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व्यापार। बीते दिनों देश की राजनीति में हलचल पैदा करने वाले पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के वजह से हीरा कारोबार पर गहरी चोट लगी है। इस घोटाले की जांच में पता चला था कि नीरव मोदी ने कम गुणवत्ता वाले हीरे ऊंचे दाम पर बेचने का काम करते थे। यह तथ्य सामने आने के बाद से हीरे की खरीद में ग्राहक ज्यादा सतर्कता बरत रहे हैं। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।एसोचैम की सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रांडेड आभूषण निर्माता शुद्धता का सर्टिफिकेट देते हैं, लेकिन देश में बहुत बड़ा असंगठित बाजार आपसी यकीन पर अभी तक चल रहा है,जिस पर बुरा असर पड़ा है।
सर्वेक्षण के मुताबिक,हीरा खरीदने वाले ग्राहकों का भरोसा डगमगाया है। सेक्टर को लेकर जिस तरह की नकारात्मक बातें सामने आई हैं, उसके बाद ग्राहक जोखिम नहीं उठाना चाह रहे हैं। शुद्धता का सर्टिफिकेट देने वाले ज्यादातर ब्रांडेडशोरूम बड़े शहरों में ही हैं।
दिल्ली-एनसीआर ,मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुर, चंडीग़ढ और देहरादून के 350 आभूषण विक्रेताओं को शामिल किया गया। करीब 500 घरेलू और कामकाजी महिलाओं से भी बात की गई। बड़े पैमाने पर असंगठित क्षेत्र के आभूषण विक्रेता सोने-चांदी की ओर रख कर रहे हैं, क्योंकि हीरे की शुद्धता को लेकर ग्राहकों के मन में शंका घर कर गई है। विक्रेताओं ने बताया कि पुराने खरीदे हुए हीरे की शुद्धता जांचने के लिए भी बहुत से ग्राहक फोन कर रहे हैं। हीरे के कारोबार में 10-15 फीसद तक की गिरावट आई है।
वहीं वर्ल्ड बैंक का कहना है कि पीएनबी में हुए घोटाले को देश के वित्तीय क्षेत्र की तस्वीर नहीं कहा जा सकता। भारत में वर्ल्ड बैंक के कंट्री डायरेक्टर जुनैद कमाल अहमद ने कहा,किसी भी घोटाले से यह पता चलता है कि निगरानी प्रणाली कितनी सुचारू है। मैं एक घोटाले को पूरी व्यवस्था की तस्वीर नहीं मान सकता। हालांकि उन्होंने कुछ बदलाव की वकालत भी की। अहमद ने कहा कि भारत में सरकार ही नीति निर्माता,नियामक और सेवा प्रदाता है। इसे बदलना चाहिए। सरकार को केवल नीति बनानी चाहिए और निगरानी का जिम्मा स्वतंत्र नियामकों पर छोड़ देना चाहिए।
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