आचार्य संदीपन
नेशनल न्यूज़/नई दिल्ली । 5 जून को कश्मीर के बांदीपुरा में CRPF पर हमले के दौरान लश्कर के हमलावर 4 आतंकियों को CRPF के बहादुर जवानों ने आसमान में उन्ही 72 हरों के पास पहुंचा दिया जिनसे मिलने का सपना लेकर ये आतंकी जिहाद फैला रहे हैं। CRPF की इस टीम के इन जाबांज साथियों के साथ मुख्य भूमिका निभाई डिप्टी कमांडेंट निरंजन सिंह मलिक ने।
दरअसल रात को डेढ़ बजे समस्त स्टाफ को चैक करके मुस्तैदी से ड्यूटी करने की हिदायत देकर निरंजन सिंह भी अपने कर्तव्य पर डट गये। रात में लगभग साढ़े तीन बजे जब कुछ कुत्तों ने भौंकना स्टार्ट किया तो अनुभवी निरंजन सिंह समझ गए कि चीजें ठीक नही है और कुछ खतरा हो सकता है। मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार निरंजन ने अपने अन्य साथियों को अलर्ट करने के साथ ही मोर्चा संभाल लिया।
जिहादी आतंकियों ने 1 घण्टे तक चली इस मुठभेड़ में CRPF की टीम पर 8 ग्रेनेड फेंके, लेकिन पूरी तरह चौकस CRPF की इस टीम को एक खरोंच तक नही आ पाई। निरंजन सिंह की अगुवाई में चली ये मुठभेड़ जब खत्म हुई तो सामने पडे थे 4 क्षत विक्षत शव जो पाकिस्तान परस्त जिहादियों के 72 हरों के पास रवाना होने की पुष्टि कर रहे थे।
ज्ञात रहे कि CRPF की 45 बटालियन में तैनात ये वही निरंजन सिंह मलिक हैं जिन्होंने कमांडेंट चेतन चीता के साथ जॉइंट एनकाउंटर में खूंखार लखवी के भतीजे को ढेर किया था। 9 गोलियां लगने के बाद भी मौत के मुंह से निकल आने वाले चेतन चीता को इतनी गोलियां लगने के बाद भी निरंजन आतंकियों के बीच से निकाल लाये थे।
निरंजन मलिक यूपी के मुजफ्फर नगर के लाक गाँव के रहने वाले हैं। निरंजन व उनके साथियों ने लगभग 1 घण्टे तक CRPF हैड क्वार्टर पर अटैक करने वाले जिहादियों पर जमकर गोलियां बरसाई और नापाक मंसूबे लेकर आये इन आतंकियों को जमीन सुंघा दी।
एक अनुमान के अनुसार अगर इन आतंकियों का ये हमला अगर सफल हो जाता तो CRPF को भारी हानि उठानी पड़ती व कई बहादुर जवानों की जन्दगी से हाथ धोना पड़ता।
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे