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पुलिस जवाबदेही समिति में भी आई हरकत,सोशल मीडिया पर चला आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला,कमाल हैं एक दम सभी नींद से जाग गए

हनुमानगढ़। (कुलदीप शर्मा) जिले में कल शेरगढ़ के समीप हुए हादसे ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया हैं वहीं राजनेतिक लोग भी अब आगे आने लगे हैं ,समाजिक संगठनो ने भी आवाज उठानी शुरू कर दी हैं । उठाये भी तो क्यूँ ना अब जनता का हितेषी जो बनना हैं ।

पुलिया जवाबदेही समिति अध्यक्ष भी बोले

जिला पुलिस जवाबदेही समिति के अध्यक्ष भीम सिंह राघव ने शुक्रवार को शेरगढ़ लखुवाली के बीच हुए दर्दनाक हादसे पर गहरा दुख प्रकट किया है और इस हादसे में मारे गए आम नागरिकों के परिवारों को हौसला दे और आगे से ऐसे हादसे ना हो और किसी बेकसूर नागरिक को अपनी जान से हाथ ना धोना पड़े इसके लिए पुलिस प्रशासन को दोषियों के खिलाफ सख्त कारवाई करने के निर्देश दिए जाने की सुचना मिल रही हैं । वहीं अब समिति अपना काम-धाम छोड़ कर ओवरलोड वाहनों पर नजर रखेगी और पुलिस अधिकारी कर्मचारी अपने कार्य के प्रति लापरवाही करेंगे तो उनके खिलाफ समिति सख्त कार्रवाई करेगी ऐसी बाते निकलकर बाहर आई हैं ।

सोशल मीडिया में छिड़ी जंग
कहते हैं भाई सोशल मीडिया का जमाना हैं तो सभी अपने-अपने फोन से लगे हुए हैं कोई किसी को कसूरवार बता रहा हैं तो कोई किसी को कसूरवार बता रहा हैं कोई उनकी आत्माओं की शांति की बात कर रहा हैं तो कोई कारवाई की मांग कर रहा हैं लेकिन सबसे बड़ी बात ये हैं की ये सभी पहले थे कहाँ ???

सामाजिक संगठन और राजनेता भी जागे
अगर हम सोशल मीडिया की बात करे तो इतने लोगो के कमेन्ट और विचार पड़े हैं की समझने और समझाने में शायद शब्द भी कम पड़ जाए । वहीं कुछ एक तो ये भी कहते नजर आये की राजनेताओं की गलती हैं जब कोई अधिकारी किसी को पकड़ता हैं तो फटाक से फोन मिलाता हैं और सीधा बात करवाता हैं । मामला काफी गम्भीर हैं । अब देखते हैं कब तक जागे रहेंगे या सुधार करवाएंगे ?

पहले भी तो हुए हैं हादसे,फिर क्यूँ भूल गए अपना काम

ये मामला पहला कतही भी नहीं हो सकता हैं पहले भी कई मामले हुए हैं जिनमे एकबारगी सभी में जोश आता हैं बाद में अचानक ऐसा क्या होता हैं की बस वो ही ढाक के तीन पात वाली बात हो जाती हैं । पुलिस को जहाँ देखो हेलमेट ही दीखते हैं बाकी चाहे जो मर्जी करे कोई प्रवाह नहीं ।

काल बनकर दोड़ती हैं लोक परिवहन और रोडवेज
जब से राजस्थान सरकार ने लोक परिवहन सेवा को हरी झंडी दिखाई हैं मामला हमेशा सुर्खियों में ही रहा हैं कभी मारपीट तो कभी कानूनी दावपेच शुरू हो जाते हैं लेकिन आखिर इसका नतीजा क्या निकलता हैं कुछ भी तो नहीं ?
जिस मर्जी सडक पर जा कर देख लो रोडवेज और लोक परिवहन बस सेवा में सवारियों को उठाने की होड़ लगी रहती हैं । अब इनके स्पीड को कोण कंट्रोल करे ।
कु

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