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ये केसी बेबसी ? बच्चों की जान जोखिम में डाल सरपट दौड़ रही स्कूली बसे,ना ही नियम-कायदे-कानून का डर,लापरवाही की सारी हदे पार..

बेबसी का सफर ?

सड़कों पर दौड़ रही है बिना फिटनेस  स्कूल बसें

प्रतापगढ़। जिला परिवहन विभाग द्वारा स्कूल बसों का पंजीयन कर रखा जबकि बच्चों को लाने ले जाने मैं पंजीयन से भी ज्यादा बसे लगी हुई है जिसमें टाटा मेजिक वेन अन्य छोटे-मोटे
वाहन भी पंजीकृत है या अवैध रूप से चल रहे हैं मैजिक गामा व ऑटो यात्रा परमिट वो भी बच्चों को लाने ले जाने का कार्य कर रहे हैं इनमें न तो स्पीड गवर्नर लगे हैं व ना ही कैमरे अन्य सुरक्षा की नियम की पालना भी नही की जा रही है अधिकांश बच्चों में बसों में तो इमरजेंसी विंडो भी नहीं है इसके बाद भी परिवहन विभाग फिटनेस जारी कर रहा है यहां तक की स्कूल बसों में 15 से 20 साल पुरानी झज्जर बसे को भी फिटनेस जारी कर बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई भी  सुरक्षा नहीं है मामला परिवहन विभाग शिक्षा अधिकारी और बस उसको संचालकों पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं परिवहन अधिनियम के अनुसार स्कूल बच्चों को घर से लाने ले जाने के लिए वाहनों का रजिस्ट्रेशन स्कूल संस्थान के नाम से किया जाता है वह एक स्कूल की बस दूसरी स्कूल में भी संचालित नहीं की जा सकती है लेकिन शहर में अधिकांश के पास फिटनेस व ना परमिट है उसके बाद भी बच्चों को लाने ले जाने में बिना फिटनेस की बसें दौड़ रही हैं ।

इमरजेंसी विंडो पर भी लगी सीटें

स्कूल बसों में कहीं भी देखा जाएगा तो इसको में एक इमरजेंसी विंडो रहती है जहां पर भी स्कूल संचालन व चालकों द्वारा सीट लगाई दी जाती है जिससे इमरजेंसी विंडो भी बंद हो जाती है एसी बसों में भी परिवहन विभाग में फिटनेस  भी जारी कर रखा है ऑटो मैजिक भी बिना परमिट के चल रहे हैं जिले में कही बड़े स्कूलों में टाटा मैजिक  स्कूल बच्चों को छोड़ने व लाने ले जाने का काम कर रहा है कहीं गैस वाली वेन में भी बच्चों को लाना ले जाना का काम हो रहा है वहीं स्कूली बच्चों के अभिभावको से पूरी शुल्क लेने के बावजूद भी एक सीट पर एक से ज्यादा बिठाए जा रहे हैं वही बस में भी खचाखच भरी हुई नजर आती है कहीं बसों में तो स्कूल बसों में सीटें भी फटी हुई है वही बसों के आगे पीछे ना तो नंबर मिलते हैं और ना स्कूल बस लिखा हुआ पाया जाता है कहीं बसों को तो ड्राइवर नियम कायदे ताक में रहकर दौड़ते हुए नजर आते हैं यहां तक की स्कूल बस चालक ट्रक व अन्य बसों से कंपटीशन करते हुए भी नजर आते हैं

ये हे नियम

स्कूल बसों में सुरक्षा में मांगों को लेकर सीबीएसई के निर्देशों के मुख्य बिंदु

स्कूल बसें पीले रंग की होगी वह बस के आगे और पीछे साफ अक्षरों में लिखा होगा स्कूल बस

बस पर ड्राइवर का नाम पता लाइसेंस नंबर बेंच नंबर टेलीफोन नंबर के अलावा स्कूल और बस मालिक का नंबर लिखना अनिवार्य है जिससे इसकी शिकायत हो सके
स्कूल बस 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही चले बस में जी पी  एस और cctv कैमरे लगे हो जो बस में चालू हालत में हो

स्कूल प्रबंधक कम से कम एक प्रशिक्षित महिला अटेंड और एक महिला गार्ड की नियुक्त करेगा जो यात्रा के दौरान छात्राओं का ध्यान रखें वही बसों में प्राथमिक उपचार के लिए बस में दवा योग का टूल बॉक्स अनिवार्य है जिसमें दवाई पट्टी होनी चाहिए

बस में अलार्म और सायरन भी लगा होना चाहिए बस ड्राइवर शराब पिए  ना हो शक होने पर मेडिकल टेस्ट करा कर उसे एक्शन ले

किसी अन्य वाहन का स्कूल बस  ओवर ट्रक न करें कि चले इस नियम का पालन भी स्कूल प्रशासन द्वारा करवाया जाए

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