राष्ट्रीय । भारत की राजधानी से लेकर लगभग सभी प्रदेशो में प्रदुषण की समस्याओं से हमे हर रोज दो-चार होना ही पड़ता हैं । जहाँ देखो वातावरण की हालत बिगड़ी हुई हैं । एक नेशनल समाचार पत्र की माने तो पर्यावरण से जुड़ी एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में हर साल करीब 10 लाख लोगों की वायु प्रदूषण की वजह से मौत हो जाती है। इस रिपोर्ट में पांच देशों की साल 2010 औऱ साल 2015 के बीच वायु गुणवत्ता का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार अध्ययन किए गए पांच सालों में भारत की वायु गुणवत्ता लगातार खराब हुई है। हालांकि भारत सरकार ऐसे किसी बातो से किनारा कर चुकी हैं या यूँ कहे की भारत सरकार वायु प्रदूषण और लोगों की मृत्यु के बीच ऐसे किसी संबंध को नकार चुकी है। स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर रिपोर्ट 2017 में साल 2015 और साल 2010 के वायु गुणवत्ता का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। ये रिपोर्ट अमेरिकी हेल्थ रिसर्च संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्युएशन (आईएसएमई) ने तैयार की है।
वहीं रिपोर्ट में हुए खुलासे से पता चलता हैं की बारत की स्थिति सऊदी अरब और बांग्लादेश जैसे देशों से अच्छी है लेकिन वहीं चीन से खराब बताई गई है। इन पांच सालों (2010-2015) में चीन की तुलना में भारत में प्रदूषण 50 प्रतिशत बढ़ा। भारत की वायु गुणवत्ता दक्षिण अफ्रीका की तुलना में दो गुना और ब्रिटेन की तुलना में पांच गुना खराब है। रिपोर्ट में जिन छह देशों की वायु गुणवत्ता का अध्ययन किया गया है उनमें इसकी वजह से मृत्यु में सबसे खराब स्थिति भारत की पाई गई।
अगर रिपोर्ट की माने तो उसके अनुसार ढाई दशक पहले की तुलना में भारत में वायु प्रदूषण से मरने वालों की मृत्यु दर कम हुई है। साल 1990 में प्रति एक लाख जनसंख्या पर वायु प्रदूषण से मरने वालों की संख्या 165 थी। साल 2010 में ये संख्या घटकर 135 हो गई। लेकिन साल 2010 से 2015 तक ये दर लगभग समान रही।
वहीं रिपोर्ट के दुसरे पहलु पर नज़र डाले तो उसके अनुसार साल 2010 के बाद से सऊदी अरब की वायु गुणवत्ता भारत की तुलना में तेजी से सुधरी है। सल्फर ऑक्साइड, नाइट्रोजन और कार्बन खासकर पीएम 2.5 जैसे वायु प्रदूशक तत्वों को दुनिया में मौत का पांचवा सबसे बड़ा कारण माना जता है। वायु प्रदूषण के कारण दिल और मधुमेह की बीमारी से जुड़े खतरे बढ़ जाते हैं।
इन सभी मीडिया और अन्य रिपोर्ट्स से इतना तो जरुर ज्ञात होता हैं की वायु कितनी प्रदूषित हो रही हैं जो हमारे सेहत के लिए काल बन कर बेठी हुई हैं । हमे इस ओर ध्यान देने और कदम उठाने की जरूरत हैं ।
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