(काल्पनिक चित्र)
समेजा कोठी।(सतवीर सिह मेहरा)सरकार ने स्थानीय शासन में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए आरक्षण का इंतजाम किया हैं ताकि समाज में महिला का वर्चस्व बना रहे,महिला का जीवन चुल्ले चौंके तक सिमित न रहे।लेकिन महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के लिए अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत हैं।राजस्थान में पंचायती राज विभाग में सरपंच पद के लिए महिलाओं को पंचायत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल रहा हैं जो सराहनीय हैं।
लेकिन कई बार प्रशिक्षण के अभाव में महिला पंचायत का प्रतिनिधित्व सुचारू रूप से नही कर पाती परिणामस्वरूप ग्रामीणों को पति की चौधर का सामना करना पडता हैं जिससे पंचायत का विकास प्रभावित होने की अंशका बनी रहती हैं।
जनता जिस ऊम्मीद से वोट देकर पंचायत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पंचायत के मुखिया की कुर्सी उसे सौंपती हैं तो लाजमी हैं की वह महिला ही उस कुर्सी पर बैठे व पंचायत के कामकाज निपटाये।
सरकार का यह सराहनीय कदम हैं की राज व्यवस्था में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की हैं तब से महिला की स्थानीय शासन में भागीदारी बढ़ी हैं।
हमारे खबर प्रकाशित करने का यही ऊद्देश्य हैं की गांव के वोटर उस प्रतिनिधि से जरूर रूबरू हो जो सरपंच पद की दावेदारी जता रहा हो ताकि उनके विचारो को जाना जा सके।पुरूष की लोकप्रियता को नजरअंदाज करके मुख्य जनप्रतिनिधि का परिचय ले कि वह गांव की पंचायत की कुर्सी पर बैठकर जनता के सुख दुख में काम आये।
समेजा कोठी।(सतवीर सिह मेहरा)सरकार ने स्थानीय शासन में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए आरक्षण का इंतजाम किया हैं ताकि समाज में महिला का वर्चस्व बना रहे,महिला का जीवन चुल्ले चौंके तक सिमित न रहे।लेकिन महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के लिए अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत हैं।राजस्थान में पंचायती राज विभाग में सरपंच पद के लिए महिलाओं को पंचायत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल रहा हैं जो सराहनीय हैं।
लेकिन कई बार प्रशिक्षण के अभाव में महिला पंचायत का प्रतिनिधित्व सुचारू रूप से नही कर पाती परिणामस्वरूप ग्रामीणों को पति की चौधर का सामना करना पडता हैं जिससे पंचायत का विकास प्रभावित होने की अंशका बनी रहती हैं।
जनता जिस ऊम्मीद से वोट देकर पंचायत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पंचायत के मुखिया की कुर्सी उसे सौंपती हैं तो लाजमी हैं की वह महिला ही उस कुर्सी पर बैठे व पंचायत के कामकाज निपटाये।
सरकार का यह सराहनीय कदम हैं की राज व्यवस्था में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की हैं तब से महिला की स्थानीय शासन में भागीदारी बढ़ी हैं।
हमारे खबर प्रकाशित करने का यही ऊद्देश्य हैं की गांव के वोटर उस प्रतिनिधि से जरूर रूबरू हो जो सरपंच पद की दावेदारी जता रहा हो ताकि उनके विचारो को जाना जा सके।पुरूष की लोकप्रियता को नजरअंदाज करके मुख्य जनप्रतिनिधि का परिचय ले कि वह गांव की पंचायत की कुर्सी पर बैठकर जनता के सुख दुख में काम आये।
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