श्रीगंगानगर -लूप्त होते सपेरे फिर लौटने लगे



समेजा कोठी।(सतवीर सिह मेहरा)एक समय था जब सपेरे यानि जिन्हें जोगी के नाम से भी जाना जाता हैं,बडी संख्या में सॉप पकड़कर लोगों का मनोरंजन करवाते थे।


लेकिन  सन् 2000 के बाद सपेरे अपना सॉप रखने का अंदाज छोड़ सिर्फ गजा अथार्थ दक्षिणा लेना ही उचित समझने लगे।जिससे लोग जोगीयों को मात्र मांगने वाला समझने लगे।लेकिन इस वर्ष 2017 में सपेरों ने अपनी लोगप्रियता को जिन्दा करने के लिये सॉप रखने शुरू कर दिये।अब असली धर्म के सपेरे अपनी झोली में सॉपों के जोडे रखने लगे हैं।


बच्चों व बडो को काले नाग के दर्शन करवाकर उनका मनोरंजन व स्वंय दक्षिणा ले रहे हैं,जिससे लोगों की जोगी सपेरे के प्रति आस्था उजागर हो रही हैं। नाग देवता के दर्शन कर लोग कह रहे हैं यही असली जोगी की पहचान हैं।


समेजा कोठी में सपेरों का झुंड आया हैं जिनके पास काले नागों का भी आंकडा काफी हैं।लोग नाग देवता काफी  अरसे बाद दर्शन कर धन्य महसूस कर रहे हैं।

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