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बीकानेर -पुलिस पर पंचनामा : उषा जोशी


उषा जोशी की कलम से

* बदलाव की आहट से बदले खाकी के रास्ते

हालांकि यह जल्दबाजी है मगर स्थानीय खाकी महकमे में बदलवा की आहट इस दीपावली से दिखनी शुरू हो गई। वर्तमान में एक विपक्षी खादीधारी जो पूर्व में खाकीधारियों के आका भी रहे उनके घर में दीपावली पर खाकीधारियों का पहुंचने का सिलसिला देखा गया। ऐसे खाकीधारी इन दिनों अधिक सक्रियता से अपने मिशन में जुटे हुए हैं जो कुछ साल पहले ट्रांसफर पोस्टिंग व्यापार के उस्ताद समझे जाते थे। उनको पूरा विश्वास है कि अगले चुनाव में राज्य में सत्ता बदलेगी। ऐेसे में इन्होंने अभी अपनी-अपनी भूमिकाओं की रिहर्सल शुरू कर दी है। ऐसा नहीं है यह कार्यक्रम केवल एक ही विपक्षी खादीधारी के यहां शुरु हुआ हो, जिलेशभर में वर्तमान में हाथ पर हाथ धरे बैठे लगभग सभीविपक्षी खादीधारियों के यहां खाकीधारियों का पहुंचना देखा गया है। भले ही बहाना दीपावली का रहा हो। अब तक हासिये पर रहे अनेक खाकीधारी नये राज के दौर में तगड़ा थाना पाने की आस में अभी से अच्छे घरों में धोक देने लग गए हैं। सही बात है डूबते समय किस तिनके के सहारे नैया पार हो जाए कौन जानता है इसलिये थोड़ी राम राम अभी सबसे हो जाए तो बेहतर ही है।

* हम बड़े गली सांकड़ी

            सफेद सोने के इलाके में अपने कारनामों से विपक्षी खादीधारियों की आंख की किरकिरी बने एक थानाधिकारी को आखिरकार थाना छोड़ना पड़ गया। हालांकि गृह जिले में इन खाकीधारीभाईसाहब की पोस्टिंग ही नॉन फील्ड पोस्टिंग के आदेश के साथ हुई थी मगर टाइगर ने आवश्यकता के चलते खाकीधारी भाई को थानेदार बना दिया। सुना है विपक्षी खादीधारियों को जब यह पता चला कि नॉन फील्ड पोस्टिंग वाले खाकीधारी को थाना सौंपा हुआ है तो उन्होंने बहती गंगा में हाथ धोने के लिये थानाधिकारीजी पर तोहमतें लगकार लॉयन व टाइगर से उनको हटाने की मांग की। प्रदर्शन किया। धरने की चेतावनी तक दे दी। थानेदारजी को हटना पड़ा। सत्ता पक्ष के खादीधारियों ने विपक्षी खादीधारियों से मिली इस मात पर पर्दा ढकने के लिये आखिरकार नॉन फील्ड की सारी कहानी मीडिया को बताकर अपना घर ठीक किया।

* दिल जलता है तो जलने दें..

            नोटबंदी व जीएसटी के जमाने में भी किसी थानेदार के घर धनतेरस को लक्ष्मीजी की जमकर कृपा हो तो बाकी थानेदारों का दिल जलता तो बनता है। कौन थानेदार ऐसा होगा जो धनतेरस व दीपावली के दिन अपनी घर वाली को सोने का हार ना दिलवाना चाहता हो। अब दिल जले थानेदारों नेभी अपने यहां ऐसे ऐसे मामलों की जांच फाइलों का फिर से खंगालना शुरू कर दिया है जिससे मंदी के दौर में भी कुछ कमाई हो सके। कहने वाले कहते हैं कि जिन थानेदार जी के यहां लक्ष्मीजी की कृपा हुई है वे जांच तेज करने की बात कर किसी से भी कुछभी करवा सकते हैं। दूसरे थानेदारों को इससे कुछ सीख लेनी चाहिये ना कि उनकी प्रोगेस से जलकर दिल जलाते फिरे। इशारों में समझ सको तो ठीक हैभाई लोगों वरना हमें भी किसी का नाम बताकर नये कानून के झमेले में नहीं पड़ना है।

* दरोगा जी चोरी हो गई

कमाल करते हो थानेदारजी थाने में खड़ा ट्रक ही कोई चोरी कर ले गया और आप क्या तमाशा देखते रहे थे। थानेदारजी आपको बता दे उदयपुर के एक थाना परिसर से एक दुर्घटनाग्रस्त बाइक चोरी होने पर अदालत ने फटकार लगाते हुए पुलिस को यहां तक तक कह दिया था कि पुलिस खुद अपने थाने में खड़े वाहनों की सुरक्षा नहीं कर पा रही है वो आम लोगों तथा जगहों की सुरक्षा कैसे करेगी। एक बाइक की चोरी पर अदालत का यह रुख था तो आपके यहां से तो मूंगफली से भरा एक ट्रक ही थाने से लोग ले गए। चलिये आपने तुरंत कार्रवाई कर ट्रक चोर को पकड़ लिया मगर आगे से ध्यान रहे अदालत किसी को माफ नहीं करती है।

* क्राईम टूरिज्म का दौर शुरू

जांगळ देश में डेढ़ सौ से अधिक लोग अब तक ऐसे पहचान कर लिये गए हैं जिन्होंने फर्जी दस्तावेंजों से नागालेण्ड से हथियार के लाईसेंस प्राप्त किए हैं। हालांकि यह खुलासा प्रदेश के दूसरे जिले की पुलिस ने किया मगर जांगळ देश के खाकीधारियों को क्राइम टूरिज्म यानि अपराध पर्यटन का मौका मिल गया है। टाइगर ने फर्जी दस्तावेजों से दूसरे प्रदेश से हथियारों के लाईसेंस प्राप्त कर महंगे व आधुनिक हथियार खरीदने वालों की कुण्डलिया जांगळ प्रदेश लाने के लिये खाकीधारियों को अपराध पर्यटन पर भेज दिया है।

* बाकी सब ठीक है

पिछले हफ्ते थाने से ही एक ट्रक चोरी हो गया। बाकी सब ठीक है।  बैंक के बाबू ने गलती से किसी ओर के खाते में 14  लाख डाल दिये खाकीधारियों ने रुपये वापस दिला दिये। बाकी सब ठीक है। बैंक में चोरी हुई,दो मंदिरों से चोर छत्र चुरा ले गए। एक घर से दिन दहाड़े 14.15 लाख के गहने ले गए। बाकी सब ठीक है। आबकारी सीआई तथा एक पंचात प्रसार अधिकारी को रिश्वत लेते पकड़ा है। बाकी सब ठीक है। दिन दहाड़े एक युवक ने युवती का गला रेता, बैंक पहुंचे एक युवक के 60हजार रुपये जेब से कोई ले गया। बाकी सब ठीक है।

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