सद्भावनानगर में स्थित नशामुक्ति केन्द्र में युवक की संदिग्ध मौत के मामले में आया नया मोड़
श्रीश्याम नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र के संचालक का दावा
श्रीगंगानगर। ग्राम पंचायत साहूवाला में स्थित अनमोल नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र में एक मरीज की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में बेशक पुलिस ने अदालत के इस्तागासा के आधार हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया हो, लेकिन इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है। इस मामले में एक ऐसे व्यक्ति को भी नामजद किया गया है, जिसका उक्त प्रकरण से दूर-दूर का वास्ता नहीं है। यह खुलासा मुकदमे में नामजद और श्री श्याम नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र के संचालक अकबर खान ने आज एक वक्तव्य जारी करते हुए किया। अकबर खान ने कहा कि उनकी श्री श्याम नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र के नाम से अलग संस्था है, जबकि जिस युवक की मौत नशामुक्ति केन्द्र में हुई है, वह अनमोल नशामुक्ति केन्द्र अलग है। उन्होंने कहा कि ना तो वे अनमोल नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र के प्रबंधकों में शामिल है और ना ही स्टाफ में। जिस दिन युवक की मौत हुई थी, उस दिन भी वे संस्था अथवा संस्था के पदाधिकारियों व स्टाफ के संपर्क में नहीं थे। श्री खान ने कहा कि युवक की मौत नशा नहीं मिलने के कारण हुई अथवा उसको यातनाएं दी गई, इससे उनका व श्री श्याम नशामुक्ति केन्द्र का कोई लेना-देना ही नहीं है। खान के मुताबिक मुकदमे में बेवजह नामजद करके उनकी संस्था को बदनाम करने की साजिश रची गई हो सकती है। यह भी हो सकता है कि गलतफहमी या फिर गलती से उन्हें इस मामले में घसीटा गया है। अकबर खान ने पुलिस से भी आग्रह किया है कि वे इस मामले की निष्पक्ष रूप से जांच करे और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करे और उनका नाम इस मुकदमे से हटाया जाए। साथ ही पुलिस पर विश्वास जताते हुए श्री खान ने विश्वास दिलाया कि पुलिस की जांच-पड़ताल में वे निर्दोष साबित होंगे। उन्होंने कहा कि श्रीश्याम नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र एक खुली किताब है, जिसमें चिकित्सीय व अध्यात्मिक पद्धति व योग से लोगों को नशे से छुटकारा दिलाकर उन्हें जीवन की मुख्य धारा से जोड़ा जाता है।
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