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जिले में किसी प्रकार के धार्मिक आयोजन नहीं होंगे

 जिले में किसी प्रकार के धार्मिक आयोजन नहीं होंगे


श्रीगंगानगर। कोविड-19 संक्रमण एवं बचाव को लेकर वर्तमान में कोविड-19 जिस तरह से बढ़ रहा है, उसकी गंभीरता को देखते हुए सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाहाॅल में जिला प्रशासन व विभिन्न धर्म गुरूओं की बैठक आयोजित की गई, जिसमें चर्चा की गई आमजन को कोविड-19 से बचाने के लिये धार्मिक स्थलों में कोरोना गाईडलाइन की पालना कड़ाई से की जाये।
जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन ने कहा कि जिले में किसी भी प्रकार के धार्मिक आयोजन, जुलूस, सभाएं, कीर्तन, जागरण, जलसा इत्यादि नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की गाईडलाइन के अनुसार नागरिकों की अधिक भीड़ नहीं होनी चाहिए तथा जो एडवाईजरी जारी की गई है, उसकी पालना सभी धार्मिक स्थलों को करनी होगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक धार्मिक स्थलों के आयोजक यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी नागरिक धार्मिक स्थल में बिना मास्क प्रवेश नहीं करेंगे या उन्हें अनुमति न दें। धार्मिक स्थलों में प्रोपर सेनेटाईजर की व्यवस्था हो तथा एक दूसरे नागरिक के बीच दूरी पर्याप्त रखी जाये, इस कार्य में धार्मिक स्थलों के वाॅलेंटियर्स की सेवाएं ली जाये।
जिला कलक्टर ने कहा कि वर्तमान में पूरे देश व राज्य में भी कोरोना तेज गति से फैल रहा है। आमजन के जीवन को खतरा है, इसलिये सभी धार्मिक स्थलों में गाईडलाइन की पालना करनी चाहिए। सभी धार्मिक स्थलों पर कोविड अप्रोप्रीयेट बिहेवियर तथा प्रोटोकाॅल की पालना सुनिश्चित की जाये, अवहे्लना करने पर संबंधित धार्मिक स्थल को बंद करना होगा। अधिकारी, कर्मचारी समय-समय पर धार्मिक स्थलों का निरीक्षण भी करेंगे।
पुलिस अधीक्षक श्री राजन दुष्यंत ने कहा कि जिस प्रकार कोरोना बढ़ रहा है, तो ऐसी परिस्थितियां बन सकती है। कई जिलों में धार्मिक स्थल बंद किये गये है, विभिन्न धर्मों में किसी विशेष दिवस को अधिक नागरिक आते है, उसे रोकना होगा। धार्मिक आयोजन किसी भी सूरत में नहीं किये जाये।
अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन श्री भवानी सिंह पंवार ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक है तथा जो फीडबैक मिल रहा है, उसके अनुसार कोविड-19 के रोगी दोगुने आ रहे है तथा जिन्हें आॅक्सीजन की जरूरत है, वे रोगी चार गुना आ रहे है। इससे ये लगता है कि स्थिति गंभीर है। उन्होंने कहा कि सभी धार्मिक स्थलों को प्रोटोकाॅल की पालना करनी होगी अन्यथा सख्त कदम उठाने होंगे। धार्मिक संस्थाओं के संचालक यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी नागरिक बिना मास्क के प्रवेश नहीं करेगा। हर संस्था को अपनी-अपनी जिम्मेदारी लेनी होगी।
बैठक में शहर की विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भाग लिया तथा अपने विचार व्यक्त किये। 

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