नोहर फीडर की खिनानिया वितरिका का मोघा न .1 से 14 तक बैड लेवल
सही नहीं होने से किसानों को मिल रहा अपर्याप्त सिंचाई पानी
- 150-200 क्यूसेक पानी नहर में प्रवाहित होने से मोघों में नहीं चलता,पूरा भर रहे किसान आबियाना
व रकम,किसानों,14 साल में विधायक से लेकर सिचाई मंत्री से लेवल सही करवाने की मांग कर चुके
जयलाल वर्माञ्च चारणवासी। नोहर तहसील की जीवनदायिनी कहलाने वाली नोहर फीडर की खिनानिया वितरिका का बैड लैवल सही न होने के कारण किसानों को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई पानी नहीं मिल रहा हैं। किसानों का कहना हैें। कि फेफाना हैड से खिनानिया वितरिका केे मोघा न.1 से लेकर मोघा न.14 (रतनपुरा हैड)तक नहर का बैड लेवल सही नहीं हैं। जिस कारण किसानों को अपने हक का पूरा पानी नहीं मिल रहा हैं।
क्षेत्र के किसान नहर का बैड लेवल सही करवाने की मांग विधायक,सांसद,पूर्व सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी व वर्तमान जल संसाधन मंत्री से कई बार ज्ञापन देकर कर चुके हैं परन्तु परिणाम डाक के तीन पात रहा। इस नहर की क्षमता 332 क्यूसेक पानी की हैं। जबकि इस नहर में मोघे दो सौ क्यूसेक पर लगे हैं। जब नहर में 150-200 क्यूसेक पानी आता हैं तो मोघो में प्रवाहित नहीं होता। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता हैं। किसानों का कहना हैं। कि एक महीनें में एक सप्ताह पानी आता हैं। अधिकांश समय हरियाणा क्षेत्र में राजस्थान के हिस्से का पानी चोरी होने के कारण इस नहर में लगभग 200-250 क्यूसेक पानी ही पहुंच पाता हैं। जो मोघो से नीचे या बराबर होने के कारण खेतों में नहीं पहुंचता। पर्याप्त पानी कभी-कभार ही मिलता हैं और मोघो से प्रवाहित होकर खेतों में पहुंचता हैं।
प्रति 1 बीघा 6 मीनट मिलता हैं नहर का पानी:
खिनानिया वितरिका के चक 6 के.एन.एन के किसानों को ज्यादा परेशानी हैं। इस चक में सिंचित भूमी ज्यादा होने के कारण विभाग ने मात्र 6 मीनट प्रति बीघा के हिसाब से पानी आरक्षित कर रखा हैं। किसान अमर सिंह खीचड़,बुधराम वर्मा,ओम प्रकाश मेहरड़ा,कालू राम गरूवा व सीताराम निमीवाल का कहना हैं। कि 6 मीनट पानी से भूमि सिंचित होना तो दूर की बात पानी खेत में नहीं पहुंच पाता।
नोहर फीडर को दो समूह में चलाने से प्रभावित हुए किसान:काफी समय से नोहर फीडर को तीन समूहों
में चलाया जा रहा था। जिससें नहरों व माइनरों की टेल पर पर्याप्त मात्रा में सिंचाई पानी पहुंच रहा था।
लेकिन गत् नवबंर माह मे किसानों ने नोहर एसडीएम कार्यलय के आगे धरना देकर नोहर फीडर को दो
समूहों में चलवा लिया। जिससें सबसे अधिक खिनानिया वितरिका के किसान प्रभावित हुए हैं। अब किसानों को पूरा पानी नहीं मिल रहा। नोहर फीडर को दो समूहों में चलाने के बाद अब खिनानिया वितरिका के कृषी रक्कबें को विद्युत मोटरों से सिंचित किया गया हैं। जिससें किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ हैं। ऐसी स्थिति में फसल उत्पादन भी कमजोर रहेगा।
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