श्रीगंगानगर। देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी ने अपनी सभाओं में कई बार कहा था कि वे न तो खायेंगे और न ही खाने देंगे। उनका स्पष्ट इशारा था कि अब रिश्वतखोरी नहीं चलेगी। पीएम नरेन्द्र मोदी के इन बयानों का उनकी पार्टी के नेताओं ने ही अनुसरण नहीं किया।
श्रीगंगानगर नगरपरिषद में प्लास्टिक डिस्पोजल विक्रेता एक दुकानदार से दस हजार की रिश्वत लेते और 76 हजार की संदिग्ध राशि सहित पकड़े गये स्वास्थ्य अधिकारी सुमित फुटेला की मां पुष्पा सिडाना फुटेला भाजपा महिला मोर्चा में जिला उपाध्यक्ष है। उन्हें नगर मण्डल अध्यक्ष पद से कुछ ही दिन पहले पदोन्नत कर जिला उपाध्यक्ष बनाया गया।
शुक्रवार दोपहर को नगरपरिषद में जब सुमित फुटेला एसीबी द्वारा पकड़ा गया तो पुष्पा फुटेला ने भाजपा के कई नेताओं से अधिकारियों को फोन करवाने का प्रयास किया गया। वर्ष 2000 में फुटेला जब नगरपरिषद में संविदा के आधार पर नियुक्त हुआ था, तब कांग्रेस का बोर्ड था। बीते करीब 19 वर्षां के दौरान नगरपरिषद में चाहे किसी भी पार्टी का बोर्ड रहा हो, सुमित फुटेला सभी का ही चहेता बना रहा। फलस्वरूप उसे नगरपरिषद में अहम पदों की जिम्मेवारियां मिलती रहीं। इन पदों की आड़ में उसने जमकर भ्रष्टाचार किया। वह न केवल खुद खाता था, बल्कि दूसरों को भी खिलाता था। इसलिए अधिकारियों की भी उस पर कृपादृष्टि रहती थी। आज एसीबी की विशेष अदालत में पेश किये जाने पर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
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