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तालिबान नेता अमेरिकी सैन्य शिविर के पास छिपा रहा


न्यूयार्क, (वेबवार्ता)। आतंकवादी संगठन तालिबान का नेता मुल्ला उमर कई वर्षों तक अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य ठिकाने के निकट छिपा रहा और सैनिकों को भनक तक नहीं लगी। बीबीसी न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी एजेंसियां हालांकि लंबे वक्त तक ये मानती रहीं कि मुल्ला उमर का गुप्त ठिकाना पाकिस्तान में कहीं था।


डच पत्रकार बेट्टी डैम ने अपनी किताब द सीक्रेट लाइफ ऑफ मुल्ला उमर में दावा किया है कि मुल्ला उमर अपने अफगानी प्रांत जाबुल में स्थित अमरीकी सैन्य अड्डे से मात्र तीन मील दूर स्थित एक जगह पर छिपा हुआ था। डैम ने पांच साल तक गहन शोध और तालिबान के सदस्यों के साथ इंटरव्यू के बाद जुटाई जानकारियों के आधार पर यह किताब लिखी है। डच भाषा में प्रकाशित इस पुस्तक का अग्रेजी संस्करण भी शीघ्र आने वाला है।

अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के बाद अमेरिकी सरकार ने मुल्ला उमर के सिर पर एक करोड़ डॉलर के इनाम की घोषणा की थी। इसके बाद कई सालों तक अमेरिकी ख़ुफिया एजेंसियां मुल्ला उमर की तलाश करती रहीं और मुल्ला उमर उनके ही सैन्य अड्डे के पास छिपा रहा। वर्ष 2001 में अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के ख़ात्मे के बाद से साल 2013 में अपनी मौत तक मुल्ला उमर दुनिया की नजरों से ओझल रहा।


मुल्ला उमर के भूमिगत होने के बाद जब्बार ओमारी नाम के शख़्स ने उनके अंगरक्षक की भूमिका निभाई। बेट्टी डैम ने जब्बार ओमारी से बातचीत की थी। किताब के मुताबिक, अमेरिकी सुरक्षाबलों ने एक मौके पर मुल्ला उमर के ठिकाने की तलाशी भी ली लेकिन वे उसके गुप्त ठिकाने का पता लगाने में असफल रहे। ये ठिकाना एक हजार सैनिकों की उपस्थिति वाले अमेरिकी सैन्य अड्डे से मात्र तीन मील की दूरी पर स्थित था। इसके साथ ही भूमिगत रहते हुए मुल्ला उमर ने संवाद के लिए अपनी खुद की भाषा विकसित की।

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