बीकानेर के खाजूवाला से खबर
कब्रिस्तान मामले को लेकर विवाद
सामरदा में वर्षो पुराने कब्रिस्तानो को लेकर ग्रामीण हुए एकत्रित
खनन विभाग द्वारा कब्रिस्तान भूमि की नीलामी घोषणा के खिलाफ आक्रोष
बोलीदाता ने किया भुमि का निरिक्षण
खनन व वन विभाग की टीम पहुंची मोके पर
मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोग मोके पर मौजुद
खाजूवाला(सुरेंद्र डेलू) उपखण्ड के ग्राम पंचायत सामरदा नौशेरा में वन विभाग की आरक्षित जमीन में खनिज विभाग द्वारा 8 ब्लॉक बनाकर उसकी नीलामी करने पर ग्रामीणों ने विरोध जताया
इस क्षेत्र के ग्रामीणों को 30 बीघा भूमि आबादी क्षेत्र व 9 बीघा भूमि कब्रिस्तान के लिए पट्टा जारी है
वही गांव के 115 वर्षीय आतु खां ने बताया कि इस कब्रिस्तान में उनके पिताजी दादाजी सहित पूरे परिवार की कब्र में दफन है और आज सरकार इस भूमि को खनिज विभाग के अधीन कर उन्हें यहां से जिप्सम निकालने के लिए दे रही है।
इस मामले पर सरपंच प्रतिनिधि फारूक कासमी का कहना है कि ग्राम पंचायत सामरदा के गांव नौशेरा में तीन कब्रिस्तान है जहां सन 2002 से पहले हमने हमारे पूर्वजों को दफनाया है और आज यह भूमि वन विभाग के अंतर्गत आ चुकी है।
वहीं अब इस भूमि पर खनिज विभाग 8 ब्लॉक काटकर नीलामी कर रहा है जिससे इस क्षेत्र में दफन सफेद सोना खुदा जाएगा और सफेद होने के साथ-साथ हमारे पूर्वजों को भी खोदने की साजिश रची जा रही है।
अगर सरकार व प्रशासन समय रहते नहीं चेते तो ग्रामीण यहां धरना प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं जिस की सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
इस संबंध में वन विभाग के दंतोर रेंज अधिकारी संदीप लोयल व खनिज विभाग के सहायक अभियंता राकेश से वार्ता की गई जिस पर उन्होंने आश्वस्त किया की अगर ग्रामीणों का विरोध है तो सरकार द्वारा कब्रिस्तान की भूमि बिल्कुल नहीं छेङी जाएगी।
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