परिजनों को सुरक्षित मिले बच्चों के शव
शव गायब होने की चर्चा से हड़कंप मचा
श्रीगंगानगर।(गोविंद गोयल) अभी तक ये साबित नहीं हुआ है कि मुरदा बच्चों के शव मशान से वास्तव मेँ गायब हुए हैं, किन्तु इस चर्चा ने उन घरों मेँ हडपंप मचा दिया, जिनके बच्चों की मौत किसी ना किसी कारण से हुई थी और जिनके शव इसी मशान मेँ दफनाये गए थे। चर्चा से भावुक हुए अनेक व्यक्ति आज मसान मेँ पहुंचे। ये व्यक्ति उस स्थान पर गए, जहां उन्होने अपने जिगर के टुकड़ों के शव को मिट्टी मेँ दबाया था। सभी को तसल्ली हुई कि उनके बच्चों के शव सुरक्षित हैं। वे भावुक हो रोने भी लगे। खुद पुलिस उन गड्ढों की तलाश मेँ है, जिनको खोद के शव निकाले गए। लेकिन अभी ऐसा कोई निशान या सबूत नहीं मिला जो ये साबित करता हो कि उस उस स्थान पर शव दफनाये गए थे, जो अब नहीं है। उस गड्ढे को भी पुलिस द्वारा खुदवाया जा सकता है, जिसमें दो चार दिन पहले समय से पहले जन्मे [ सतमासा] बच्चे का शव दफनाया गया था। इसमें कोई शक नहीं कि कुछ गड्ढे मिले हैं,लेकिन उनकी गहराई इतनी नहीं, जितनी शव दफनाने के लिए जरूरी है।
आज सुबह एक व्यक्ति अपने पोती के शव स्थान को देखने आया। उसे सब सुरक्षित मिला। शिव कालोनी के सुनील कुमार ने अपनी 5-6 साल की बेटी को दिवाली के दो दिन बाद मिट्टी दी थी। वह इस मामले की जांच कर रहीं एसआई ज्योति के साथ उस स्थान पर गया। सब सुरक्षित था। वह ज्योति मैडम को बच्ची की तस्वीर दिखा रोने लगा। उसे सांत्वना दी गई। एक युवा दंपती भी यही देखने के लिए आया। वह भावुक तो हुआ ही, किन्तु संतुष्ट था कि जैसा सुना, वैसा नहीं मिला। इस मामले की जांच करने के लिए आज कोतवाली की एसआई ज्योति एक कांस्टेबल के साथ मसान पहुंची थीं। उन्होने अलग अलग स्थान पर गड्ढों को देखा।
गड्ढे किस प्रकार से खोदे जाते हैं। कैसे उनमें शव और नमक रखा जाता है, यह भी जाना। कल्याण भूमि के केयरटेकर भूपेन्द्र ने उनको विस्तार से बताया। भूपेन्द्र ने उनको बताया कि अनेक बार परिजन खुद गड्ढा खोद लेते हैं। बाद मेँ जब पोली मिट्टी आती है तो वे ये समझ कर कि इधर किसी बच्चे का शव ना हो, वे उसे यूं ही खुला छोड़ दूसरी जगह गड्ढा खोदते हैं । एसआई को बताया गया कि कई बार किसी जाति विशेष के व्यक्ति इधर शराब भी पी लेते हैं। शराब की धोक भी लगाते हैं। एसआई ज्योति मैडम और उनके साथ आए कांस्टेबल को भूपेन्द्र ने पूरा मसान दिखाया, वे गड्ढे नहीं मिले, जिनमें से कथित रूप से शव निकाल लिए जाने की बातें कही जा रही है।
एसआई ज्योति ने यह पड़ताल भी की कि कोई व्यक्ति इधर उधर से आ सकता है या नहीं। उनको कोई स्थान ऐसा नहीं लगा, जिधर से किसी व्यक्ति के आने की कोई संभावना दिखाई देती हो। कुत्तों के पंजों के निशान जरूर मिले। दीवार पर भी और मसान के अंदर भी। एसआई ज्योति ने सुनील कुमार के बयान लिए। भूपेन्द्र सहित कल्याण भूमि के सभी कर्मचारियों के नाम पते नोट किए। उनको बयानों के लिए कोतवाली आने के लिए निर्देश दिये। पूरी जांच पड़ताल मेँ कहीं कोई मास का टुकड़ा नहीं मिला। मशान मेँ तंत्र साधना करने वाले अघोरी इस क्षेत्र मेँ हैं नहीं। बच्चों के शवों के अंगों का कारोबार मुमकिन नहीं।
फिर बच्चों के शव गायब होने की बात कैसे और किस कारण से की गई, इसकी पड़ताल भी की जा रही है। क्योंकि यह मुद्दा बहुत अधिक संवेदनशील है। ऐसे मुद्दों से शहर का माहौल बिगड़ता है और कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका रहती है। इसीलिए पुलिस और नागरिक प्रशासन पूरी गंभीरता से इस मामले की जांच कर रहा बताया गया है।
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे