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जोधपुर रेल वर्कशाॅप में एनएमजी कोच तैयार होने प्रारम्भ

जोधपुर और अजमेर वर्कशाॅप में तैयार होंगे 100 एनएमजी कोच

श्रीगंगानगर,। माल लदान को सुगम व आसान बनाने के लिये रेलवे द्वारा निरन्तर नई तकनीक को उपयोग में लाने के कार्य किये जाते है। आॅटोमोबाइल का परिवहन आसान व सुरक्षित हो इसके लिये न्यू माॅडिफाइड गुड्स (एनएमजी) कोचज का निर्माण रेलवे द्वारा किया जा रहा है।
 उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जन सम्पर्क अधिकारी श्री सुनील बेनीवाल ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आनन्द प्रकाश के दिशा-निर्देशों के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे पर न्यू माॅडिफाइड गुड्स (एनएमजी) कोचज का निर्माण जोधपुर और अजमेर वर्कशाॅप में लक्ष्यानुसार किया जा रहा है, जिसके तहत जोधपुर वर्कशाॅप में न्यू माॅडिफाइड गुड्स (एनएमजी) कोच तैयार होना प्रारम्भ हो गये है। जोधपुर वर्कशाॅप में पहला कोच एनएमजी कोच तैयार कर दिया गया है और अन्य का कार्य प्रगति पर है। रेलवे वर्कशाॅप में 20 वर्ष या उससे अधिक आयुवर्ग के कोचों को आॅटोमोबाइल कैरियर ले जाने के लिये एयर ब्रेक कोच में परिवर्तित किया जा रहा है। इन कोच को न्यू माॅडिफाइड गुड्स (एनएमजी) तथा इन कोचों से तैयार रैक को न्यू माॅडिफाइड गुड्स (एनएमजी) रैक के नाम से जाना जाता है। एक एनएमजी रैक में डिजायन किये 22 से 23 एनएमजी कोच होते है तथा प्रत्येक कोच में 5 कार का परिवहन करने की क्षमता है, इस प्रकार एक रैक के माध्यम से लगभग 125 कारों का परिवहन किया जा सकता है।
 उन्होने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे को रेलवे बोर्ड द्वारा 100 कोच को एनएमजी कोच में परिवर्तित करने का लक्ष्य प्रदान किया गया है जिसमें जोधपुर वर्कशाॅप को 40 व अजमेर वर्कशाॅप को 60 कोच आवंटित किये गये है तथा इनको लक्ष्यानुसार तैयार किये जाने का कार्य प्रारम्भ हो गया हैं। एनएमजी कोच के परिवर्तन में मुख्यतः कोच इंटीरियर की स्ट्रिीपिंग करनाए खिड़कियों तथा दरवाजों को हटाकर उनको बंद करनाए कोच के दोनों छोरों पर दरवाजें लगाना तथा एंड पैनल को हटाने का कार्य, फ्लोर के मोडिफिकेशन का कार्य, चैनल लगाने का कार्य, कटिंग और रिपेयरिंग सम्बंधित कार्य तथा कोच के अन्दर व बाहर पेंटिंग के कार्य किये जाते है।
उन्होने बताया कि एनएमजी कोच की विशेषताएं इस प्रकार है कि इन कोच की भार वहन क्षमता 9.2 टन है, इन कोच की अधिकतम गतिसीमा 75 किलोमीटर प्रति घंटा है, इन कोच की आयु एनएमजी परिवर्तन की दिनांक से 10 वर्ष या कुल 35 वर्ष जो भी पहले हो है, कोच के 2800एमएम  एक्स 2200एमएम के चैडे प्रवेश के द्वार। इन कोच में उन्नत प्रकार की एडजेस्टेबल सैन्ट्रल लाॅकिंग का प्रावधान किया गया है, जिससे परिवहन के दौरान व्हीकल्स् के डेमैज होने की संभावना नहीं रहती है, आवधिक अनुरक्षण अवधि (पीएचओ) 24 माह है तथा कोच को न्यू माॅडिफाइड गुड्स (एनएमजी) में परिवर्तित करने का खर्च बहुत ही किफायती है एक कोच की लागत लगभग 10 लाख तक आती है।

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