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नहर पर पेड़ो की कटाई बना सिरदर्द।सिंचाई विभाग व वन विभाग में आपसी खींचतान...

इस क्षेत्र की जीवनदायिनी अनूपगढ़ शाखा से निकलने वाली केवाईडी नहर पर पिछले कई दिनों से नहर में झुके हुए पेड़ों की कटाई का कार्य सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा शुरू किया गया था लेकिन वन विभाग की आपसी खींचतान के चलते बार-बार कार्य को रोका गया  


बार-बार इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था लगातार खबर चलने के बाद हरकत में आए प्रशासन ने रविवार सुबह अधिशासी अभियंता अनिल कैथल की मौजूदगी में कटाई के कार्य को एक बार पुनः शुरू किया गया कार्य  को शुरू करते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे वह पेड़ों को काटने से मना कर दिया गया एक बार मौके पर तनावपूर्ण स्थिति हो गई पुलिस थाना में भी सूचना दी गई लेकिन अधीक्षण अभियंता विजयनगर रामसिंह ने दूरभाष पर वन विभाग के उच्च अधिकारियों से बात कर अपने क्षेत्राधिकार में आ रहे पेड़ो की कटाई कर नहर को बचाने के लिए इस काम को निरंतर जारी रखने के लिए कहा गया 


नहर की पटङे सहित 25 फुट तक की जगह सिंचाई विभाग के अधिकार क्षेत्र में आती है उस अधिकार क्षेत्र में पेड़ों की वन विभाग की बिना अनुमति द्वारा झुके हुए पेड़ों की टहनियों की काटाई की जा सकती है सिंचाई विभाग चाहता है कि इस नहर पर झुके हुए पेड़ों की कटाई कर नहर को टूटने से बचाया जाए ताकि आने वाले गर्मी के दिनों में तेज चलने वाली आंधियों से नहर सुरक्षित रहे झुके हुए पेड़ों के कारण नहर में डाफ लग जाती है और नहर टूटने का खतरा मंडराता रहता है


 नहर को बचाने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारी पूरी रात और दिन नहर पर गश्त करते हैं सिंचाई विभाग के आला अधिकारी व एसडीएम रमेश देव द्वारा इस पूरे मामले का निरीक्षण किए जाने के बावजूद भी वन विभाग द्वारा बार-बार कार्य को रोका जा रहा है


 लेकिन पिछले 1 माह से ज्यादा समय में  आईजीएनपी द्वारा एलएनटी मशीनें ज्यादातर वन विभाग  की खींचतान के चलते  खड़ी रही इस वक्त आईजीएनपी के एलएनटी मशीनों द्वारा झुके हुए पेड़ों की कटाई का कार्य किया जा रहा है इस मौके पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अनिल कैथल पूरे दिन मौके पर मौजूद रहे

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