*प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 'हर घर नल कनेक्शन' की संख्या पहुंची 20 लाख के पार*
*प्रदेश के 549 गांवों और 60 ग्राम पंचायतों के सभी घरों में नल से जल कनैक्शन की सुविधा*
*422 गांवों में 90 प्रतिशत से अधिक घरों का कवरेज पूरा*
जयपुर,। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ‘हर घर नल कनेक्शन' की संख्या अब 20 लाख के पार पहुंच गई है। प्रदेश के 43 हजार 362 गांव और ढ़ाणियों में एक करोड़ एक लाख 32 हजार 274 परिवारों में से वर्तमान में 20 लाख 683 से अधिक घरों में नल से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।
जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 549 गांवों और 60 ग्राम पंचायतों के सभी परिवारों को 'हर घर नल कनैक्शन' की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। इसके साथ ही 422 अन्य गांवों में 90 प्रतिशत या उससे अधिक परिवारों को 'हर घर नल कनैक्शन' दे दिए गए है। उन्होंने बताया कि इस श्रेणी के गांवों में शेष बचे घरों में 'हर घर नल कनैक्शन' के बचे कार्यों को प्राथमिकता से पूरा कर पूरे गांवों का कवरेज सुनिश्चित करने के लिए विभाग के स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।
डॉ. कल्ला ने बताया कि जल जीवन मिशन (जेजेएम) के अंतर्गत गत फरवरी माह से अब तक आयोजित राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की 5 बैठकों के बाद वर्तमान में प्रदेश के करीब 25 हजार गांवों में 65 लाख से अधिक 'हर घर नल कनैक्शन' की स्वीकृतियां उपलब्ध है। इनके विरूद्ध तकनीकी स्वीकृतियां और निविदाएं लगातार जारी की जा रही है। इसके अगले चरण में कार्यादेश जारी करते हुए 'हर घर नल कनेक्शन' के कार्यों को गति देने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है, जिससे प्रदेश में जेजेएम के तहत इस वित्तीय वर्ष में 'हर घर नल कनैक्शन' देने के लक्ष्य को प्राप्त करने में तेजी आए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जेजेएम की प्रगति और गतिविधियों में ग्रामीणों की सहभागिता में वृद्धि और ग्राम स्तर पर लोगों से व्यापक चर्चा के बाद शेष योजनाओं के निर्माण की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। अब तक 40 हजार 303 गांवों में ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों का गठन हो चुका है। इस समिति के 33 हजार 111 सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।
जलदाय मंत्री ने बताया कि प्रदेश में राजसमंद जिला 2 लाख 17 हजार 117 परिवारों में से 93 हजार 260 'हर घर नल कनेक्शन' (उपलब्धि-43 प्रतिशत) के साथ पहले स्थान पर है। हनुमानगढ़ 2 लाख 93 हजार 339 परिवारों में एक लाख 4 हजार 63 'हर घर नल कनेक्शन' (35.5 प्रतिशत) के साथ दूसरे, नागौर 5 लाख 32 हजार 545 परिवारों में एक लाख 88 हजार 449 'हर घर नल कनेक्शन' (35.4 प्रतिशत) के साथ तीसरे, पाली 3 लाख 67 हजार 786 परिवारों में एक लाख 29 हजार 690 'हर घर नल कनेक्शन' (35.3 प्रतिशत) के साथ चौथे तथा जयपुर 5 लाख 27 हजार 517 परिवारों में एक लाख 65 हजार 679 'हर घर नल कनेक्शन' (31.4 प्रतिशत) के साथ पांचवें स्थान पर है। इसके अलावा सिरोही में एक लाख 74 हजार 824 परिवारों में से 53 हजार 889 'हर घर नल कनेक्शन' (30.8 प्रतिशत), जालौर 3 लाख 51 हजार 505 परिवारों में 92 हजार 313 'हर घर नल कनेक्शन' (26.3 प्रतिशत), भीलवाड़ा 4 लाख 39 हजार 10 परिवारों में एक लाख 12 हजार 108 'हर घर नल कनेक्शन' (25.5 प्रतिशत), चुरू 2 लाख 98 हजार 844 परिवारों में 76 हजार 128 'हर घर नल कनेक्शन' (25.5 प्रतिशत), श्रीगंगानगर 2 लाख 96 हजार 70 परिवारों में 74 हजार 869 'हर घर नल कनेक्शन' (25.3 प्रतिशत) तथा सीकर 3 लाख 51 हजार 23 परिवारों में 83 हजार 348 'हर घर नल कनेक्शन' (23.7 प्रतिशत) के साथ क्रमशः छठे से दसवें स्थान (भीलवाड़ा एवं चुरू संयुक्त आठवां स्थान) पर है।
अन्य जिलों में झुुंझुनू में 330342 परिवारों को 76627 कनेक्शन (23.2 प्रतिशत), बीकानेर में 245806 परिवारों को 56935 (23.2 प्रतिशत), अजमेर में 319991 परिवारों को 64636 कनेक्शन (20.2 प्रतिशत), चितौड़गढ़ 287690 परिवारों को 54635 (19.0 प्रतिशत), जोधपुर में 375994 परिवारों को 65616 कनेक्शन (17.5 प्रतिशत), करौली में 217513 परिवारों को 36625 कनेक्शन (16.8 प्रतिशत), अलवर में 542656 परिवारों को 85730 कनेक्शन (15.8 प्रतिशत), सवाईमाधोपुर में 235808 परिवारों को 35882 कनेक्शन (15.2 प्रतिशत), टोंक में 224866 परिवारों को 30639 कनेक्शन (13.6 प्रतिशत), बूंदी में 192080 परिवारों को 25296 कनेक्शन (13.2 प्रतिशत) तथा उदयपुर में 546164 परिवारों को 68509 कनेक्शन (12.5 प्रतिशत) दिए जा चुके है। इसी प्रकार कोटा में 171527 परिवारों को 18466 कनेक्शन (10..8 प्रतिशत), झालावाड़ 252426 परिवारों को 27078 कनेक्शन (10.7 प्रतिशत), डूंगरपुर में 257252 परिवारों को 25093 कनेक्शन (9.8 प्रतिशत), बाड़मेर में 406619 परिवारों को 38358 कनेक्शन (9.4 प्रतिशत), बारां में 226810 परिवारों को 19854 कनेक्शन (8.8 प्रतिशत), दौसा में 251200 परिवारों को 19707 कनेक्शन (7.8 प्रतिशत), धौलपुर में 190940 परिवारों को 14177 कनेक्शन (7.4 प्रतिशत), बांसवाड़ा में 330698 परिवारों को 22644 कनेक्शन (6.8 प्रतिशत), भरतपुर में 387550 परिवारों को 25836 कनेक्शन (6.7 प्रतिशत), प्रतापगढ़ में 184638 परिवारों को 10685 कनेक्शन (5.8 प्रतिशत) तथा जैसलमेर में 104124 परिवारों को 3859 कनेक्शन (3.7 प्रतिशत) हो चुके है।
जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जेजेएम के लक्ष्य के अनुरूप 'हर घर नल कनैक्शन' तथा सभी घरों में नल कनैक्शन वाले गांवों की संख्या में बढ़ोतरी पर पूरा फोकस करते हुए रोजाना मॉनिटरिंग की जा रही है। अधिकारियों को जल जीवन मिशन को अपने जीवन का मिशन बनाते हुए सरकार की मंशा को साकार करने में जुटे रहने के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एसएलएसएससी में जारी ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं की मंजूरी की तुलना में इस साल के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए तकनीक स्वीकृतियां और निविदाएं जारी करने का कार्य अब अंतिम चरण में है। आने वाले दिनों में 'हर घर नल कनेक्शन' के कार्यों में और गति आएगी।
जल जीवन मिशन के मिशन निदेशक और मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री आरके मीना ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश में 30 लाख परिवारों को 'हर घर नल कनैक्शन' से जोड़ने की कार्ययोजना पर काम चल रहा है। इसमें से 18 लाख 'हर घर नल कनैक्शन' रेग्यूलर विंग तथा 12 लाख 'हर घर नल कनैक्शन' मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत दिए जाने का लक्ष्य है। इसके अलावा 12 हजार गांवों के सभी घरों में भी इसी वर्ष में 'हर घर नल कनैक्शन' देने के वार्षिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भी सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
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