श्रीगंगानगर,। भारत सरकार द्वारा संचालित नशामुक्त भारत अभियान तथा श्रीमान एम.एल. लाठर डीजीपी राजस्थान सरकार द्वारा निर्देशित आॅपरेशन प्रहार के अन्तर्गत जिला कलक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा एवं जिला पुलिस अधीक्षक श्री राजन दुष्यंत के निर्देशानुसार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हरखेवाला में नशामुक्ति जनजाग्रति कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को पुलिस थाना घमुडवाली द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में राजकीय नशामुक्ति परामर्श एवं उपचार केन्द्र पुराना राजकीय चिकित्सालय श्रीगंगानगर के प्रभारी डाॅ0 रविकान्त गोयल ने कहा कि नशा बुराइयों की जड़ है, नशा व्यक्ति को मानसिक व शारीरिक रूप से अपना गुलाम बना लेता है, जिस से नशा न मिलने पर व्यक्ति तन्द्रालु, उदासी व बेचैेन हो जाता है, आॅख नाक में पानी आना, उल्टी-दस्तलगना व सनफेंचलना आदि समस्याएं आने लगती है। साथ ही नशे के प्रभाव को बनाये रखने के लिये धीरे-धीर नशे की मात्रा बढानी पडती है। जिससे व्यक्ति नकारा होकर समाज पर बोझ बन जाता है। डाॅ0 गोयल ने दुष्परिणामों की जानकारी देेकर नशा रहित जीवन जीने के वैज्ञानिक तरीकों की जानकारी प्रदान की तथा उपस्थित जनसमूह को जीवन भर नशा न करने की शपथ दिलवाई।कार्यक्रम में पैरालीगल वाॅलंेटियर व चैसकोच इन्द्रमोहन सिंह जुनेजा ने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में मानव जीवन में नशे का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। व्यक्ति को अपने समय व ऊर्जा का सदुपयोग अपने व समाज के जीवन स्तर को ऊॅंचा उठाने में करना चाहिए। श्री जुनेजा ने पुलिस द्वारा दशकों से चलाये जा रहे नशामुक्ति अभियान की जानकारी देकर इसकी सफलताओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में श्री बलजीत सिंह ए.एस.आई. कार्यकारी, थानाअधिकारी पुलिस थाना घमुडवाली ने कहा कि नशा एक सामाजिक बुराई है, समाज में घटित होने वाले अधिकतर अपराधों के पीछे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से नशा ही प्रमुख कारण होता है, नशा परिवारों में विघटन लाता है। नशे को मिटाकर ही नशे के दुष्परिणामो ंसे बचा जा सकता हैं।
कार्यक्रम में श्री भैराराम सरपंच ग्राम पंचायत जीवनदेसर ने कहा कि जिस घर के लोग नशा करते है, वहां गरीबी, बीमारी, गृहक्लेश, दुखद भविष्य आदि का जमावड़ा हो जाता है। प्रत्येक ग्रामवासी को न केवल स्वंय नशों से बचना चाहिए, अपने परिवार व ग्राम को नशामुक्त करने में अपना पूरा जोर लगा देना चाहिए।
कार्यक्रम में संस्था प्रधान शिवकिरण बिश्नोई ने कहा कि नशामुक्ति अभियान एक पावन यज्ञ के समान है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को आहुति के रूप में अपनी पूर्ण भागीदारी देनी चाहिए जिससे हमारा समाज नशामुक्त हो सके तथा आने वाली पीढी नशामुक्त वातावरण में सांस ले सके। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को नशे से मुक्त रहने तथा अपने परिवार को नशामुक्त करने व बनाये रखने में सजग प्रहरी की भूमिका निभाने की प्रेरणा प्रदान की।
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