Advertisement

Advertisement

18 माह से उलझी गुत्थी सुलझाने में पुलिस,सीआईडी से लेकर एसओजी तक के छूट रहे पसीने!


परिजनों को आज भी लाल के हत्यारो को पकड़े जाने का इन्तजार
इस दौरान बदल गए 2 आईजी,1 एसपी, 1 डीवाईएसपी,3 एसएचओं
विधायक से लेकर मंत्री तक को मिल चुके परिजन लेकिन लगी निराशा हाथ!
विधानसभा चुनाव बहिष्कार तो अब लोकसभा बहिष्कार की तैयारी!
हनुमानगढ़।(कुलदीप शर्मा) जसाना हत्याकांड का नाम सुनते ही वो शाम का वक़्त याद आ जाता है जिस दिन जसाना के पवन व्यास नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी गयी थी! उसी दिन से परिजनों व ग्रामीणों में आक्रोश साफ़ देखा जा सकता है। गाँव जसाना हनुमानगढ़ से लेकर प्रदेश भर में चर्चा का विषय इस हत्याकांड की वजह से बना हुआ है। कितनी ही जांच एजेंसियों व टीमों ने जसाना व्यास हत्याकांड को लेकर अपनी तरफ से जांच भले ही कर ली हो लेकिन आज भी इस हत्याकांड की गुत्थी कोई भी सुलझाने में कामयाब नहीं हो पाया है! अब 18 माह किसी हत्याकांड को बीत जाए तो सवाल उठने तो लाजमी ही है! 



मृतक पवन व्यास

निर्मम हत्या,प्रदर्शन,चुनाव बहिष्कार सहित ना जाने क्या कुछ नहीं किया!

गांव जसाना के बहुचर्चित पवन व्यास हत्याकांड पुलिस व जांच एजैंसियों के लिए चुनौती बन गया है। उल्लेखनीय है कि 17 अक्टूबर 2017 को धनतेरस के दिन गांव के अटल सेवा केंद्र में ई-मित्र संचालक पवन व्यास की अज्ञात हत्यारों द्वारा गर्दन काटकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। सर्व समाज व परिजनों ने दूसरें दिन हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाने दिया। तत्कालीन एसएचओं व प्रथम जांच प्रभारी रणवीण  सांई ने दस दिन में हत्यारों की गिरफ्तारी का आश्वासन देकर शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। उसके बाद जांच अधिकारी ग्रामीणों द्वाराबार-बार किए आंदोलनों में समय मांगा ओर मिलता रहा। गठित टीम मामले का खुलासा नहीं कर पाई। उसके बाद आईजी ने बीकानेर की डीवाईएसपी ममता सारस्वत को मामले की जांच में स्पेशल लगाया। पुलिस जांच टीम व ममता सारस्वत द्वारा मामले में छ:लोगों को संदिग्ध माना। उसके पूर्व विधायक अभिषेक मटोरिया के हस्तपेक्ष से हुई सर्वसमाज व परिजनों की बैठक में संदिग्ध लोगों का नार्को टैस्ट करवाने की बात पर सहमति बनी ओर सीआई ने जांच की तैयार शुरू कर दी। सर्व समाज व परिजनों का शिष्टमंडल तत्कालीन गृह मंत्री गुलाब चन्द कटारिया से मिलकर सीबीआई जांच की मांग की। लेकिन गृहमंत्री ने मामले की जांच सीआईडी बीकानेर को मामले की जांच सौंप दी। सीआईडी ने संदिग्ध लोगों का नार्को टैस्ट पुलिस द्वारा करवाकर देने की बात पर जांच शुरू नहीं की। पुलिस जांच अधिकारी रणवीर सांई द्वारा छ:लोगों के नारकोटैस्ट की पूर्ण तैयारी कर ली थी। लेकिन मृतक के पिता रामस्वरूप व्यास ने सातवें व्यक्ति को संदिग्ध बताते हुए उसका भी नारकोटैस्ट करवाने की मांग एसपी से की। उसके बाद सात लोगों का पुलिस द्वारा नारकोटैस्ट करवाकर रिपोर्ट सीआईडी को सौंप दी। जहां फालल ठंडे बस्तें में चल गई। उसके बाद नोहर आई तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने आईजी दिनेश एम एन को मामले की जांच करने के आदेश दिए। लेकिन कोई जांच नहीं हुई। परिजन आईजी से रावतसर आवगमन पर मिले थे। उन्होंने जांच करवाने का आश्वासन दिया। लेकिन एक साल बाद फाइल इधर-उधर घूमती रही तो लोगों को न्याय मिलता नजर नहीं आया ओर ग्रामीणों ने विधानसभा चुनावों का बहिष्कार कर दिया। बहिष्कार के बाद पूर्व भाजपा सरकार ने बहिष्कार तुड़वाने के लिए आनन-फानन में मामले की जांच एसओजी यूनिट जोधपुर को सौंप दी। लेकिन ग्रामीण हत्यारों की गिरफ्तार की मांग पर अडिग रहते हुए सात हजार में से एक भी वोट नहीं डाला। चुनाव संपन्न होने के बाद भी एसओजी ने जांच शुरू नहीं की तो दो युवक गांव की पानी की टंकी पर चढ़ गए। तक जाकर 20 दिसबंर 2018 को एसओजी जोधपुर यूनिट के एसपी रामदेव जलवानिया के नेतृत्व में मामले की जांच शुरू की गई। लेकिन हत्याकांड का खुलासा एसओजी फरवरी माह में नहीं कर पाई तो ग्रामीणों ने पांच मार्च को नोहर थाने का घेराव कर महापडाव डाल दिया जो चल रहा है।

पहली गठित टीम रही असफल! 
हत्या के छ: माह बाद तत्कालीन एसपी यादराम फांसल ने आदेशानुसार भादरा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र कुमार मीणा के सुपरविजन में हनुमानगढ़ डीवाईएसपी भंवरलाल मेघवाल,नोहर डीवाईएसपी भूपेन्द्र जाखड़,रावतसर एसएचओं जयसिंह दईया,भिरानी एसएचओं रामकुमार लेघा,गोगामेडी एसएचओं भूपसिंह सहारण,नोहर एसएचओं रणवीर सांई,हनुमानगढ़ उपनिरीक्षक अनिल कुमार,हैड कांस्टेबल साइबर सैल के वाहेगुरू सहित पुलिसकर्मी शामिल थे। इस पुलिस टीम की जांच शून्य रही। 



आईजी ने गठित की दूसरी पुलिस जांच टीम,अब फिर जांच!
बीकानेर रैंज के महानिरीक्षक डॉ.बीएल मीना के आदेश पर भादरा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के सुपरविजन में डीवाईएसपी अत्तर सिंह पूनिया के नेतृत्व में गठित नोहर,भादरा, खुईयां, गोगामेड़ी थानों के प्रभारी सहित 18 सदस्यीय टीम ने नए सिरे से जांच शुरू की दी है। जांच टीम ने सर्व प्रथम घटना स्थल का मौका मुआयना किया कर जांच शुरू की। उधर,एसओजी ने पुलिस जांच टीम के साथ-साथ हत्याकांड की जांच तेज कर दी।


सवाल ऐसे जो मुंह खोले खड़े हुए है!

सवाल नंबर 1. आखिर किस व्यक्ति ने किया था पवन व्यास को अटल सेवा केंद्र में आने के लिए फ़ोन ? 
सवाल नंबर 2. एक लोकेशन में तीन दिन बजता रहा फोन लेकिन पुलिस क्यों नहीं कर पाई ट्रेस ?
सवाल नंबर 3. हत्याकांड के समय अटल सेवा केंद्र के आस-पास कितने फोन एक्टिव थे खुलासा नहीं हुआ! क्यों ?
सवाल नंबर 4. घटना स्थल से वाटर कूलर व कुर्सी से लिए गए फिगर प्रिंटों की रिर्पोट 18 माह बाद क्यों नहीं आई ?
सवाल नंबर 5. बताया जाता है की लेपटॉप भी रहा था चालु उसे भी पुलिस क्यों नहीं कर पाई ट्रेस ?
दबाब बढ़ा तो पुलिस व एसओजी ने डाला गाँव में डेरा!
आईजी के आदेश पर नव गठित 18 सदस्य पुलिस टीम व एसओजी ने गांव जसाना में डेरा डाल कर मर्डर की गहनता से जांच शुरू कर दी। उधर ग्रामीण हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर थाने के आगे पड़ाव पर अडिग है। हाल ही में आईजी ने पड़ाव स्थल पर पहुँच कर ग्रामीणों से वार्ता कर जल्द मामले को सुलझाने का आश्वासन दिया है.

मर्डर नहीं खुला तो लोक सभा चुनावों का भी होगा बहिष्कार 
आपको ज्ञात होगा की हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में भी ग्रामीणों ने एकता का परिचय देते हुए विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया था। तो वहीं अबकी बार अगर सूत्रों की मानें तो पवन व्यास के हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो ग्राम पंचायत जसाना के साथ आस-पास की दर्जन भर ग्राम पंचायते आगामी लोक सभा चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार करेगी। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुलिस व एसओजी के कारण उन्हें अपने मतदान अधिकार से वंचित रहना पड़ा तो आंदोलन ओर उग्र होगा। जिसकी जिम्मेदार जांच टीम व एसओजी की होगी। एसओजी ने हत्याकांड की जानकारी देने वालों के लिए 25 हजार रू का इनाम रखा है। ओर सूचनार्थी की पहचान गुप्त रखी जाएगी। 



जनसम्पर्क आज भी जारी!
नोहर थाने के सामने चल रहे पड़ाव में आज भी ग्रामीणों का सहयोग साफ़ देखा जा सकता है। जानकारों की माने तो प्रत्येक दिन आस-पास के गाँवों में जनसम्पर्क कर धरना स्थल पर सहयोग करने की अपील की जा रही है। जिसके चलते धरना स्थल पर हर रोज मृतक के पिता के साथ नए-नए गाँव व ग्रामीण लगातार जुड़ते जा रहे है। ग्रामीणों द्वारा धरना लगाने के दिन से ही एक गाडी लाउडस्पीकर सहित ग्रामीण अंचलो में प्रचार करने में जुटी हुई है। वहीं दूसरी तरफ परिजनों में अपने लाल के हथियारों को पकड़े जाने की ललक साफ़ देखी जा सकती है। 

इन्साफ तक जारी!

Report Exclusive News पवन व्यास हत्याकांड की गुत्थी सुलझने तक अपनी "इन्साफ तक जारी" मुहीम को जारी रखेगा। इस मुहीम में कोई भी ग्रामीण, सामाजिक,धार्मिक , राजनैतिक संगठन सहयोग करना चाहता है तो हमारे कुलदीप शर्मा के व्हाट्सप्प नंबर 9414540955 पर इस मामले से संबंधित जानकारी प्रदान कर सकता है। Report Exclusive News अपने मुहीम के जरिये आमजन व सरकार तक पीड़ित परिवार की आवाज पहुंचाने का हर संभव प्रयास करेगा। पवन व्यास हत्याकांड का जब तक खुलासा नहीं हो जाता है हमारी मुहीम जारी रहेगी!

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement