हनुमानगढ़, संगरिया और टिब्बी के अभियोजन भवनों का गृहमंत्री ने वीसी के जरिये किया लोकार्पण


वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जयपुर से ही किया लोकार्पण   
रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,हनुमानगढ़। हनुमानगढ़, संगरिया और टिब्बी के नवनिर्मित अभियोजन भवनों का गुरूवार को गुलाब चंद कटारिया ने जयपुर से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए लोकार्पण किया।हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट परिसर में बने नवनिर्मित अभियोजन भवन में समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गृह मंत्री ने जहां जयपुर में तीनों भवनों का लोकार्पण किया वहीं स्थानीय स्तर पर लगाई गई लोकार्पण पट्टिका का लोकार्पण जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित, एसपी यादराम फांसल, एडीजे ओम प्रकाश शर्मा, सीजेएम पवन कुमार वर्मा और एडीपी अजीत सिंह राठौड़ ने किया । समारोह को जयपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए  संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने  कहा कि सरकार द्वारा अब जिलों और तहसीलों में अभियोजन भवन बनाए जा रहे हैं ताकि अभियोजन अधिकारियों को सुविधाएं दी जा सकी। गृह मंत्री ने कहा कि अभियोजन कक्ष बनने से ना केवल अभियोजन अधिकारियों बल्कि पीड़ित पक्ष के लोगों को भी अब राहत मिल सकेगी। 
                               

इस अवसर पर जिला कलक्टर ने कहा कि अभियोजन भवन बनने से अभियोजन से जुड़े अधिकारियों को बडी राहत मिलेगी। अपराधियों के विरूद्ध और अच्छे से पैरवी कर सकेंगे। एडीजे ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि अभियोजन भवन के बनने से अभियोजन से जुड़े अधिकारियों को कार्य करने में अब ज्यादा सुविधाएं मिलेगी और वे पहले से भी ज्यादा सशक्त रूप से कार्य कर सकेंगे।
                              

 एसई पीडब्ल्यूडी गुरनाम सिंह ने मीडिया को जानकारी दी कि हनुमानगढ़ में अभियोजन भवन करीब 1 करोड़ की लागत से बना है वहीं संगरिया और टिब्बी के अभियोजन भवन की लागत करीब 30-30 लाख आई है। कार्यक्रम को लेकर तीन लोकार्पण पट्टिका लेकर हनुमानगढ़ पीडब्लूडी के अधिशाषी अभियंता प्रवीण मोहन मित्तल और सहायक अभियंता सचिन बधवा जयपुर पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान वे भी जयपुर में मौजूद रहे।  सहायक निदेशक अभियोजन अजीत सिंह राठौड़ ने मीडिया को बताया कि अपराधियों के विरूद्ध अभियोजन अधिकारी पैरवी करते हैं लेकिन अभियोजन अधिकारियों के पास कोई सुविधा नहीं होने से वे कोर्ट में अच्छा पक्ष नहीं रख पाते थे और सुविधाओं के अभाव में प्राइवेट वकील से पिछड़ जाते थे।

 लेकिन अब अभियोजन भवन बनने से ना केवल अभियोजन अधिकारियों को बैठने की सुविधाएं मिलेंगी बल्कि पुस्तकें पढ़ने की भी यहां व्यवस्था होगी। साथ ही गवाहों के बैठने की भी व्यवस्था हो जाएगी। इसका लाभ अपराधी के विरूद्ध सरकार अपना पक्ष मजबूती से रख सकेगी। वीडियोे कॉन्फ्रेंस के जरिए कार्यक्रम को सफल बनाने वाले एनआईसी के शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि पिछले तीन दिनों से इस लोकार्पण कार्यक्रम को लेकर तैयारियां की जा रही थी। जिसे आज सफलता पूर्वक पूरा किया गया।

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