा, ‘आज राष्ट्रपति के शब्द वास्तविकता से मेल नहीं खाते। उन्होंने ऐसी बातें कहीं जो सुनने में अच्छी लगी, लेकिन यह उनके काम और पहले की बातों से उलट थीं।’ प्रमिला के साथ ही डेमोक्रेटिक पार्टी के तीन अन्य भारतीय मूल के अमेरिकी सांसदों ने भी ट्रंप के संबोधन की आलोचना की। इन आलोचनाओं से इतना जरुर स्पष्ट होता हैं की भारतीय अपनी निडरता के लिए पहचाना जाता हैं ।

‘सब के लिए स्वास्थ्य केयर के विस्तार को लेकर विशिष्टता और एक योजना की पेशकश करने के बजाय राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर से किफायती देखभाल अधिनियम को रद्द करने की मांग की जो लाखों लोगों को स्वास्थ्य बीमा के कवर से बाहर कर देगा।’ जो की लाखो लोगो के साथ छल होगा ।

अमेरिकी प्रतिधिनि सभा के लिए चुनी गईं पहली भारतीय अमेरिकी महिला प्रमिला ने कहा कि राष्ट्रपति ने मध्य वर्ग को कर में राहत देने के बारे में बात की लेकिन ट्रंप की कर योजना अमीरों के लिए बड़ी कर छूट के अलावा कुछ नहीं है। प्रमिला ने कहा, ‘उन्होंने गरीबी कम करने का जिक्र किया लेकिन असल में उनके बजट की रूप रेखा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों को समाप्त कर देगी, जो लोगों को गरीबी से बाहर आने में मदद करता है।’ उन्होंने कहा कि अपनी कैबिनेट के शीर्ष पदों पर करोड़पतियों, लॉबिस्टों और इसी तरह के अन्य लोगों को शामिल करने के बाद ट्रंप का ‘कीचड़ हटाने’ की बात करना अवास्तविक है। जिसका किसी से सरोकार नजर नहीं आ रहा हैं ।

पिछले समय से 3 बार भारतीय मूल के अमेरिकी कांग्रेस सदस्य एमी बेरा ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा पक्षपात का मुद्दा नहीं है बल्कि आईएसआईएस को हराना और समुदाय को सुरक्षित रखना हमारी विदेश नीति की प्राथमिकता है। बेरा ने मेक्सिको की सीमा पर दीवार बनाने के ट्रंप के कदम के खिलाफ भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कोई और योजना लाए बिना ओबामाकेयर को रद्द करने का ट्रंप का प्रस्ताव दो करोड़ लोगों को उनके बीमा कवर से बाहर कर देगा।

भारतीय मूल की पहली अमेरिकी सीनेटर कमला हैरिस ने एक ट्वीट में कहा कि आतंकवाद के लिए सभी मुसलमानों को कसूरवार ठहराना और धर्म के आधार पर प्रवासियों को रोकना इस्लाम के प्रति भय को दर्शाता है। वह कैलिफोर्निया से सीनेटर हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में सर्वाधिक संख्या में प्रवासी है जिनमें वैध और अवैध दोनों शामिल है।

ट्वीट किया, ‘हमें उनके लिए लड़ना है। हम साथ में मजबूत हैं।’ कांग्रेस के सदस्य रो खन्ना ने कहा कि वायदे करने का वक्त गया, अब काम एजेंडे में होना चाहिए। खन्ना ने कहा कि अगर ट्रंप सच में कामकाजी परिवारों की मदद करना और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना चाहते हैं तो हमें आम अमेरिकी को सशक्त करने की जरूरत है। अर्थव्यवस्था के नियमों को फिर से लिखा जाना चाहिए। अमीर और बड़े कॉरपरेशन्स को कर छूट देने के बजाय हमें मध्य वर्गीय परिवारों, छोटे कारोबारियों और छात्रों को राहत देने की जरूरत है।

इन सभी जानकारी और मीडिया रिपोर्ट्स से ये तो सिद्ध होता हैं की भारतीय मूल के प्रतिनिधि विकास और विस्तार को भलीभांति पूर्वक जानते और समझते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति को चुनोती देना या उनकी बातो को काटना सच में एक मिशाल हैं ।

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