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हनुमानगढ़:-नशे की आगोश में समाता हनुमानगढ़ शहर,नहीं किसी को कोई चिंता

मेडिकल नशा(डेमो फ़ोटो)

जिम्मेदार अधिकारी नहीं कर रहे कोई कार्रवाई

कुलदीप शर्मा की कलम से
हनुमानगढ़।हमारे समाज में नशे को सदा बुराइयों का प्रतीक माना और स्वीकार किया गया है। लेकिन आजकल नशा यानी शराब पीना फैशन बनता जा रहा है। जबकि शराब को सभी बुराइयों का जड़ माना गया है। शराब के सेवन से मानव के विवेक के साथ सोचने समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है। वह अपने हित-अहित और भले-बुरे का अंतर नहीं समझ पाता। गांधीजी ने कहा था कि शराब के सेवन से मनुष्य के शरीर और बुद्धि के साथ-साथ आत्मा का भी नाश हो जाता है। शराबी अनेक बीमारियों से ग्रसित हो जाता है।

हनुमानगढ़ में मिलता हर नशा!
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शहर से लेकर प्रदेश में चाहे नशे को लेकर लाख कोशिशे की जा रही हो लेकिन शहर में नशा मिलना बिल्कुल आम बात हैं।किसी भी मेडिकल स्टोर से लेकर परचून की दुकानों में भी नशे को आराम से बेचा जा रहा हैं।नशे ने जहां युवा पीढ़ी को खत्म कर दिया हैं लेकिन स्थानीय पुलिस व प्रशासन की इस नशे को लेकर मानो कोई सजगता नज़र ही नहीं आ रही हैं।अब जब ये सब कुछ आम मिल रहा हैं तो ये भी साफ है कि शहर में नशा मिलना आम हैं।लेकिन शहर के जिम्मेदार कब जागेंगे इसका कुछ कहना अभी सही नहीं होगा।

नशे के आंकड़े हैं डरावने
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आंकड़े बताते हैं कि कुछ सालों में शराब सेवन में काफी इजाफा हुआ है। अमीर से गरीब और बच्चे से बुजुर्ग तक इस लत के शिकार हो रहे हैं। शराब के अतिरिक्त गांजा, अफीम और दूसरी नशीली चीजें भी काफी प्रचलन में हैं। शराब कानूनी रूप से प्रचलित है तो गांजा-अफीम आदि प्रतिबंधित होने के बावजूद चलन में है। वहीं मीडिया की।खबरों की माने तो देश में करीब 21.4 प्रतिशत लोग शराब के नशे के शिकार हैं। तीन प्रतिशत लोग भांग-गांजे का सेवन करते हैं। 0.7 प्रतिशत लोग अफीम और 3.6 प्रतिशत लोग प्रतिबंधित ड्रग लेते हैं। 0.1 प्रतिशत लोग इंजेक्शन के जरिए जानलेवा ड्रग के शिकार हैं।इन सभी आंकड़ो को माने तो जिले से लेकर देश का युवा नशे की आगोश में चला जा रहा हैं।

नशे पर प्रतिबंध फिर भी बेचान!
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देश मे नशे को लेकर काफी कानून प्रचलित हैं।लेकिन फिर भी इस शहर में बेखौफ नशे का कारोबार चल रहा हैं।शहर में नशे को लेकर आज तक कोई प्रभावी कार्रवाई देखने को नज़र नहीं आई हैं तो वहीं इसके चलते नशा कारोबारियों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं।शराब का नशा भी शहर में 24 घण्टे उपलब्ध हैं तो जो दूसरे नशे हैं वो भी हर जगह खुले में बेखौफ मिल जाते हैं इन सभी से इतना अंदाजा तो लगाया जा सकता हैं कि शहर व जिले में कानून को लेकर नशा कारोबारियों में कितना खौफ हैं!

शहर में ये नशे हैं प्रचलित
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हनुमानगढ़ शहर मे यूँ तो हर नशा बड़ी सुलभता से मिल जाता हैं लेकिन कुछ ऐसे भी घातक नशे भी प्रचलित हैं जो सीधा मौत की मुंह मे युवाओ को लेता जा रहा हैं।जानकारों की माने तो शहर में मेडिकल नशे से लेकर गांजा, सुल्फा,भांग, स्मेक जैसे बड़े घातक नशे भी बड़े जोरो-शोरो से जारी हैं।लेकिन ना तो पुलिस और ना ही कोई जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान देने को तैयार हैं।अब देखने वाली बात रहेगी कि कब और कैसे इस नशे के बड़े कारोबार पर कानूनी पंजे की मार पड़ेगी।




शहर में नशा खुल्लेआम मिल जाता हैं।लेकिन कोई भी अधिकारी इस पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं।शहर का युवा नशे में डूबता जा रहा हैं।- रूपसिंह,अधिवक्ता हनुमानगढ़

शहर में जिस तरह से खुल्लेआम नशा चल रहा हैं वो चिंता का विषय हैं।इसमें सभी की मिलीभगत के बिना नशा बिकना आसान नहीं हैं वहीं अगर यूँ ही नशा बिकता रहा तो हम भी रणनीति तय करके इसके खिलाफ ज्ञापन सौंपेंगे- रघुवीर वर्मा,कॉमरेड

शहर में खुल्लेआम नशा मिलना आम बात हैं।लेकिन ये सबसे बड़ी चिंता की बात हैं कि इसके बावजूद भी इन पर कार्रवाई नहीं होती हैं।नशे ने युवा पीढ़ी को अपने आगोश में लेना शुर कर दिया हैं- सुमन चावला,समाजसेवी

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