क्या कलम के सिपाही यू ही लहुलूहान होते रहेगें या सरकार लेगी सुध।
समेजा कोठी।(सतवीर सिह मेहरा)पत्रकारिता लोकतंत्र का मजबूत पहरेदार हैं।देश की आजादी से लेकर आज तक पत्रकारिता ने महती भूमिका तो अदा की हैं लेकिन सरकार आई और चल दी पत्रकार सुरक्षा के लिए आज तक ठोस कदम उठाने की जहमत किसी सरकार ने नही उठाई।बात सोचनीय हैं की जिस मीडिया ने देश के नौजवानों में आजादी की ललक जगाकर अंग्रेजों को भाग खड़ा किया आज वही मीडिया कर्मी अपने आपको असुरक्षित महसूस करता हैं।
पत्रकार देश के हर नागरिक की समस्या अपनी कलम के जरिये सरकार को बताता हैं।यही नही देश के विकास में मीडिया अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा हैं।मीडिया कर्मी जानजोखिम में डालकर देश के विकास कंटक भ्रष्ट अधिकारीयों की पोल पट्टी खोल उन्हें जनता के सामने ला रहा हैं ताकि आमजन को प्रताडित न किया जा सके।मीडिया लाखों महिलाओं को जागरूक कर प्रदा,दहेज,शोषण,आदि हितों के लिए लडना सिखा रहा जिससे देश विकास की ऊचाईयों को छू रहा।न जाने कितने ही कार्य मीडिया देश हित के लिए करता हैं।लेकिन लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की बेकद्री अशोभनीय हैं।मीडियाकर्मी को जो चाहे कवरेज के समय मारे पीटे उसकी जान ले सरकार की कोई जिम्मेदारी नही।सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के लिए आनाकानी क्यों कर रही हैं यह वास्तव में सोचनीय हैं।पत्रकार कोई रातों रात कुकरमुतों की तरह नही उगते जिन्हें अनदेखा कर दिया जाता हैं।
सरकार को कलम के सिपाही की हिफाजत के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए ताकि जनता के अधिकारों की हिफाजत हो सके।सरकार के घोषणा पत्र में प्राथमिकता से पत्रकारों की सुरक्षा कानून की बात होनी चाहिए।पत्रकारो के कैमरे छिनने वालों व मारपीट करने वालों को ठोस सजा हो ताकि पत्रकार को कवरेज करते रोकने से पहले सोचे तो सही।देश की आजादी से इतने वर्ष गुजर जाने पर भी पत्रकार के लिए कानून न बनाना बहुत बडी असफलता मानी जानी चाहिये।आखिर सरकार सुरक्षा कानून बनाने को लेकर घबराहट क्यों रखती हैं,क्या पत्रकार हर जगह अपमान सहने के लिए हैं।क्या पत्रकार को सुरक्षा देने पर सरकार के अधिकार कम हो जायेगे।
यह सब बेतुकी सोच हैं सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून बनाकर कलम के सिपाहियों को सकून तो दे सकती हैं।कलम के सिपाही बिना सुरक्षा के भी लोकतंत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे हैं और जुर्म व बिना जान की परवाह कर कलम सच लिखती रहेगी।सरकार कलम के सिपाही को राहत की मंशा रखती हैं तो सुरक्षा कानून बनाया जाना चाहिये। कलम न रूकी हैं न रूकेगी सदैव चलती रहेगी।जय हिन्द।
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