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दिल्ली में मरणो-धरणो में शामिल होंगे युवा


रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,गोलूवाला। राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता के लिए चल रहे आंदोलन के तहत कुम्हारावाली गांव में तैयारी बैठक रखी गई।

बैठक की अध्यक्षता प्रधानाचार्य रघुवीरसिंह सहारण ने की।बैठक के मुख्य वक्ता डॉ. गौरीशंकर निमिवाल,प्रदेश संयोजक मायड़ भाषा राजस्थानी छात्र मोर्चा ने कहा कि राजस्थान का युवा अपनी मातृभाषा की संवैधानिक मान्यता के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेगा।

उन्होंने राज्य सरकार व केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में नहीं जोड़ा जाता तो आने वाले दिनों में हम राजस्थान प्रदेश में गांव-गांव,ढाणी-ढाणी में किसानों,मजदूरों व युवाओं को लेकर जन संघर्ष करेंगे।उन्होंने बताया कि 6 मई 2015 को रामलीला मैदान नई दिल्ली में धरने के बाद माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री राजनाथ सिंह केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल,गजेंद्र सिंह शेखावत ने आश्वासन दिया था कि आगामी संसद सत्र में हम राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ेंगे।

राजस्थानी छात्र मोर्चे के गंगानगर जिला संयोजक पवन सोखल ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों द्वारा देश के विभिन्न सार्वजनिक मंचो पर राजस्थानी को आठवीं अनुसूची जोड़ने में की घोषणा बार-बार की गई परंतु आश्वासन के अलावा अब तक कुछ नहीं हुआ।पूरे प्रदेश में जन जागरण अभियान “म्हारे मन में खोट नीं,भासा नीं तो वोट नीं,केय दो डंके री चोट,पैली भासा पछै वोट,
 के नारे के साथ हम काम करेंगे।

बैठक में छात्र मोर्चा कोर कमेटी के सदस्य हरीश हैरी ने राजस्थानी भाषा साहित्य के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए राजस्थानी भाषा की समृद्धता के बारे में बताया।बैठक को पवन सोखल जिला संयोजक राजस्थानी छात्र मोर्चा ने श्रीगंगानगर जिले की हर तहसील से नई दिल्ली धरने में पहुंचने वाले युवाओं कोे संगठन की कार्य योजना,गतिविधियों कार्यक्रमों के बारे में बताया।बैठक में सुभाष ढुंढाड़ा,हरीश कुमार,विकास,गोपाल,अमित जांगू,छात्र नेता प्रशांत सागवाल,डॉ राजेन्द्र ढूंढाड़ा,बलवंत कुमार,पवन कुमार सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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