परनामी और चन्द्रशेखर सहित कई मंत्री उपस्थित रहे
जयपुर। को जयपुर में राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे की मौजूदगी में हाल ही में उपचुनावों में मिली भाजपा की हार के कारणों को तलाशा गया। सीएमआर में हुई इस बैठक में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, संगठन महासचिव चन्द्रशेखर, मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़, अरुण चतुर्वेदी, यूनुस खान आदि भी उपस्थित रहे। बैठक में इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया गया कि अजमेर और अलवर के सभी 16 विधानसभा तथा एक मांडलगढ़ में भाजपा की हार कैसे हो गई।
बैठक में इन 17 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा संगठन को लेकर भी चर्चा हुई। चन्द्रशेखर का सवाल था कि जब इन दोनों संसदीय क्षेत्रों में बूथ स्तर पर 21 कार्यकर्ता और फिर पन्ना प्रभारी तक बनाए गए, तब इतनी बुरी हार कैसे हो गई? बैठक में मंत्री राठौड़, यूनुस खान और चतुर्वेदी ने अजमेर में हुई हार के कुछ कारण भी गिनाए।
सीएम और चन्द्रशेखर का मानना रहा कि 10 माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इन दोनों जिलों में संगठन को और मजबूत किया जाए। हालांकि सीएम का यह भी कहना रहा कि कार्यकर्ताओं ने मेहनत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बैठक में इस तथ्य को स्वीकार किया गया कि मतदाताओं ने नाराजगी दिखाते हुए वोट दिया है। बैठक में दोनों संसदीय क्षेत्रों के भाजपा उम्मीदवारों की भूमिका पर भी विचार किया गया।
चन्द्रशेखर की अमितशाह से मुलाकातः
प्राप्त जानकारी के अनुसार एक फरवरी को चुनाव परिणाम के बाद दिल्ली में प्रदेश के संगठन महासचिव चन्द्रशेखर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। जानकारों के अनुसार इस मुलाकात में शाह ने जो दिशा-निर्देश दिए, उसी के अनुरूप 2 फरवरी की बैठक में चन्द्रशेखर ने अपना रुख प्रकट किया।
सीएम की पसंद रहे दोनों उम्मीदवारः
अलवर से जसवंत यादव और अजमेर से रामस्वरूप लाम्बा को उम्मीदवार बनाने का फैसला सीएम वसुंधरा राजे का ही था। राष्ट्रीय नेतृत्व ने उम्मीदवार चयन और जिताने की जिम्मेदारी सीएम राजे पर ही डाली थी। इसलिए सीएम ने दोनों उम्मीदवारों को जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अजमेर में 8 विधानसभा क्षेत्रों में सीएम 17 बार प्रचार के लिए आई। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीएम ने कितनी मेहनत की।
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