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जाने कैसे अपने कार्य को ही बनाएं खुशियों का आधार!


कई बार ऑफिस में रुचि से इतर भी कुछ काम करने पड़ जाते हैं। कार्य का बोझिल मन से किया जाना आपके चेहरे पर भी साफ झलकता है। ऐसा करते समय आप अपने चेहरे पर कुछ ऐसे भाव ओढ़ लेते हैं, मानों सारे संसार की समस्याएं आपके ही सिर पर आ पड़ी हों। यह रवैया आपके भीतर नकारात्मक सोच को जन्म देता है और आप नकारात्मक ऊर्जा से घिरने लगते हैं। अगर आप वही काम मुस्कराहट के साथ खुशी से करें तो निश्चित रूप से काम बेहतर होगा और कुछ सीखने को भी मिलेगा, साथ ही ऐसा करने पर आपके बॉस आपसे प्रभावित होंगे और बाकी सहकर्मी भी आपसे प्रेरित होंगे। कुछ तरीकों को अपना कर आप अपने काम को बेहतर तरीके से खुशी-खुशी कर सकते हैं। ऐसे ही तरीकों को हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं हम...



कारण पहचानें
काम के वक्त खुश न होने के कई कारण हो सकते हैं। हो सकता है, उस काम को करने से आपको संतुष्टि न मिल रही हो या फिर वह नाखुशी आपकी नकारात्मक सोच का नतीजा हो। आपको इन वजहों को दूर करते हुए काम के वक्त खुश रहने का प्रयास करना चाहिए। इससे आपके आसपास का माहौल खुशनुमा रहेगा और काम भी बेहतर तरीके से हो जाएगा।

सकारात्मक सोच
खुशी के साथ काम को पूरा करने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपके भीतर सकारात्मक ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। जब आप खुद को ऊर्जावान महूसस करेंगे, तब आप दोगुने रफ्तार से उस काम को करेंगे और ऐसा करने पर आपका काम सफलता से पूरा होगा। जब अच्छी सोच के साथ किसी काम की शुरुआत की जाती है तो काम का आनंद भी मिलता है और नई चीजों को जानने-समझने का मौका भी। 

नया करने की चाह
ऑफिस के लिए घर से निकलें तो यह न सोचें कि आप सिर्फ काम करने के लिए वहां जा रहे हैं, बल्कि यह सोचें कि ऑफिस में कुछ नया करने जा रहे हैं। यह नयापन किसी आइडिया की तलाश से लेकर अपने काम को प्रभावी बनाने के किसी नए तरीके की खोज के रूप में भी हो सकता है। ऐसा करने से आपकी कार्यशैली में निखार आएगा और आप तनावमुक्त रहेंगे।

आलोचना से बचें
बहुत से लोग अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाते। ऐसे लोग काम के दौरान गलती हो जाने पर खुद को कोसने लगते हैं और मायूस हो जाते हैं। ऐसा करने से हीनता की भावना बढ़ती है और उनका आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है। इसलिए मायूस होने या खुद को कोसने की बजाए, गलती के कारणों को तलाशें और उन्हें दूर करने का प्रयास करें।



माफ करना सीखें
काम करने के दौरान अक्सर साथी कर्मचारियों के हाथों कुछ गलतियां हो जाती हैं। ज्यादा गंभीर न होने की स्थिति में गलतियों को तूल नहीं देना चाहिए। उन्हें अनजाने में हुई गलती समझ कर साथी कर्मचारी को माफ कर देना चाहिए। इससे साथी को सुधार का मौका मिलेगा, उसे अपनी गलती का एहसास भी होगा और रिश्तों में मिठास भी बनी रहेगी।

बदलाव के लिए रहें तैयार
आजकल टेक्नोलॉजी में बहुत से बदलाव हो रहे हैं, आए दिन नई-नई टेक्नोलॉजी आती रहती है। ऐसे में इन बदलावों से घबराएं नहीं, बल्कि उनका सामना करें। खुद को अपटूडेट करें। बदलावों को समझें, उनसे भागे नहीं।

अफवाहों से बचें 
दुनिया में शायद ही कोई व्यक्ति होगा, जो अपने बारे में झूठी और मनगढ़ंत बातें को सुनना पसंद करेगा। फिर भी जाने-अनजाने लोग अफवाहों का हिस्सा बन जाते हैं। कभी खुद किसी साथी के बारे में मनगढंत बातें दूसरे सहयोगियों को बताते हैं, तो कभी मजे लेकर दूसरों के झूठे किस्से सुनते हैं। इससे आपसी रिश्ते खराब होते हैं और तनाव बढ़ता है।



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