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समेजा कोठी में स्वास्थ्य केंद्र का विकास,पशुपालको के लिए विशेष पशु स्वास्थ्य शिवर,सरकारी समस्त कार्यलय पुन शुरू करवाना बड़े मुद्दे

 

समेजा कोठी।चुनाव की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही हैं प्रत्याशी वोट जोड़ने के लिए मशक्त में जुटे हैं।नेता आमजन को विकास की बात कह कर वोट डालने की मांग कर रहे हैं।

समेजा कोठी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तो है लेकिन हालात ठीक नहीं है।डॉक्टरों के अधिकांश पद काफी लंबे समय से रिक्त पड़े हैं लेकिन किसी ने विधायक रहते भी हालत में सुधार करने की नही सोची।अस्पताल में एक डॉक्टर बैठने की जगह है,8 बेड है,बिल्डिंग पुरानी है यानी समस्या ही समस्या।महिला डॉक्टर न होने के कारण ग्रामीण महिलाएं पुरुष डॉक्टर को समस्या बताने में शर्म महसूस करती हैं अपनी समस्या खुलकर नहीं बता पाती हैं।लेकिन किसी नेता ने इन समस्याओं को अपनी समस्या समझ दूर करनी की नही सोची।

समेजा कोठी में सरकारी पशु चिकित्सालय भी काफी समय से नेताओ के मुंह की और ताक रहा हैं की कब बजट मिले व कब हालात में सुधार हो।पशु चिकित्सालय की बिल्डिंग में जगह दरारें आई हुई हैं।पशु पालक प्राइवेट डॉक्टरों से जेब कटवा रहे हैं,लेकिन परवाह किसी को नही।बात यही भी रुकती समेजा में आयुर्वेदिक अस्पताल भी है लेकिन बंद पड़ा रहता हैं।कोई सवाल करने वाला नेता नही।समेजा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कमरे निर्माण कार्य काफी समय से अटका पड़ा है लेकिन किसी नेता ने कोई सुध नहीं ली।यही नहीं दानदाता अस्पताल के लिए जगह उपलब्ध करवा रहे है लेकिन काम राजनीति के पेच में उलझ कर रह गया।

सवाल की जनता के सामने मुख्य परेशानियां काफी समय से है आखिर किसे नेता चुने की इन समस्याओं पर फोकस हो और समस्या का समाधान हो।

बीजेपी प्रत्याशी समेजा में अनाज मंडी व अस्पताल में सुधार का वादा कर रहा हैं।लेकिन जनता के दिमाग में प्रश्न की 5 साल समस्या क्यों नहीं महसूस हुई। कांग्रेस प्रत्याशी गहलोत की राहत योजनाओं को व स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर वोट मांगने में जुटे हैं लेकिन ग्रामीण लोकल सेवाओं में सुधार के नाम पर वोट देने की बात करने में सहमत दिखाई दे रहे है।अबकी बार वोटरों को रिझाने के पुराने तरीके शायद ही प्रत्याशियों के काम आए।ग्रामीण क्षेत्र में विकास के नाम पर व जनता की समस्या जो व्यक्ति अपनी समस्या मानकर आगे आएगा शायद वोट उसी के पाले में जायेगे।

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